समस्तीपुर 1 अगस्त (वीएनआई) देश भर में नागपंचमी का त्यौहार यूं तो हर जगह ही धूमधाम से मनाया जाता है पर बिहार के समस्तीपुर से करीब 23 किलोमीटर दूर सिंधिया घाट पर प्रतिवर्ष नागपंचमी पर लगने वाला मेला संभवत: दुनिया में एकमात्र ऐसा अद्भुत मेला है, ्जहां नागपंचमी के दिन सांपों की पूजा होती है। दूर दराज़ से आये लोग हर साल नागपंचमी के दिन लोग जुलूस में सांपों को लेकर चलते हैं. बुजुर्ग हो या फिर बच्चे सब सांप से खेलते नजर आ्ते हैं ।
इसके लिए लोग एक महीना पहले से लोग सांपों को पकड़ कर रखने लगते हैं. सांपों को दूध पिलाकर मन्नत मांग कर वापस छोड़ दिया जाता है। माना जाता है कि सिंधिया घाट का ये मेला तीन सौ सालों से ज्यादा समय से लगातार जारी है। नागपंचमी के दिन सांपों को पकड़ने की प्रथा कई पीढ़ियों से चली आ रही है।
्माना जाता है कि बरसों पहले ऋषि कुश का सांप बनाकर पूजा करते थे। लेकिन अब लोग असली सांप पकड़कर पूजा करते हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार बरसों से चले आ रहे इस मेले में आज तक किसी को भी सांप ने नहीं काटा।वैसे भी भारतीय संस्कृति में शिव के गले में सर्प और विष्णु को शेषनाग पर शयन करते हुए दिखाया गया है, जो प्रतीकात्मक रुप से सर्प और नाग के महत्व को उजागर करता है.
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