वाशिंगटन, 8 नवंबर (वीएनआई) कल्पना कीजियें वर्ष 1960 में तमिलनाडु चेन्नै के निकट के छोटे से गॉव तुल्लासेन्द्रपुरम में रहने वाली एक मध्यम वर्गीय परिवार की 19 वर्षीय दुबली पतली सी लड़की श्यामला गोपालन की,जो कुशाग्र थी, जिस के सपने आसमान छूना चाहते हैं और उसकी माता और सिविल सर्वेंट पिता अपनी कुशाग्र पुत्री की इच्छा का सम्मान करते हुए उसे सात समंदर पार अमरीका में शोध की पढाई करने के लिये वहा भेज रहे थे. सपने ्बुनने वाली श्यामला ने न/न केवल वहा पहुंच कर अपनी पहचान बनाई, समान अधिकारों की सफल लड़ाई लड़ी बल्कि अपनी बेटियों की अपने बूतें पर परवरिश की और साथ साथ उन्हें सपने बुनने, उन्हें पूरा करने और एक इंसान के रूप में निर्भयता से समानता की लड़ाई लड़ना सिखाया.श्यामला की यहीं बेटी कमला देवी हेरिस अब अमरीका की उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुई हैं. संघर्ष का कहकरा जुझारू मॉ की गोद में बैठ कर पढने वाली कमला ने तभी उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद देश को संबोधित करते हुए कहा " अपनी उपस्थिति के लिए मैं एक महिला की आभारी हूं और वो है मेरी मां श्यामला गोपालन, 19 साल की उम्र में मेरी मां जब भारत से अमरीका आई थीं, उन्होंने शायद इस पल और इस दिन के बारे में नहीं सोचा होगा लेकिन उन्हें अमेरिकी मूल्यों में गहराई से विश्वास था, जहां इस तरह का पल आना संभव है" कमला ने कहा कि वह उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला जरूर हैं, लेकिन अंतिम नहीं हैं. बल्कि ये सिलसिला अब आगे भी कायम रहेगा."
कमला ने कहा "मैं आज अपनी मां और उनकी पीढ़ी की महिलाओं के बारे में, अश्वेत महिलाओं, एशियन, व्हाइट, लैटिन, नैटिव अमेरिकन महिलाओं के बारे में सोच रही हूं, जो अमेरिका के इतिहास में लगातार इस पल के लिए संघर्ष करती रही है, मैं आज के दिन उन सभी का दिल से शुक्रिया अदा करती हूं. हैरिस ने कहा कि हर श्वेत और अश्वेत महिला जो सभी के लिए न्याय, बराबरी, स्वतंत्रता के लिए बलिदान देती है, वह लोकतंत्र की रीड की हड्डी की तरह है. उन्होंने कहा कि 100 साल पहले महिलाएं देश में अपने वोट के अधिकारों की सुरक्षा और रक्षा के लिए लड़ती थीं, लेकिन आज महिलाएं अपने वोट का प्रयोग अपने अधिकारों के लिए करती हैं.कमला हैरिस की बहन माया ने ठीक ही कहा" मम्मी ने हमें सिखाया कि हम कुछ भी कर सकते हैं" और कमला ने वह कर दिखाया हैं.
श्यामला गोपालन की यूसी बर्केले में एंडोक्रिनोलॉजी में डॉक्टरेट करते हुए मुलाकात जमैका निवासी डोनाल्ड हैरिस से हुई थी, जो इकनॉमिक्स की पढ़ाई कर रहे थे.कमला हैरिस का जन्म 20 अक्टूबर, 1964 को ऑकलैंड में हुआ.दर असल श्यामला और डोनाल्ड दोनों ही नागरिक अधिकारों के अभियान से जुड़े हुए थे और वहीं उन की मुलाकात हुई और फिर उन्होंने शादी करने का फैसला किया.दमपत्ति हमेशा दोनों छोटी बच्चियों को गोद में ले कर इन अभियानों, प्रदर्शनों में शामिल होते थे.कमला में संघर्ष के बीज तभी से पड़ गये थे.कमला जब 7 साल की थीं, तब उनके माता-पिता का तलाक हो गया था, बाद में उन की मॉ ने बच्चों को अपने साथ रखने की कानूनी लड़ाई लड़ी इसके बाद उनकी मां ने उनका और उनकी छोटी बहन माया का पालन-पोषण किया था दरअसल कमला ने अपनी किताब, ‘द ट्रूथ्स वी होल्ड : एन अमेरिकन जर्नी’ में लिखा है, “असल में वह मेरी मां थीं, जिन्होंने हमारी परवरिश की जिम्मेदारी ली. हम एक महिला के तौर पर कैसी रहेंगी, इसे आकार देने में सबसे ज्यादा जिम्मेदार वही थीं.उनकी मां को पता था कि वह दो अश्वेत बेटियों का पालन पोषण कर रही हैं और उन्हें सदा अश्वेत के तौर पर ही देखा जाएगा, लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को ऐसे संस्कार दिए कि कैंसर रिसर्चर और मानवाधिकार कार्यकर्ता श्यामला और उनकी दोनों बेटियों को ''श्यामला एंड द गर्ल्स'' के नाम से जाना जाने लगा.
