नयी दिल्ली 10 जुलाई, भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदली शबनम हसन सादिक ने इस्लामी सहयोग संगठन देशों -ओ आई सी - द्वारा कश्मीर के मुद्दे को लगातार अपने मंच से उठाये जाने व उनके भारत विरोधी तथा पाक समर्थक प्रस्तावों से फिलिस्तीन को साफ़ तौर पर अलग करते हुए कहा है की फिलस्तीन का कश्मीर के बारे में रवैया साफ़ है की यह मामला कोई अन्तर्राष्ट्रीय मसला नही बल्कि भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है. साथ ही उन्होंने कहा “ फिलिस्तीन के भारत के साथ पाकिस्तान की तुलना में अधिक नजदीकी रिश्ते हैं फिलिस्तीन के लिये भारत तथा भारत की जनता के खिलाफ किसी भी प्रकार के कोई भी कदम पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं”
राजदूत ने इस संवाददाता को दिए एक विशेष इंटरव्यू में एक सवाल के जवाव में कहा \" मुझे लगता है ओ आई सी देश धर्म के आधार पर पाकिस्तान के पक्ष में ऐसा प्रस्ताव पारित करतें हैं, हम इस आधार से सहमत नही हैं\". उन्होने कहा\' “ फिलिस्तीनी गुट निरपेक्ष भावना के अनूरूप इसे दोनो देशो, के बीच आपसी बातचीत से हल करने का पक्षधर है”. श्री सादिक़ ने भारत फिलिस्तीन के प्रगाढ मैत्रीपूर्ण संबंधों की चर्चा करते हुए कहा “ये सोचना सही नही है कि चूँकि पाकिस्तान मुस्लिम देश है इसलिये हम भारत की तुलना मे उसका समर्थन करेंगे, हम दोनो देशों का सम्मान करते है लेकिन निश्चय ही भारत के साथ हमारे रिश्तों का राजनैतिक इतिहास है, उसके साथ हमारे रिश्ते ज़्यादा नज़दीकी के है हालाँकि पाकिस्तान भी हमारे लोगों को सैन्य प्रशिक्षण देता रहा है लेकिन फिलिस्तीन गुट निरपेक्ष आन्दोलन का भारत का साथी रहा है और उसी भावना से वह कश्मीर मुद्दे का पक्षधर है”
श्री सादिक़ ने इस साक्षात्कार मे फिलस्तीन मुद्दे ,भारत के साथ रिश्ते, अरब जगत के अनेक देशों द्वारा भारत के साथ दोस्ती के रिश्ते भारत जैसी भावना के साथ पूरी तरह से नही निभाने, इस्लामी संगठन देशों ओ. आई.सी के कश्मीर को लेकर भारत विरोधी , पाक समर्थक नज़रिये तथा कश्मीर मसले पर फिलस्तीनी रुख सहित अनेक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किये.
अरब जगत के देशों से भारत के परंपरा्गत रिश्ते होने के बावजूद ओ आई सी मंच से लगातार कश्मीर मुद्दा उठाये जाने व कश्मीर को लेकर भारत विरोधी और पाक समर्थक प्रस्ताव व टिप्पणियाँ किये जाने पर भारत के एक बड़े वर्ग द्वारा चिन्ता व्यक्त किये जाने की बाबत पूछे जाने पर श्री सादिक़ ने फिलिस्तीन को ओ. आई.सी के रवैय्ये से अलग रखते हुए कहा \"मै ओ आई सी रवैय्ये पर किसी प्रकार की दखलंदाज़ी नही करना चाहता हूँ लेकिन इसकी वजह मुझे धर्म ही लगती है, मै समझ सकता हूँ कि ये प्रस्ताव किस तरह से पारित किये जाते हैं\" साथ ही उन्होने कहा “ मेरी राय मे पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बातचीत मे ये देश उसे पूरी स्थिती बताते भी होंगे,लेकिन यह भी उतना ही सही है कि ये देश पाकिस्तान को खोना नही चाहते हैं क्योंकि कौन जाने अरब देशों के बिना पाकिस्तान की स्थिती क्या हो?”
गौरतलब है कि लगभग 58 इस्लामी संगठन देशों की सदसयता वाले ओ आई सी समय समय पर कश्मीर मुद्दे को अपने मंच से उठाता रहा है और इसे लेकर विवादास्पद प्रस्ताव और टिप्पणियां करता रहा है, इस वर्ष जून मे भी जम्मू कश्मीर के दर्जे के बारे मे ओ आई सी के विवादित प्रस्ताव पर भारत ने तीव्र आपत्ति जताई थी तथा कहा था कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है , भारत इस प्रकार की टिप्पनी को सिरे से ख़ारिज करता है. साक्षात्कार मे राजदूत ने कहा “ फिलिस्तीन हिंसा और आतंकवाद की सदा ही भर्त्सना करता रहा है , भारत पाक सीमा पर होने वाली हिंसा की भी उसने भर्त्सना की है, वह मानता है कि आतंकवाद न तो किसी देश से जुड़ा होता है, न ही किसी राष्ट्रीयता से, उसकी कोई पहचान ही नही है आतंकवाद हर जगह सिर्फ आतंकवाद ही है यहाँ तक कि फिलिस्तीन के छोटे छोटे गुट अगर हताशा मे इज़राईली नागरिकों की हत्या करते है तो हम उसकी भर्त्सना करते हैं, नागरिकों की हर जगह मारकाट की फिलिस्तीन भर्त्सना करता रहा है “
राजदूत ने भारत पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंध होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि पाकिस्तान स्वयं भी आतंकवाद का शिकार रहा है, पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो खुद भी आतंकवाद का शिकार हुईं