नई दिल्ली 25 फरवरी (शोभना जैन,वीएनआई) भारत् मे बुलेट टृन आने के सपने के बीच सुधारवादी छवि वाले रेल मंत्री सुरेश प्रभु कल अपने कार्यकाल का पहला रेल बजट पेश करने जा रहे है.बजट सपनो को पूरा करने वाला होगा,या ठोस धरातल पर हकीकत को सामने रख कर बनाया गया होगा. यह तमाम सवाल इस बजट से पहले जनता के दिलो दिमाग पर है निश्चित तौर पर जनता की उम्मीद है कि रेल मंत्री सुरक्षित, आरामदेह और जेब पर भी ज्यादा भार नही डालने वाले रेल बजट के साथ रेल को आधुनिक बनाने वाला रेल बजट पेश करे. इन तमाम उम्मीदो के बीच निश्चय ही आर्थिक संसाधनो की किल्लत से जूझ रही रेलवे के मुखिया श्री प्रभु के सम्मुख रेलवे के ढांचे मे आमूल चूल सुधार सहित रेलवे की वित्तीय स्थति सुधारने के ध्येय के साथ साथ जनता की उम्मीदो पर पूरा उतरने के बीच संतुलन बनाये रखने की बड़ी चुनौती है. ऐसी उम्मीद है कि इसी संतुलन को समेटे यह रे्ल बजट रेलवे के भावी विकास की गति दर्शाने वाला रोड मैप होगा.
संकेतो के अनुसार इस बार के बजट मे रेलवे के यात्री किरायो मे विशेष तौर पर उंचे दर्जे के किरायो मे ही मामूली सी वृद्धि हो सकती है,अलबत्ता मंत्रालय ने यात्री किराये मे कटौती किये जाने की अटकलो को खारिज कर दिया है.ऐसी उम्मीद है कि आर्थिक विशेषज्ञ रेल मंत्री प्रभु इस बजट मे सबसे ज्यादा जोर संसाधन उगाहने पर देंगे ताकि रेलवे को अत्याधुनिक के साथ साथ सुरक्षित बनाने के साथ ही उसे साधारण वर्ग के रेल यात्री की जेब के अनुरूप भी रखा जा सके. इस बजट मे वे नई रेल परियोजनाओ की बरसात करने की बजाय रेलवे के सीमित संसाधनो को पुरानी महत्वपूर्ण परियोजनाओ को पूरा करने को प्राथमिकता देंगे, साथ ही विकास के इंजन को गति देते हुए रेलवे के आधुनिकरण के किये कुछ महत्वाकांक्षी नये कार्यक्रम् की घोषणा कर सकते है जिसमे साधारण श्रेणी के अनारक्षित डिब्बो वाली जन साधारण जैसी रेलगाड़िया,राजधानी और शताब्दी जैसे रेल मार्गो पर 20 से अधिक जोड़ी गाडिया चलाने और पर्यटक स्थलो के लिये विशेष रेलगाड़िया चलाने सहित लगभग 100 नयी रेल गाड़िया चलाने व व्यस्त रूट वाली रेल गाड़ियो मे वर्तमान कोचो के संख्या बढा कर 28 तक किये जाने की घोषणा की जा सकती है. भारत मे बुलेट टृएन आने ्का सपना देख रहे भारतीय इस बजट मे कुछ रेलगाड़ियो की रफ्तार और तेज किये जाने की भी उम्मीद्र कर रहे है
जबकि रेलवे की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास जोरो पर है, रेलगाडि़यों को पटरी पर और ज्यादा तेज गति से दौड़ाने की तैयारी भी चल रही है। रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, रेलवे चेन्नई स्थित अपने कोच कारखाने में 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकने वाले 20 कोच बनाने जा रही है। साथ ही राजनैतिक समीकरणो के चलते इस वर्ष विधान सभा चुनाव के लिये तैयार बिहार के लिये रेल बजट मे अपेक्षाकृत ज्यादा नये तोहफे की उम्मीद की जा सकती है,साथ ही पूर्वोत्तर,उत्तरप्रदेश, गुजरात, प बंगाल, उड़ीसा जैसे राज्यो मे नयी रेलगाड़िया चलाने के साथ ही अन्य राज्यो मे भी रेलवे सुविधाओ के विस्तार पर ध्यान दिये जाने के संकेत है.
