हर रोल में दिलों जां से काम करती हैं तापसी पन्नू

By Shobhna Jain | Posted on 4th Apr 2017 | मनोरंजन
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नई दिल्ली, 4 अप्रैल | फिल्म अभिनेत्री तापसी पन्नू ने अभी तो 'चश्मेबद्दूर', 'बेबी', 'पिंक' और 'नाम शबाना' -ये चार फिल्में ही की हैं, लेकिन इस छोटे से अंतराल में ही उन्होंने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों और आलोचकों, सभी का दिल जीत लिया है। हाल ही में रिलीज हुई उनकी फिल्म 'नाम शबाना' में उनके एक्शन दृश्यों की खूब तारीफ हो रही है। तापसी का कहना है कि वह यह नहीं देखतीं कि किरदार छोटा है या बड़ा, बस उसमें अपना सौ प्रतिशत हुनर देने की कोशिश करती हैं। तापसी ने 'बेबी' में एक सहायक अभिनेत्री का किरदार निभाया था, लेकिन 'नाम शबाना' में वह जासूस शबाना की शीर्षक भूमिका में हैं, जिसमें उन्होंने दमदार एक्शन और जबर्दस्त स्टंट्स किए हैं। यह अनुभव कैसा रहा और इसमें उन्हें क्या चुनौतियां पेश आईं? इस सवाल पर तापसी ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, "मैंने फिल्म के लिए मार्शल आर्ट की तीन विधाएं सीखीं, यही मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। रिलीज से पहले मैंने कभी इस बारे में नहीं सोचा कि मैं नाम शबाना में लीड रोल या शीर्षक भूमिका कर रही हूं, मैंने बस अपना सौ प्रतिशत हुनर देने की कोशिश की, लेकिन अब रिलीज के बाद जब लोगों की प्रशंसा मिल रही है, तो मुझे लग रहा है कि मैंने कुछ अच्छा काम किया है।" कहती हैं तापसी, "मैंने 'बेबी' में काम करते समय भी कभी यह नहीं सोचा कि वह एक कैमियो है या छोटा रोल है, मेरे लिए वह भी एक बहुत बड़ा किरदार था, जिसे मैंने पूरे दिल से निभाया। उसी की वजह से निर्देशकों को लगा कि मैं यह बड़ी जिम्मेदारी निभा सकती हूं और मुझे यह भूमिका मिली।" तापसी बेहद भाग्यशाली रही हैं कि अपने करियर के बेहद कम समय में ही उन्हें बिग बी, मनोज बाजपेयी और अक्षय कुमार जैसे मंझे हुए अभिनेताओं के साथ काम करने का मौका मिला। इससे अभिनय कौशल निखारने में उन्हें कितनी मदद मिली, इस सवाल पर तापसी ने कहा, "यकीनन अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार जैसे मंझे हुए कलाकारों के साथ काम करके केवल अभिनय की बारीकियां ही नहीं, इससे हटकर भी काफी कुछ सीखने को मिला। केवल ऑनकैमरा ही नहीं, बल्कि ऑफकैमरा उनका काम करने का तरीका कैसा होता है, सेट पर उनका व्यवहार कैसा होता है, किसी फिल्म को लेकर उनकी सोच क्या होती है, अपने प्रोजेक्ट को वे कैसे लेते हैं, यह सब कुछ सीखने को मिला। खासतौर पर ये दोनों कलाकार जो अपने पेशेवर रवैये और कड़ी मेहनत के लिए जाने जाते हैं, उससे काफी कुछ सीखने का मौका मिला।" तापसी ने अपनी वेबसाइट पर जिक्र किया है कि अपने निजी जीवन में वह बेहद स्पोर्टी रही हैं। क्या इस स्पोर्टी रवैये ने एक्शन पैक्ड परफॉर्मेस में उनकी मदद की, इस पर तापसी ने कहा, "हां, बिल्कुल! मुझे जब इस फिल्म के लिए एक्शन करने को कहा गया था, तो मुझ पर यह एक बड़ी जिम्मेदारी थी कि मैं अपने एक्शन दृश्यों को स्वाभाविक ढंग से निभा पाऊं, इसमें मेरे स्पोर्टी साइड ने मुझे काफी मदद की। मैंने मार्शल आर्ट को एक स्पोर्ट की तरह लिया, जिस वजह से यह बेहद स्वाभाविक रूप में निखरकर आया।" तापसी ने एक अन्य साक्षात्कार में कहा था कि 'रनिंग शादी' की वजह से उन्हें 'पिंक' मिली और 'बेबी' के अपने 10 मिनट के किरदार की वजह से उन्हें 'नाम शबाना' मिली, अब नाम शबाना के बाद उन्हें क्या उम्मीद है? पूछने पर तापसी ने कहा, "मैं यह नहीं कहती कि मुझे शीर्षक भूमिका ही मिले, लेकिन मैं बस यही उम्मीद करती हूं कि मुझे मजेदार और चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं मिलें, क्योंकि मैं जो भी फिल्में कर रही हूं, उनके माध्यम से मैं हर तरह के किरदार सशक्त तरीके से निभाने की अपनी क्षमता साबित करने का प्रयास कर रही हूं। मैं ऐसे किरदारों की तलाश में हूं जो कुछ अलग और चुनौतीपूर्ण हों, निर्देशकों से मेरी यही उम्मीद है।" 'बेबी' और 'नाम शबाना' दोनों में ही तापसी के एक्शन को काफी सराहा गया। क्या केवल इसी तरह की भूमिकाएं मिलती रहने का डर नहीं है? इस सवाल पर वह कहती हैं, "'पिंक' के बाद मुझे कई फिल्मों के प्रस्ताव मिले, जो लड़कियों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले जैसे किरदार थे, लेकिन मैंने वे फिल्में स्वीकार नहीं कीं। मुझे कोई ऐसी फिल्म मिलेगी, जो 'पिंक' के टक्कर की लगेगी या 'नाम शबाना' या 'बेबी' जैसे किरदार मिलें तो उसमें भी अगर उसी स्तर का किरादार होगा, तभी मैं उसे स्वीकार करूंगी।" तापसी ने फिल्म में एक जासूस की भूमिका निभाई है। असल जिंदगी में क्या आपको लगता है कि लड़कियों को रॉ या अन्य खुफिया एजेंसियों में जाना चाहिए? जवाब हाजिर था, "बिल्कुल! मैं मानती हूं कि लड़कियां बेहद कुशल जासूस हो सकती हैं और उन्हें ऐसे पेशों में जाना चाहिए। शीर्ष जासूसी एजेंसियां भी यह साबित कर चुकी हैं कि लड़कियां बेहद कुशल जासूस हो सकती हैं। मनोज वाजपेयी के साथ काम करने के अनुभव को लेकर तापसी ने कहा, "मनोज जैसे अच्छे सह-अभिनेता के साथ काम करने के लिए अपने अभिनय को उसी ऊंचे स्तर तक ले जाने की चुनौती होती है और इससे आपके काम में अपने आप ही निखार आ जाता है। आईएएनएस

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