कमला और उनकी छोटी बहन माया अपनी मां के साथ रहीं और उन दोनों के जीवन पर मां का बहुत प्रभाव रहा. हालांकि वह दौर अश्वेत लोगों के लिए सहज नहीं था. कमला और माया की परवरिश के दौरान उनकी मां ने दोनों को अपनी पृष्ठभूमि से जोड़े रखा और उन्हें अपनी साझा विरासत पर गर्व करना सिखाया. वह भारतीय संस्कृति से गहरे से जुड़ी रहीं और दोनों बच्चियॉ बचपन में अक्सर भारत आ्या करती थी.कमला हैरिस ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने अभियान की शुरुआत की थी तो भारतीय मूल की अमरीकी कॉमेडियन मिंडी कैलिंग ने उनके यू ट्यूब पेज पर एक वीडियो डाला था इसमें कमला और कैलिंग भारतीय भोजन बनाती नजर आ रही हैं। वीडियो में दोनों अपनी साझा दक्षिण भारतीय पृष्ठभूमि के बारे में भी बात करती हुई दिख रही हैं।
कैलिंग बोलती हैं कि बहुत से लोग उनकी भारतीय विरासत के बारे में नहीं जानते हैं। जब भी वह भारतीय मूल के अमरीकी लोगों से मिलती हैं वे उन्हें कमला की इस विरासत के बारे में याद दिलाते हैं। उन्होंने कहा, "हमें लगता है कि आप हमारी ही जैसी हैं। हम राष्ट्रपति पद के लिए प्रारंम्भ किए गए आपके अभियान से रोमांचित हैं।" कैलिंग हैरिस से पूछती हैं कि क्या वह दक्षिण भारतीय खाना खाते हुए बड़ी हुई हैं। इस प्रश्न पर कमला एक के बाद एक दक्षिण भारतीय भोजन का नाम लेती दिखती हैं। वह कहती हैं कि वह ख़ूब सारा चावल और दही, आलू की रसदार सब्जी, दाल और इडली खाते हुए बड़ी हुई हैं
‘फीमेल ओबामा' के नाम से लोकप्रिय हैरिस सीनेट की सदस्य भी पहली बार ही बनी थीं. राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार रहे जो बाइडेन ने अगस्त में उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में हैरिस को चुना था. कैलिफोर्निया की अमेरिकी सीनेटर ने सैन फ्रांसिस्को की पहली महिला जिला अटॉर्नी के रूप में काम किया और कैलिफोर्निया की पहली महिला थीं, जिन्हें अटॉर्नी जनरल चुना गया था। कमला हैरिस मुखर वक्ता के तौर पर जानी जाती हैं.
कमला 1998 में, ब्राउन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हुईं. इसके बाद उन्होंने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की और फिर सैन फ्रांसिस्को डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस ज्वाइन कर लिया, जहां उन्हें करियर क्रिमिनल यूनिट की इंचार्ज बनाया गया. हैरिस का अमेरिका की उप राष्ट्रपति बनने तक की यात्रा बेहद दिलचस्प रही. उन्हें सबसे पहले 2003 में सैन फ्रांसिस्को के काउंटी की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के तौर पर चुना गया था. जिसके बाद वह कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल बनीं. हैरिस ने वर्ष 2017 में कैलिफोर्निया से संयुक्त राज्य सीनेटर के तौर पर शपथ ली थीं. वो ऐसा करने वाली दूसरी अश्वेत महिला थीं. धीरे-धीरे वह लोगों के बीच लोकप्रिय होती गईं। खासकर उनके भाषणों को 'ब्लैक लाइव्स मैटर' अभियान के दौरान काफी समर्थन मिला। हैरिस सिस्टमेटिक नस्लवाद को समाप्त करने की आवश्यकता पर अक्सर बोलती हैं.वी एन आई
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