गोलगप्पे के दीवाने गूगल ने बनाया एक खास डूडल

By Shobhna Jain | Posted on 12th Jul 2023 | English
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नई दिल्ली, 12 जुलाई, (वीएनआई) भारत के अलग-अलग हिस्सों में कई नामों से पहचाने जाने वाले गोलगप्पे और पानी के बताशे की लोकप्रियता पर आज गूगल ने इसपर एक खास डूडल बनाया है।

दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल ने जो डूडल तैयार किया है वो एक तरह का गेम है, जिसमे खिलाड़ी से ग्राहकों को पानी पूरी खिलाने को कहा जाता है। किस ग्राहक को कौन सा फ्लेवर पसंद है उसे मैच करना होता है ताकि ग्राहक खुश रहें। गौरतलब है गोलगप्पे को मैदा और सूजी से तैयार किया जाता है। इसके बाद इसमे आलू, मटर, चना आदि भरकर चटपटे पानी के साथ सर्व किया जाता है।

देश के अलग-अलग हिस्सों में गोलगप्पे को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। कहीं इसे पुचका कहते हैं तो कहीं इसे गोलगप्पा, कहीं पानी पुरी तो कहीं फुलकी। नाम के साथ इसे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरह से सर्व भी किया जाता है। महाराष्ट्र से लेकर आंध्र प्रदेश में गोलगप्पे के साथ इसे पानीपुरी भी कहा जाता है, वहीं पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में इसको गोलगप्पे के नाम से जाना जाता है। जबकि पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में इसे पुचका के नाम से जाना जाता है। देश के अलग अलग हिस्सों में इसे आलू या मटर के साथ चटपटे पानी के साथ सर्व किया जाता है। गौरतलब है इंदौर में एक रेस्टोरेंट ने गोलगप्पे के रिकॉर्ड 51 फ्लेवर सर्व करके विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया है। 

वैसे तो गोलगप्पे का इतिहास सदियों पुराना तो नहीं, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसको मूल रूप से उत्तरप्रदेश और बिहार में 100 साल पहले इसको इजात किया गया था, ऐसा भी कहा जाता है कि यह राजकचौरी का ही हिस्सा है और इसे उसी से इजात किया गया है। कुछ लोगो का मानना है कि इसे मुग़ल काल में इजात किया गया है था, वहीं कुछ इतिहासकार बताते है कि बिहार में इसे मगध नरेश के कार्यकाल में इजात किया गया है। वहीं एक पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत काल में इसे सबसे पहले द्रोपदी ने बनाया था, जब उसको पांडवो को कम संसाधन के साथ खाना खिलाने की जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने कुछ बचे हुए आलू, सब्जी और आटे से इसे भरकर किया। उन्होंने आटे से गोलगप्पे बनाए और इसमे सब्जियों को भरकर खिलाया था, यहीं से पानी पूरी की शुरुआत हुई थी।


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