मौजूदा समय में रेलवे की वित्तीय सेहत न केवल खस्ता है, बल्कि वह माल ढुलाई के साथ-साथ यात्री सेवाओं में भी अपनी बाजार हिस्सेदारी गंवाती जा रही है। ऐसे में अपना पहला पूर्णकालिक रेल बजट पेश करने में जुटे रेल मंत्री सुरेश प्रभु के सामने सबसे बड़ी दुविधा यही है कि रेलवे की बाजार हिस्सेदारी में और गिरावट की आशंका के मद्देनजर यात्री किरायों को ज्यादा बढ़ाए बिना वह रेलवे की माली हालत को कैसे दुरुस्त रखें । रेलवे को यात्री किराये से 45,000 करोड़ की आमदनी होती है जिसमे से अंदाजन 95 प्रतिशत साधारण दर्जे से होती है, जबकि माल भाड़े से उसे 90,000 करोड़ रुपये की आमदनी होतीहै .पदभार संभालने के बाद खुद रेल मंत्री सुरेश प्रभु इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि रेलवे को फिलहाल भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वह यह बात भी साफ-साफ शब्दों में कह चुके हैं कि निवेश का प्रवाह अपेक्षा से काफी कम रहने के चलते रेलवे को अपनी सेवाओं में समझौता करना पड़ रहा है। मतलब यह कि पर्याप्त निवेश न हो पाने के चलते रेलवे अपने यात्रियों एवं माल ढुलाई करने वाले ग्राहकों को वैसी सेवाएं नहीं दे पा रही है, जैसी अपेक्षा उससे की जाती है। यह अनुमान लगाया गया है कि मौजूदा समय में रेलवे को यात्री तथा माल भाड़े पर क्रॉस सब्सिडी पर 24,000 हजार करोड़ रुपये देने पड़ते है।
रेल सुरक्षा को रेल बजट मे प्राथमिकता दिये जाने के संकेत है और इस दिशा मे कुछ् महत्वपूर्णै एलान होने के संकेत है.चलती रेलो में सुरक्षा के कुछ पुख्ता उपाय भी सरकार रेल बजट में कर सकती है। इसके तहत महिला यात्रियों को सुरक्षा मुहैया कराने के अलावा मानव रहित रेल क्रॉसिंग पर दुर्घटनाएं रोकने और रेलवे सुरक़्शा बल को और अधिकारसम्पन्न बनाये जाने के बारे में भी कुछ ठोस घोषणाएं बजट में की जा सकती हैं। जानकारों का कहना है कि सरकार इस दिशा में भी कई उपाय बजट में कर सकती है ,रेल यात्री सुरक्षा निश्चय ही मंत्रालय के लिये एक प्राथमिकता वाला मसला है.
