लंदन 8 मई (अनुपमा जैन,वीएनआई) ब्रिटेन में कल हुए आम चुनावो मे 20 साल की माहिरी ब्लैक चुनाव जीतकर पिछले 350 साल में सबसे युवा सांसद बन गई हैं|
स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी पार्टी) की माहिरी ब्लैक ने लेबर पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा पैस्ले और रेनफ्रेशर साउथ इलाके से लेबर पार्टी के 47 वर्षीय धुरंधर नेता और पूर्व सांसद डगलस एलेक्जेंडर को 5000 वोटों से हराया। एलेक्जेंडर पहली बार 1997 में पैस्ले और रेनफ्रेशर साउथ सीट से सांसद चुने गए थे। वे 2010-2011 में लेबर पार्टी की सरकार में विदेश सचिव रह चुके हैं।ब्लैक के कुल 23,548 वोट के मुकाबले उन्हें सिर्फ 17,864 वोट ही मिले।
चुनाव जीतने के बाद माहिरी ने कहा, \'\'इस निर्वाचन क्षेत्र और पूरे स्कॉटलैंड की आवाज़ को उठाना हमारे लिए इस चुनाव का मुख्य मुद्दा था.\'\'
उन्होंने आगे कहा, \'\'मैं प्रण लेती हूं कि हम न केवल स्कॉटलैंड बल्कि पूरे यूनाइटेड किंगडम में सुधार की कोशिश करेंगे.\'|
ब्लैक ग्लास्गो यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस की स्टूडेंट हैं। हाल ही में उन्होंने फाइनल एग्जाम दिए हैं। फुटबॉल की जबरदस्त प्रशंसक मानी जाने वाली ब्लैक अपने स्कूल में फुटबॉल टीम की सदस्य भी थीं। उन्हें म्यूजिक सुनना और कई तरह के साज बजाना पसंद है।
उल्लेखनीय है कि ब्लैक की परवरिश लेबर पार्टी का समर्थन करने वाले आम स्कॉटिश परिवार में हुई। हालांकि, बाद में उनका पार्टी से मोहभंग हो गया। ब्लैक का कहना है कि लेबर पार्टी ने अपने समर्थकों और वामपंथी जड़ों से काफी दूरी बना ली है, जिस कारण उन्होंने लेबर पार्टी से हाथ खींच लिया।
ब्लैक की इस जीत में गत वर्ष सितंबर में ब्रिटेन से अलग होने के लिए स्कॉटलैंड में कराया गया जनमत संग्रह अहम मोड़ साबित हुआ। अक्टूबर में ब्लैक ने ऐसे कई कैम्पेन चलाए, जिसमें स्कॉटलैंड के हक में वोट न देने वालों को सेल्फिश (स्वार्थी) करार दिया गया। इसके बाद वह मीडिया की नजरों में आ गईं। नतीजा यह हुआ कि राष्ट्रवादी स्कॉटिश लोगों ने उन्हें अपना नेता चुन लिया। ब्लैक की जीत को स्कॉटलैंड में राष्ट्रवादियों की जीत का प्रतीक माना जा रहा है।
फुटबॉल और म्यूज़िक की शौकीन माहिरी ग्लासगो यूनिवर्सिटी में \'पॉलिटिक्स एंड पब्लिक पॉलिसी\' की पढ़ाई कर रही हैं|
गौरतलब है कि 2006 में चुनावों में खड़े होने के लिए न्यूनतम उम्र 21 से घटाकर 18 कर दी गई थी,इससे पहले 1667 में 13 वर्षीय क्रिस्टोफर मॉन्क, सेकंड ड्यूक ऑफ़ एल्बेमार्ले, सबसे कम उम्र के सांसद बने थे.