जम्मू,9 फरवरी(अनुपमा जैन/वीएनआई) सिया्चिन के बर्फीले तूफान मे पॉच दिन तक 25 फुट मोटी बर्फ के नीचे दबे रहने के बाद जिंदा निकले जवान लांस नायक हनुमानथप्पा का गॉव आज खुशी से भगवान का शुक्रिया अदा करता नही थक रहा है लेकिन जब पूरी दुनिया ने मान लिया था कि सियाचिन के उत्तरी ग्लेशियर में बर्फ की तूफान में दबे 10 जवानो में शायद कोई भी जिंदा नही बचा होगा , लेकिन इस तमाम नाउम्मीदी मे उम्मीद का दामन थामे हुए थी इस जवान लांस नायक हनुमानथप्पा की मॉ. हनुमानथप्पा जब बर्फ मे दबे हुए थे तो उनकी मॉ को सपना आया जिसमे हनुमानथप्पा ने अपनी मां के सपने मे आ कर उसे भरोसा दिया था ' मॉ मैं जल्द वापस आऊंगा. इस मॉ के अडिग विश्वास पर पूरी दुनिया हैरत मे है
दुनिया के सबसे ऊंचे लड़ाई के मैदान में कल हुए इस चमत्कार पर पूरी दुनिया हैरान है. शायद इसे ही कहते है जाको राखी साईयॉ मार सके न/न कोय. गत 3 फरवरी को सियाचिन के उत्तरी ग्लेशियर में बर्फ की तूफान में 10 जवान दब गए थे जिसमें किसी के भी जिंदा बचे होने की उम्मीद सभी ने छोड़ दी थी हनुमथप्पा उन्ही मे से एक है जिसके बचे होने को चमत्कार माना जा रहा है आज जिंदा बचाए गए जवान लांस नायक हनुमानथप्पा को विशेष एयर एंबुलेंस से दिल्ली लाया गया जहां उससे मिलने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग पहुंचे. पूरा देश इस साहसी जवान के जल्द ठीक होने की कामना कर रहा है. सेना के अनथक बचाव प्र्यासो और सर्च ऑपरेशन के दौरान हादसे के बाद गायब यह सेना का जवान सोमवार को चमत्कारिक रुप से छह दिनों बाद जिंदा मिला
3 फरवरी के हादसे के बाद प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री से लेकर सेना प्रमुख तक ने इन बहादुरों को श्रद्धांजलि दी थी कर्नाटक के धारवाड़ में रहने वाले हनुमानथप्पा के परिवार को भी उसके जिंदा होने की खबर पर शुरू में यकीन नहीं हुआ. उनकी पत्नी ने कहा कि मैं यह खबर सुनकर काफी खुश हूं. मैं उनसे मिलकर उन्हें एक बार देखना चाहती हूं. यह खबर सुनकर हनुमानथप्पा की पत्नी फौरन नजदीक के मंदिर में गयी और पूजा अर्चना की. 'वी एन आई