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि इंटर सिटी सेवाओं में यात्रा को ज्यादा आरामदेह बनाने के लिए एसी कोच लगाने का प्रस्ताव रेल बजट में किया जा सकता है। बजट में कुछ विशेष रेल लाइनों के विकास का प्रस्ताव किया जा सकता है क्योंकि इसी पर रेलवे का भविष्य निर्भर करता है। हालांकि, विशेष रेल लाइनों के विकास का दारोमदार इसी बात पर टिका होगा कि निजी निवेश को आखिरकार कैसे आकर्षित किया जा सकता है। वैसे तो रेलवे में काफी समय से सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को मंजूरी मिली हुई है, लेकिन इस दिशा में सही अर्थों में प्रगति अभी तक नहीं हो पाई है। यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार के रेल बजट में पीपीपी की योजना भी जरूर परवान चढ़ेगी जिसके तहत कुछ बड़े रेल स्टेशनो का पी पी पी ्मॉडल के जरिये आदर्श रेलवे स्टेशन बनाये जाने की घोषणा हो सकती है । रेलवे के ढांचे मे आमूल चूल परिवर्तन की आहट के बीच पेश किये जाने वाले इस बजट् ्मे यात्री किरायो विशेष तौर पर उंचे दर्जे के किरायो मे मामूली सी वृद्धि हो सकती है। मालूम हो कि मोदी सरकार ने अपने पहले रेल बजट से पूर्व गत जून मे यात्री किरायों में 14.2 फीसदी और माल भाड़े में 6.5 फीसदी की वृद्धि की गई थी। हालाकि फिर पेश पूर्णकालिक रेल बजट मे कोई किराया वृद्धि नही की थी\'|
इस बात के संकेत भी मिल रहे हैं कि रेलवे में अपेक्षा के अनुरूप निवेश न होने के बावजूद रेल मंत्री लगभग 100 नई ट्रेनों की घोषणा अवश्य करेंगे। यही नहीं, दिल्ली के हालिया विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) पार्टी की विजय के बाद बदले राजनैतिक परिपेक्षय को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्री को न चाहते हुए भी अनेक लोक-लुभावन घोषणाएं करनी पड़ सकती हैं। बताया जाता है कि रेल मंत्रालय बजट में सरकार की \'मेक इन इंडिया\' पहल को भी आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा। जानकारों के मुताबिक, यात्री सेवाओं में सुधार पर भी रेल मंत्री का विशेष जोर रहेगा। इसी तरह नेत्रहीन यात्रियों के लिए रेलवे स्टेशनों एवं सभी नए कोचों में ‘ब्रेल साइन’ लगाने का प्रस्ताव भी इस बार के रेल बजट में किया जा सकता है। 26 फरवरी को पेश किए जाने वाले रेल बजट में साफ-सफाई के लिए भी विशेष प्रावधान किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत’ अभियान को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्री बजट में अनेक प्रस्तावों की घोषणा कर सकते हैं। इसके साथ हे रेलो की खान पान सेवाओ मे भी सुधार् ्के लिये कुछ कदम उठाये जाने का एलान हो सकता है साथ ही इस अभियान के तहत पर्यावरण के नजरिये से अनुकूल प्रौद्योगिकी के जरिये ट्रेनों एवं स्टेशनों पर बायो-टॉयलेट बनवाए जा सकते हैं
रेलवे में व्यापक बदलाव लाने का संकल्प व्यक्त करने वाले रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेल कनेक्टिविटी का विस्तार करने एवं विद्युतीकरण पर भी विशेष जोर दे सकते हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र के दूर-दराज स्थित राज्यों में रेल कनेक्टिविटी अब भी एक बड़ी समस्या है। यह उम्मीद की जा रही है कि रेल बजट में पूर्वोत्तर क्षेत्र को रेल कनेक्टिविटी सुलभ कराने पर विशेष जोर दिया जाएगा। ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि गुवाहाटी तक के मौजूदा रेल रूटों के विद्युतीकरण का प्रस्ताव रेल बजट में किया जा सकता है।
यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि दिल्ली को मुंबई और लुधियाना को दानकुनी (पश्चिम बंगाल) से जोड़ने वाले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर (डीएफसी) के काम को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए रेल बजट में कोई ठोस योजना पेश की जा सकती है। नकदी की किल्लत से जूझ रही रेलवे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करने के लिए भी कुछ घोषणाएं बजट में कर सकती है। मालूम हो कि कैबिनेट ने पिछले साल अगस्त में हाई-स्पीड ट्रेन प्रणालियों, उपनगरीय कॉरीडोर और पीपीपी मोड में क्रियान्वत की जा रही डेडिकेटेड फ्रेट लाइन परियोजनाओं में 100 फीसदी एफडीआई की इजाजत दे दी थी। हालांकि, श्रमिक संगठनों के विरोध के मद्देनजर सरकार ने इसी महीने यह कहा है कि रेलवे का निजीकरण करने का कोई इरादा नहीं है। तो इंतजार अब कल श्री प्रभु के पिटारा खुलने का है. वी एन आई