नयी दिल्ली 31 -07-2020,सुनील कुमार ,वी एन आई
मोहम्मद रफ़ी 24 दिसम्बर, 1924, अमृतसर में जन्मे व् 31 जुलाई, 1980, मुंबई में उनका देहांत हुआ , वे हिन्दी सिनेमा के महानतम पार्श्व गायकों में से एक थे, जिन्होंने क़रीब 40 साल के फ़िल्मी गायन में 25 हज़ार से अधिक गाने गाये । कभी लगता था कोई सूफी सन्त महात्मा गा रहा है ,कभी लगता था कोई पिता अपनी बेटी को विदा कर रहा है ,कभी लगता था कोई दार्शनिक जिंदगी का फलसफा बता रहा है ,कभी लगता था कोई गमगीन आशिक गा रहा है कभी लगता था कोई दिलफेंक आशिक गा रहा है कभी लगता था कोई हंसी मजाक करने वाला शख्स गा रहा है पर दरअसल हर गाने के पीछे होती थी वही जादुई आवाज यानी सुरों के जादूगर मोहम्मद रफ़ी की आवाज!लोग बाग़ तो यहाँ तक कहते हैं हिंदी फ़िल्मी गाना यानि मोहम्मद रफ़ी का गाना !
गायक के रूप में सुरों को वो बहुत मानते थे ,इंसान के रूप में वो इंसानियत और शराफत को बहुत मानते थे ऐसे थे मोहम्मद रफ़ी जो बहुत से गायकों और संगीत के साधकों के लिए संगीत की पाठशाला थे और आज भी हैं !आज उनकी पुण्य-तिथि पर संगीत प्रेमी ही नहीं खुद संगीत और सुरों की दुनिया उन्हें नम आँखों से याद कर रही है!
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