नयी दिल्ली 30 अगस्त(शोभना जैन,वीएनआई) क्षमावाणी पर्व पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल कहा "मिच्छामी दुक्कड़म "-"क्षमा" .पर्यूषण पर्व के सम्पन्न होने पर क्षमावाणी दिवस पर प्रधान मंत्री ने आज कामना की कि समाज मे करूणा तथा क्षमा की शक्ति समाज मे एकता की भावना और मजबूत हो .
एक ट्वीट कर प्रधान मंत्री ने उपरोक्त भाव व्यक्त् करते हुए लिखा " मिच्छामी दुक्कड़म " एक अन्य ट्वीट मे प्रधान मंत्री ने देशवासियों को संवत्सरी पर्व( पर्यूषण पर्व का अंतिम दिवस)की शुभकामनायें देते हुए कहा कि संपूर्ण जगत मे अंंधकार, हिंसा तथा क्रोध का अंत हो और क्षमा तथा शांति का साम्र्राज्य हो
जैन धर्म की परंपरा के अनुसार पर्यूषण पर्व के आखिरी दिन, क्षमावाणी दिवस पर एक -दूसरे से “ मिच्छामी दुक्कड़म ” कहने की परंपरा है . जिसमे हर छोटे बडे से “ मिच्छामी दुक्कड़म ” कह कर क्षमा मांगी जाती हैं और कहा जाता है कि मैंने मन ,वचन , काया से ,जाने-अनजाने आपका मन दुखाया हो तो हाथ जोड़कर आपसे क्षमा मांगता हूँ
‘मिच्छामी’ का भाव क्षमा करने से और ‘ दुक्कड़म ’ का गलतियों से है. अर्थात मेरे द्वारा जाने अनजाने मे की गयी गलतियों के लिए मुझे क्षमा कीजिये .मिच्छामी दुक्कड़म प्राकृत भाषा का शब्द है.काफी जैन ग्रंथो की रचना प्राकृत भाषा मे ही हुई है.
पर्यूषण महापर्व,जैन धर्मावलंबियो मे आत्म शुद्धि का पर्व है\'
इस दौरान लोग पूजा,अर्चना, आरती, समागम, त्याग, तपस्या, उपवास आदि में अधिक से अधिक समय व्यतीत करते हैं
इस पर्व का आखिरी दिन क्षमावाणी दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसमे हर किसी से “ मिच्छामी दुक्कड़म ” कह कर क्षमा मांगते हैं . गौरतलब है कि जैन धर्म के श्वेतांबर पंथ मे आज पर्यूषण पर्व संपन्न हुआ है और आज क्षमावाणी दिवस मनाया जा रहा है जबकि दिगम्बर संप्रदाय मे कल से पर्यूषण पर्व का शुभारंभ हो रहा है जिसके संपन्न होने पर क्षमावाणी दिवस ९ सितंबर को मनाया जायगा
मैंने मन ,वचन , काया से , जाने -अनजाने आपका मन दुखाया हो तो हाथ जोड़कर आपसे क्षमा मांगता हूँ – एक अन्य ट्वीट कर प्रधान मंत्री ने देश्वासियो को संवत्सरी पर्व की शुभकामनायें देते हुए कहा कि क्षमा तथा शांति, दुनिया भर मे अंंधकार, हिंसा तथा क्रोध का अंत हो और क्षमा तथा शांति का साम्र्राज्य हो .