नई दिल्ली, 10 दिसंबर (वीएनआई)| बॉलीवुड अभिनेता शाहिद कपूर का कहना है कि उनके जीवन में महिलाएं हमेशा से मजबूत शख्सियत रही हैं, खासकर उनकी मां अभिनेत्री नीलिमा अजीम, जिन्होंने बतौर एकल अभिभावक उनकी परवरिश की। वह अपनी पत्नी मीरा और बेटी मीशा को अपनी पूरी दुनिया मानते हैं और अपने जीवन में अब के मुकाबले वह और कभी नहीं खुश हो सकते थे।
शाहिद ने 'रीबॉक फिटटूफाइट अवार्ड्स 2.0' के दौरान बात की, जहां ब्रांड ने देशभर से नामित हुई साहसी और जुनूनी महिलाओं को सम्मानित किया। शाहिद अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ रीबॉक का प्रचार करते हैं। शाहिद ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ भी है, जिससे मुझे उतना जुड़वा महसूस हुआ, जितना स्वभाविक रूप से अभियान के साथ महसूस हुआ। मेरे जीवन में महिलाएं मजबूत शख्सियत रही हैं, जिसकी शुरुआत मेरी मां से होती है। वह एक एकल अभिभावक थीं और वह सबसे ज्यादा प्रभावशाली और मजबूत थीं और एक ऐसी शख्सियत रहीं, जिन पर मैं सबसे ज्यादा निर्भर रहा। उन्होंने कहा, "आज, मीरा और मीशा मेरी पूरी दुनिया हैं और यह सबसे स्वभाविक जुड़ाव है।
शाहिद का मानना है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं किसी भी परिस्थिति से निपटना अच्छी तरह जानती हैं। वे काफी स्वावलंबी और आत्मविश्वासी होती हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अगस्त 2016 में जन्मी बेटी मीशा को भी ये गुण देने जा रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि वह खुद ही अपने आप को जाने और परिवार का सम्मान करे और जो भी उसके पास है, उसकी सराहना करे। एक ऐसे उद्योग से आने पर जहां महिलाएं अपने पुरुष सह-कलाकारों के समान प्रभावी रूप से पर्दे पर नजर नहीं आने की शिकायत करती हैं, शाहिद का मानना है कि गुजरते सालों के साथ महिला अभिनेत्रियों में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि अपनी दमदार छवि और प्रभाव के लिए उनका अपने किरदार को बखूबी समझना महत्वपूर्ण है। यह महिला या पुरुष का मामला नहीं है। जो कहानियां बताए जाने की हकदार हैं उन्हें जरूर बताना चाहिए। जो किरदार दिखाए जाने के हकदार हैं उन्हें जरूर दिखाया जाना चाहिए। शाहिद की अगली फिल्म 'पद्मावती' को लेकर ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए कई संगठनों ने इसका विरोध किया। पहले यह एक दिसंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन बाद में इसकी रिलीज टल गई। इस बारे में अभिनेता ने कहा कि वह पहले ही काफी कुछ बोल चुके हैं और अब उन्हें नहीं लगता कि इस बारे में अब ज्यादा कुछ बोलने की जरूरत है।
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