नई दिल्ली 24 जून (वीएनआई) मोदी मंत्रिमंडल का सबसे युवा सदस्य हैंऔर मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी पर दिल्ली की एक अदालत ने ुनसे जुड़ी शैक्षणिक योग्यता की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है, अब अदालत याचिका की प्रमाणिक ये जांच करेगी .
कोर्ट ने इस मामले में गत 1 जून को सुनवाई पूरी कर ली थी पर फैसला सुरक्षित रखा था.याचिका पर अगली सुनवाई अब 28 अगस्त को होगी.
स्मृति के खिलाफ यह याचिका दिल्ली की पटियाला कोर्ट में लेखक अहमर खान ने दायर की थी.याचिकाकर्ता के अनुसार स्मृति ने चुनाव आयोग के सामने तीन एफिडेविट पेश किए थे और तीनों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में अलग-अलग जानकारी दी थी.
अहमर खान की याचिका के अनुसार अप्रेल 2004 में स्मृति ने कहा था कि उन्होंने बी ए की पढ़ाई दिल्ली युनिवर्सिटी के पत्राचार कार्यक्रम से पूरी की.
जुलाई 2011 में गुजरात राज्य सभा चुनाव से पहले एक एफिडेविट में उन्होंने कहा था कि उन्होंने बी ए (कॉमर्स) (पार्ट एक) तक पढ़ाई दिल्ली युनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ करस्पॉंडेंस से की.
लेकिन गत वर्ष लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि उन्होंने बीए(कॉमर्स) की पढ़ाई दिल्ली युनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से पूरी की है.
अहमर खान का कहना है कि ये मामला शिक्षित या अशिक्षित होने का नहीं है बल्कि ये बड़ा ्मामला इसलिए है कि मानव संसाधन विकास मंत्री होते हुए भी उन्होंने इस पर ईमानदारी नहीं बरती.