शर्मिला टैगोर ने कहा हिंदी सिनेमा में अभिनेत्रियों के लिए अलग नियम

By Shobhna Jain | Posted on 9th Dec 2017 | मनोरंजन
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मुंबई, 9 दिसंबर (वीएनआई)| गुजरे ज़माने की मशहूर अदाकारा शर्मिला टैगोर काफी समय से बड़े पर्दे से दूर हैं, लेकिन उन्हें इसका कोई मलाल नहीं है। शर्मिला को लगता है कि एक उम्र के बाद हर अभिनेत्री को इससे गुजरना पड़ता है, क्योंकि हिंदी सिनेमा की अभिनेत्रियों के लिए अभिनेताओं की तुलना में अलग नियम होते हैं। 

जिक्र करने पर कि आप बहुत समय से बड़े पर्दे पर नजर नहीं आई हैं, शर्मिला कहती हैं, "मेरे साथ कोई अजीब बात नहीं हुई है। यह एक उम्र को पूरा करने के बाद हर अभिनेत्री के साथ होता है, यहां तक कि माधुरी दीक्षित के साथ भी जिनकी उम्र काफी कम है, उसके बाद भी डेढ़ इश्किया के बाद उन्होंने कोई फिल्म नहीं की है। वहीं, अमिताभ बच्चन के लिए नियम अलग हैं। उनके पास शूजीत सरकार जैसे निर्देशक हैं जो उनके लिए भूमिकाएं लिखते हैं। अमिताभ इस वक्त जहां हैं, उन्हें उसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की, इस पर शर्मिला ने कहा, "अमिताभ जाहिर तौर पर एक दिग्गज कलाकार हैं, लेकिन मेरा मतलब यह है कि यही नियम अभिनेत्रियों के लिए अलग हैं। मैं मानती हूं रिभु दासगुप्ता की फिल्म टीई3एन कोरियाई फिल्म की रीमेक थी। अमिताभ को समायोजित करने के लिए महिला वाले मुख्य पात्र को पुरुष पात्र में बदल दिया गया। हिंदी सिनेमा में महिला कलाकारों के लिए ऐसा कौन करता है? उन्होंने कहा, "वहीं, दूसरी ओर यह भी है कि अगर अमिताभ जी वकील का किरदार नहीं निभाते को 'पिंक' को कौन देखने जाता। सिनेमा समाज में वास्तविकता को प्रदर्शित करता है और मुझे लगता है कि फिल्मों में वे एक महिला को ऐसी भूमिका नहीं दे सकते, क्योंकि वे सोचते हैं कि इससे वह कहानी के पात्रों की प्रमुख बन जाएगी। लेकिन क्षेत्रीय फिल्मों में नियम अलग-अलग होते हैं। उम्रदराज महिला पात्रों को भी प्रमुख भूमिका निभाने का अवसर मिलता है। अमिताभ के अलावा उनके साथी अभिनेताओं को भी ऐसी ही स्थिति से गुजरना पड़ा है? इस सवाल पर उन्होंने कहा, "यह स्वास्थ्य व उम्र के कारण है। राजेश खन्ना, शशि कपूर का निधन हो चुका है। इतनी उम्र होने के बावजूद धर्मेंद्र का प्रभाव कायम है। वह बहुत ही अच्छे इंसान हैं।

क्या बड़े पर्दे को याद करती हैं? इस पर शर्मिला का कहना था, मैंने कभी भी केवल अपने फिल्मी करियर पर ध्यान केंद्रित रखने के बारे में नहीं सोचा। बेशक मैं अभिनय से प्रेम करती हूं और जब मैं फिल्म करती हूं तो उस पर सबकुछ न्योछावर करती हूं। लेकिन सिनेमा मेरे लिए सबकुछ और अंतिम चीज नहीं है। मैं खुद को एक आकस्मिक अभिनेत्री मानती हूं। मुझे बहुत सारी चीजों में दिलचस्पी है। मैं यूनिसेफ और कई गैर-सरकारी संगठनों के साथ जुड़ी हूं। मैं जिस चीज पर विश्वास करती हूं, उसके लिए मुझे खड़ा होना और उस पर बात करना पसंद है। शर्मिला का आठ दिसंबर को जन्मदिन था। उम्र के 73 साल पूरे करने पर कैसा महसूस हो रहा? इस सवाल पर उन्होंने कहा, "जैसा हर दिन महसूस होता है, मैं खुद को अपनी उम्र के बारे में सोचने की अनुमति नहीं देती हूं। भाग्य से मेरे पास व्यस्त रहने के लिए बहुत सारी चीजें हैं और उनके साथ मैं सक्रिय रहती हूं।" 


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