सोल,6 जनवरी (शोभनाजैन /वीएनआई) उत्तर कोरिया ने आज घोषणा की कि उसने हाइड्रोजन बम का ‘‘सफल'' परीक्षण किया. अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की ओर से परमाणु और मिसाइल परीक्षण पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद उत्तर कोरिया ने चौथी बार भूमिगत परमाणु परीक्षण किया है।अंतरराष्ट्रीय जगत ने इस विस्फोट पर चिंता जताई है.विशेषज्ञों का मानना है की यदि विस्फोट की बात सच है तो इससे उत्तर कोरिया के प्रतिबंधित परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंताएं बढ़ गयी हैं इस बम विस्फोट के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुलायी है.पड़ोसी दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने परीक्षण की ‘कड़ी निंदा' की है जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इसे 'बडा खतरा' बताया जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन दर्शाता है.
उत्तर कोरिया के सरकारी टेलीविजन चैनल के अनुसार हाइड्रोजन बम का परीक्षण आज सुबह दस बजे (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार तीन बजकर 30 मिनट पर) किया गया। इससे पहले परीक्षण स्थल के समीप रिएक्टर पैमाने पर 5.1 की तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किये गये थे। जिस जगह झटके महसूस किये गये थे वहां पहले परमाणु परीक्षण किया जाता था। विशेषज्ञ्ओ के अनुसार हाइड्रोजन बम परमाणु बम से भी ज्यादा खतरनाक और विनाशकारी माना जाता है
उत्तर कोरिया ने दलील दी है कि 'अमेरिका की शत्रुतापूर्ण नीतियों 'के कारण खुद को सुरक्षित रखने के लिए वह अपने परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा। वह एक जिम्मेदार परमाणु राष्ट्र के रूप में काम करेगा और जब तक उसकी संप्रभुता को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं होगा, तब तक वह इसका इस्तेमाल नहीं करेगा। इसके अलावा परमाणु क्षमता का स्थानांतरण भी किसी को नहीं किया जायेगा।
सरकारी टेलीविजन चैनल ने परीक्षण का एलान करते हुए कहा, 'अपने ऐतिहासिक हाइड्रोजन बम की सटीक सफलता से हम विकसित परमाणु देशों की श्रेणी में शामिल हो गये हैं'. गौरतलब है की हाइड्रोजन बम का विस्फोट अकेले प्लूटोनियम या यूरेनियम से होने वाले विखंडन विस्फोट की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली विस्फोट होता है. उत्तर कोरिया के प्रमुख किम के जन्म दिन से दो दिन पूर्व यह विस्फोट किया गया . किम ने पिछले महीने यह संकेत दिया था कि उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम विकसित कर लिया है लेकिन उनके इस दावे पर अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने प्रश्न उठाये थे और वैसे भी परीक्षण के संबंध में आज की गयी घोषणा को भी विशेषज्ञ संदेह की दृष्टि से देख जा रहे है.
यह उत्तर कोरिया का चौथा परमाणु परीक्षण था हालांकि यह हाइड्रोनज बम का परीक्षण था या नहीं इस पर संदेह है ,.उत्तर कोरिया ने इससे पहले वर्ष 2006, वर्ष 2009 और वर्ष 2013 में परीक्षण किये थे जिसके बाद उस पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध लगाये गये थे. प्रतिबंधों के चौथा परीक्षण रोक पाने में नाकाम रहने के बाद सुरक्षा परिषद पर इस बात का दबाव बढ जाएगा कि वह इस बार और कडे कदम उठाए.
अभी यह देखना है की अमेरिका का इस पर क्या रुख होता है ,राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2014 में दक्षिण कोरिया की अपनी यात्रा के दौरान उत्तर कोरिया को ‘‘अछूत देश'' करार दिया था और कड़े तेवर अपनाते हुए कहा था था कि यदि प्योंगयांग और परीक्षण करता है तो उसके खिलाफ और कड़े कदम उठाये जायेंगे.
इस परीक्षण के संबंध में उत्तर कोरिया के आर्थिक और राजनयिक सहयोगी या यूं कहे 'संरक्षक' चीन की प्रतिक्रिया अहम होगी. बीजिंग ने अमेरिका के नेतृत्व में देशों को पहले भी प्योंगयांग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से रोका है लेकिन उत्तर कोरिया द्वारा परीक्षण रोकने से इनकार के बाद चीन ने अपनी बढती हताशा भी जाहिर की है.
चीन उत्तर कोरिया में निरस्त्रीकरण के लिए छह पक्षीय सहायता वार्ता को फिर से शुरु करने पर जोर देता रहा है. चीन का कहना है कि उत्तर कोरिया के साथ वार्ता ही आगे बढने का एकमात्र रास्ता है.दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया, अमेरिका, चीन, जापान और रुस की सदस्यता वाली इस छह पक्षीय वार्ता प्रक्रिया पर वर्ष 2007 से अनिश्चितता की स्थिति बनी हुर्ह है और विशेषज्ञ्ओ का मत है की चौथा परमाणु परीक्षण करने के निर्णय के साथ प्योंगयांग के आगे बढ़ने के बाद इस प्रक्रिया के आगे बढ़ने की संभावनाएं लगभग समाप्त हो गई हैं.वी एन आई