नई दिल्ली 24 फरवरी (शोभनाजैन/वीएनआई) सुस्त अर्थव्यवस्था और आर्थिक संसाधनो की किल्लत से जूझ रही रेलवे की चुनौतियो के बीच एक योग्य अर्थ शास्त्री रेल मंत्री सुरेश प्रभु कल वर्ष 2016-17 के रेल बजट मे किस तरह से संतुलन बना पायेंगे. क्या उनके पिटारे मे लोकप्रिय रेल बजट होगा या दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिये थोडी कडवी गोली होगी ? रेल बजट से पहले यह सवाल सभी पूछ रहे है. दरअसल अपने दूसरे रेल बजट मे रेल मंत्री के सम्मुख जन अपेक्षाओ और रेलवे की वित्तीय स्थति के बीच संतुलन बनाने की गंभीर चुनौती है.
सूत्रो के अनुसार संकेत है कि इस प्रतिकूल आर्थिक स्थति के बावजूद संसाधन उगाहने के नये स्त्रोतो पर ध्यान देने का रास्ता अख्त्यार करते हुए रेल मंत्री अपने दूसरे रेल बजट मे यात्री और माल भाडे मे कोई वृद्धि नही करेंगे. जानकारो का मानना है कि राजनैतिक दृष्टि से भी इस बजट मे किराया वृद्धि उचित नही होगा क्योंकि इस वर्ष चार राज्यो मे विधान सभा चुनाव हो रहे है इसके अलावा डीजळ की कीमते अंतर राष्ट्रीय बाजार मे लगातार कम हो रही है और खास तौर पर ऐसे मे जबकि यात्री संख्या और माल भाडा ढुलाई मे गिरावट आ रही है, किराया वृद्धि ऐसे मे संसाधन उगाहने का उचित विकल्प नही हो सकता है.गौरतलब है कि पिछले बजट मे यात्री किराये मे वृद्धि नही की गई थी हालांकि माल भाडा 2.1% से ले कर 10% तक बढा्या गया था जबकि जुलाई २०१४ मे यात्री किराये मे 15% तथा माल भाडे मे 6.5% की वृद्धि की गई थी.
सूत्रो के अनुसार रेलवे की क्षमताओं के विकास के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु 1.25 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश कर सकते हैं। यह राशि रेलवे में सुरक्षा मानकों को मजबूत करने, लाइनों का विद्युतीकरण और दोहरीकरण करने, यार्ड्स के आधुनिकीकरण और ट्रैफिक को सुचारू रूप से संचालित करने पर खर्च की जाएगी्.
हालांकि रेल मंत्री को इस पर खर्च होने वाली राशि को जुटाने के लिए बाहरी स्रोतों पर निर्भर रहना होगा। रेलवे को सातवे वेतन आयोग के क्रियान्वन के लिये 30,000 करोड रूपये के अतिरिक्त आर्थिक भार से भी निबटना होगा . बजट मे रेलवे के ऑपरेटिंग रेसियो यानी कमाई और खर्च के अनुपात को दुरुस्त करने की कोशिश करते नजर आयेंगे और इसके लिए वे बाहरी स्रोतों से संसाधन उगाहने की पहल करेंगे. वैसे संकेत है कि रेल भाडे को तर्क संगत बनाने के लिये दूर गामी कदम बतौर भारतीय रेल विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा की जा सकती हैI .पिछले बजट में बजट मे नई ट्रेनों का एलान नहीं किया था। हालांकि इस बार संकेत है कि प्रीमियम ट्रेनें बढ़ाई जा सकती हैं। सरदार पटेल या दीनदयाल उपाध्याय के नाम से नई ट्रेन शुरू की जा सकती है। सूत्रो के अनुसार बजट मे यात्री सुवुधाये बढाये जाने और रेल सुरक्षा को प्राथमकिता देने पर विशेष जोर दिया जायेगा और इस बारे मे अनेक घोषणाये हो सकती है.
ऐसे संकेत है कि इस बार हर ट्रेन में एक जनरल कोच बढ़ाने का एलान हो सकता है। ट्रेन में कोचों की संख्या 24 से बढ़ाकर 26 की जा सकती है। बुजुर्गों और बच्चों को किराये में मिलने वाली छूट कम की जा सकती है। प्रीमियम ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
ऐसे संकेत है कि बजट मे सुपरफास्ट रूट का एलान किया जा सकता है। इनमें बेंगलुरु-चेन्नई, दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-लखनऊ, दिल्ली-पटना, कोलकाता-हल्दिया शामिल हो सकते हैं।
नया हेल्पलाइन नंबर जारी हो सकता है जिस पर फोन या एमएमएस करने से तुरंत मदद मिलेगी। एक ट्वीट पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु पैसेंजर्स को मदद मुहैया करा ही रहे हैं।
शताब्दी एक्सप्रेस में स्पेन के हाई स्पीड कोच लग सकते हैं। इनमें टू-वे स्विंग डोर लगेंगे। ताकि पैसेंजर आसानी से कोच से बाहर और अंदर जा सकें।
प्लेटफॉर्म अलर्ट एसएमएस शुरू हो सकता है। ट्रेन किस प्लेटफॉर्म पर आएगी, इसकी इन्फॉर्मेशन मैसेज के जरिए मिलेगी। बजट को रेल भाडे की परिधिसे दूर रखने के लिये भारतीय रेल विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा की जा सकती हैI
प्रीमियम हाई-स्पीड पार्सल ट्रेन के लिए एक स्कीम बजट में आ सकती है। अपनी कमाई बढ़ाने के लिए रेलवे कई स्पेशल ट्रेन में सर्विसेज महंगी कर सकता है। यह एक तरह से इनडायरेक्ट रूप से किराया बढ़ौतरी होगी।
रेल बजट में मुंबई में एसी सबअर्बन ट्रेन की घोषणा हो सकती है। इसे बाद में अन्य क्षेत्रों में शुरू किया जाएगा। सबअर्बन ट्रेन का किराया रेगुलर लोकल ट्रेन से अधिक होगा।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु के दूसरे बजट में ट्रेन और स्टेशन को साफ-सुथरा और इकोफ्रेंडली बनाने का एक ठोस प्लान दिखाई दे सकता है।प्राइवेट भागीदारी से डेवलप किए जाने वाले सभी 400 स्टेशनों की ‘ग्रीन स्ट्रेशन’ के रूप में घोषणा हो सकती है। यहां सोलर एनर्जी, रिसाइकलिंग ऑफ वाटर, कचरे से बिजली बनाने और एलईडी लाइट्स के इस्तेमाल जैसी सुविधाएं होंगी। वी एन आई