नयी दिल्ली 15 -08-2017,सुनील कुमार ,वी एन आई
बॉलीवुड में प्रेम धवन को एक ऐसे गीतकार के तौर पर याद किया जाता है, जिनके देशभक्ति से भरे गीतों की प्रेरणा दायक ध्वनि कान में पड़ते ही आज भी आम भारतीय राष्ट्र-प्रेम की भावना से अभिभूत हुये बगैर नहीं रहता।
वर्ष 1961 में संगीत निर्देशक सलिल चौधरी के संगीत निर्देशन में फिल्म ''काबुलीवाला '' की सफलता के बाद प्रेम धवन शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचे। फिल्म काबुली वाला में पार्श्व गायक मन्ना डे की आवाज में प्रेम धवन का यह गीत 'ए मेरे प्यारे वतन ऐ मेरे बिछड़े चमन' आज भी श्रोताओं को वतन की सौंधी माटी से जोड़ देता है। इन सबके साथ वर्ष 1961 में प्रेम धवन की एक और कामयाब फिल्म 'हम हिंदुस्तानी ' प्रदर्शित हुई, जिसका गीत 'छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी ' सुपरहिट हुआ।
वर्ष 1965 प्रेम धवन के कैरियर का ख़ास वर्ष साबित हुआ। अभिनेता मनोज कुमार के कहने पर प्रेम धवन ने फिल्म शहीद के लिये संगीत निर्देशन किया। यूं तो फिल्म शहीद के सभी गीत सुपरहिट हुये, लेकिन ''ऐ वतन ऐ वतन '' और ''मेरा रंग दे बंसती चोला'' आज भी श्रोताओं के में बीच बहुत पसंद किये जाते है। फिल्म शहीद के बाद प्रेम धवन ने कई फिल्मों के लिये संगीत दिया।
7 मई 2001 को ये महान गीतकार ,कलाकार इस दुनिया को अलविदा कह गया
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