बीजिंग,16 सितंबर (वीएनआई) लोहे सी मजबूत माने जाने वाली चीन की दीवार खतरे मे है, और इसे बचाने और मरम्मत के लिये चंदा अभियान शुरू किया गया है .यूनेस्को द्वारा वैश्विक धरोहर घोषित इस धरोहर की मरम्मत के अभियान में अब तक 16 हज़ार लोगों ने ऑनलाइन चंदा जमा किया है. अब तक इस अभियान से क़रीब 45,000 डॉलर यानी लगभग 30 लाख रुपए जमा हो चुके हैं. दुनिया की सबसे प्रचीन लंबी और स्थापत्य का नायाब नमूना माने जाने वाली इस इमारत को दुनिया भर से रोजाना लाखो लोग देखने आते है
चाइना रेडियो इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, अगस्त में शुरू कि गया यह अभियान 'चाइनीज़ फ़ाउंडेशन फ़ॉर कल्चरल हेरिटेज कंज़र्वेशन' की तरफ़ से चलाया जा रहा है. यह सरकारी देख-रेख में काम करने वाली एक संस्था है, जिसका कहना है कि चीन की दीवार को मरम्मत की सख़्त ज़रूरत है.2300 वर्ष पुरानी और 8851 कि मी लंबी यह दीवार मिंग साम्राज्य के समय समय पर इसकी मरम्मत भी होती रहे.1957मे इसकी विधिवत मरम्मत और विस्तार की एक परियोजना शुरू हुई
फ़ाउंडेशन को उम्मीद है कि एक दिसंबर तक चंदे के रूप में उसके पास 17 लाख डॉलर यानी लगभग 11 करोड़ रुपए जमा हो जाएंगे.चंदा इकट्ठा करने वाले अभियान के प्रभारी तुंग याहुई का कहना है कि इस विशाल धरोहर की सुरक्षा करना अकेले सरकार का काम नहीं है.
उन्होंने कहा, "चंदा देने वाले हर आदमी को जोड़ने के बाद, चाहे उसकी रक़म बिल्कुल छोटी ही क्यों न हो, हम इस महान दीवार को बचाने का उपाय कर लेंगे."
जमा की गई इस रक़म का इस्तेमाल 'शीफ़ेंकाउ' सेक्शन की मरम्मत के लिए किया जाएगा. चीन की मशहूर दीवार का यह हिस्सा एक जलाशय से होकर गुज़रता है. तुंग के मुताबिक़, इस पर हुए सारे ख़र्च की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी.