नई दिल्ली, 04 मई, (वीएनआई) विश्व प्रेस फ्रीडम दिवस के अवसर पर इंडियन वीमेन प्रेस कार्प्स में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में वरिष्ठ पत्रकार, आर्थिक मामलों के जानकार और लेखक प्रेम शंकर झा , वरिष्ठ पत्रकार पामेला फिलिपोस , प्रेस क्लब आफ इंडिया के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा तथा स्तंभकार एवं लेखक आशुतोष ने हिस्सा लिया। इस बैठक की अध्यक्षता आईडब्ल्यूपीसी की अध्यक्ष शोभना जैन ने की ।
सभी वक्ताओं ने ने जहां आज के परिदृश्य में मीडिया और पत्रकारिता की आजादी का स्पेस संकुचित होने पर गहरी चिंता जताई वहीं प्रेम शंकर झा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पत्रकारों के लिए संसद भवन और मंत्रालयों तक आसान पहुंच कितनी जरूरी है। उन्होंने इस मुद्दे पर भी बात की कि किस तरह संपादकों की भूमिका को क्रमशः कमज़ोर किया गया है और मुखर संपादकों तथा श्रमजीवी पत्रकारों के हित के लिए बने कानून के अभाव में आज के पत्रकारों की स्थिति कितनी कमज़ोर हो गई है। उन्होंने कहा कि आज के संपादक मात्र मैनेजर बनकर रह गए हैं ।
आशुतोष ने बताया कि किस तरह हमारी समृद्ध सभ्यता, विरासत और विविधता पर सरकार ने अपना कब्जा जमा लिया है। उन्होंने कहा कि आज जो कुछ हमारे सामने है वह सिर्फ लोकतंत्र पर ही नहीं बल्कि हमारी समूची सभ्यता पर छाया संकट है जिसमें सरकार के कामकाज पर सवाल उठाने का किसी को अधिकार नहीं है।
पामेला फिलिपोस ने कहा कि मौजूदा समय पत्रकारों के लिए बड़े संकट का समय है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति और बोलने की आजादी लोकतंत्र का ही दूसरा नाम है। उन्होंने कारपोरेट मीडिया के लामबंद हो जाने पर चिंता जताई।
उमाकांत लखेड़ा ने कहा कि आज़ाद प्रेस का सबसे बड़ा लाभ सरकार को ही होता है क्योंकि आज़ाद प्रेस ही सरकार की खामियों की ओर इशारा कर उन्हें सुधारने के उपाय तलाश करने में उसकी मदद करता है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि आज की सत्ता सूचना के प्रवाह को पूरी तरह बाधित करने में यकीन रखती है।
आईडब्ल्यूपीसी को भेजे संदेश में प्रेस कौंसिल आफ इंडिया की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने आईडब्ल्यूपीसी को प्रेस की आजादी के सवाल पर यह परिचर्चा आयोजित करने के लिए शुभकामनाएं दीं । उन्होंने कहा कि यह मीडिया ही है जो जनमत का निर्माण करता है। एक विश्वसनीय लोकतांत्रिक समाज को सुनिश्चित करने के लिए मीडिया को पूरी सच्चाई और पूरी जिम्मेदारी से अपने कर्तव्य पालन के रास्ते में सामने आने वाली सभी चुनौतियों का डटकर मुकाबला करना चाहिए।
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