कनाडा में "खालिस्तानी अलगाववाद" को झटका

By Shobhna Jain | Posted on 15th Dec 2018 | VNI स्पेशल
altimg

नई दिल्ली, 15 दिसंबर, (शोभना जैन/ वीएनआई) पिछले कुछ बरसों से कनाडा में सक्रिय "खालिस्तानी अलगाववा्दियों"  की वजह से भारत कनाडा संबंधो मे छाई धुंध के कुछ छंटने को लेकर एक अ्च्छी खबर... कनाडा सरकार ने वर्ष 2018 की अपनी पब्लिक सेफ्टी  रिपोर्ट में 'खालिस्तान एक्स्ट्रीइज्म'को आखिरकार "आतंकी खतराः मान लिया है और इस पर चिंता जताते हुए" कार्यवाही" करनेपर जोर दिया है.

कनाडा के कुछ भागो मे सक्रिय इन अलगाववादी ताकतो पर भारत सरकार  लंबे समय से  कनाडा सरकार से अपनी चिंता जताते हुए लगाम कसने की मॉग  रही है. विशेष चिंता की बात यह है कि वर्ष 2013 में कनाडा की लिबरल  जस्टिन त्रुदो  सरकार के आने ये  अलगाववादी तत्व और सक्रिय हुए है.यहा तक कि त्रुदो  सरकार पर खालिस्तान समर्थकों पर नरम रवैया रखने के आरोप  लगते रहे हैं। इसी के चलते कनाडा के प्रधान मंत्री त्रुदो की पिछली भारत यात्रा मे दोनो देशों के बीच रिश्तो मे ठंडा पन देखने को मिला, जिस पर त्रुदो ने अपनी प्रतिक्रिया भी जताई थी. यह रिपोर्ट त्रुदो की भारत यात्रा  के विश्ले्गण , आकलन को लेकर  जारी की गई. 
  
नेशनल सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस कमेटी ऑफ पार्लियामेंटेरियंस द्वारा तैयार  इस रिपोर्ट मे  जिस तरह कनाडा को ' कनाडा  की सीमा मे रह कर एक विदेशी देश की सुरक्षा के लिये खतरा बन रहे आतंकी तत्वों को खिलाफ  हर हाल में जॉच करने और उन खिलाफ कार्यवाही  करने ्पर जोर दिया गया है", वह द्विपक्षीय संबंधों के लिये अच्छी खबर है.दरअसल भारत  कनाडा  संबंध बहु आयामी है जो व्यापार, उर्जा,शिक्षा जैसे कितने ही क्षेत्रो मे व्यापक सहयोग से जुड़े है लेकिन पिछले कुछ समय से "आतंक की छाया" अन संबंधों पर छाई हुई है.आगर एक बार फिर त्रुदो की भारत यात्रा की करे तो इस इस यात्रा मे  त्रुदो के शिष्टमंडल मे खालिस्तानी आतंकी जसपाल अटवाल  की मौजूदगी को ले कर भी भारत मे कड़ी प्रतिक्रिया जताई जिस पर कनाडा की तरफ से सफाई भी आई और दोनो देशों के बीच आरोप प्रत्यारोप भी हुए. एक वरिष्ठ पूर्व राजनयिक के अनुसार यह सर्व विदित है कि  कनाडा में सरकार के अनेक नेताओं को इस अलगाव वादी आंदोलन का समर्थक मना जाता है.  

कनाडा में खलिस्तानी आतंकवाद  ने1984के ऑपरेशन ब्लुस्टार के बाद सिर उठाया.कनाडा  स्थित खालिस्तानी आतंकियों ने वर्ष 1985के एअर इंडिया बम विस्फोट की साजिश रची , जिस मे 329 लोग मारे गये थे, जॉच में भी खालिस्तानी आतंकवादियों का हाथ पाया गया. उस के बाद हालांकि वहा की सरकारों  ने इन अलगाववादी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर इन की गतिविधियॉ पर अंकुश भी लगाया, लेकिन हाल  के वर्षों मे जिस तरह से न/न केवल पाक स्थित  आतंकी तत्वों के प्रश्रय से सीमावर्ती पंजाब में  ये अलगाववादी ताकते जिस तरह से फिर से सिर उठा रही है और कनाडा के साथ साथ लंदन जैसी जगहों मे भी इन अलगाववादी ताकतों के रह रह कर एक्जुट होने की साजिश रची जा रही है. वह चिंता की तो बात है ही वैसे इस रिपोर्ट में खालिस्तान से संबंधित किसी वर्तमान हिंसा या आतंकी घटना का जिक्र नहीं है। सिर्फ 1985 में हुए कनिष्क बम कांड का जिक्र है। लेकिन  इस रिपोर्ट के कुछ चुनींदा हिस्सों को ही जारी किया गया है.रिपोर्ट के कुछ हिस्सों मे भारत कनाडा संबंधों मे भारत की भूमिका की भी आलोचना की गई है.

त्रुदो की भारत यात्रा में पंजाब के मुख्य मंत्री अमरिंदर सिंह ने अलगाववादी गतिविधियों में सक्रिय 10  लोगों की सूची भी भेजी थी और उस पर कार्यवाही करने कीमॉग की थी. हाल ही मे पाकिस्तान स्थित करतारपुर गलियारे को भारत और पाकिस्तान द्वारा मिल कर बनाये जाने के फैसले से भी वहा फिर से सक्रिय हो रहे खालिस्तानी तत्वो की गतिविधियॉ बढने की आशंका व्यक्त की जा रही है, खास तौर पर ऐसे मे ं जब कि पाकिस्तान स्थित कुछ गुरूद्वारों मे खालिस्तान समर्थक पोस्टर भरत के लिये चिंता बने हुए है

दरअसल यहा कनाडा की राजनीति को भी समझना होगा. त्रुदो की लिबरल पार्टी की नजर बड़ी तादाद मे सिख कनाडी वोटो पर रहती है.उन की केबीनेट मे फिलहाल चार सिख कनाडी मंत्री है जिस मे रक्षा मंत्री सज्जन एक ताकतवर चेहरा है. कनाडा में भारतीयों की लगभग चार प्रतिशत आबादी है जिस में 1.5 प्रतिशत सिख है.िन्ही राजनैतिक समीकरणों का फायदा ये अलगाववादी गुट ऊठा ले जाते.है  दरअसल ऐसी खबरे आई है कि कनाडा में सिखो के बढते वोट बेंक को लुभाने की मंशा से कनाडा के राजनीतिज्ञ गुरूद्वारों को संरक्षण प्रदान कर रहे है, उन्हे वित्तीय सहायता तक दे रहे है.  रिपोर्ट के आते ही हालांकि अलगाववाद समर्थक सिख संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है, लेकिन उम्मीद की जानी चहिये कि कनाडा सरकार रिपोर्ट के अनुरूप इन तत्वों के  खिलाफ कड़ी कार्यवाही करेगी। साभार - लोकमत (लेखिका वीएनआई न्यूज़ की प्रधान संपादिका है) 


Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Thought of the Day
Posted on 21st Dec 2024

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india