बीजिंग,21 मार्च (शोभना जैन/वीएनआई ) नेपाल के प्रधान मंत्री ओ पी ओली की चीन यात्रा के दौरान चीन ने आज भारत से गहरे तौर पर जुड़े नेपाल की भारत पर निर्भरता घटाने और नेपाल से अपनी नजदीकिया बढाने के उद्देश्य से उसके साथ तिब्बत के रास्ते चीन और उसके बीच रेल संपर्क का निर्माण करने सहित दस अहम समझौते करने की घोषणा की. दोनों पक्षों ने ऐतिहासिक पारगमन व्यापार समझौते समेत 10 समझौतों पर हस्ताक्षर कर अपने रिश्ते को और मजबूत बनाया. इस व्यापारिक समझौते से दोनो देशो के बीच आर्थिक सहयोग बढेगा जिसका निश्चय ही उसका भारत की तुलना मे चीन से व्यापार बढेगा. चीन की सात दिवसीय अपनी पहली यात्रा पर कल यहां पहुंचे ओली का चीन मे भव्य स्वागत किया गया.प्रधानमंत्री ली केक्यांग ने ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल में भव्य स्वागत किया. ओली ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की.
श्री ओली की चीन यात्रा को बहुत अहम माना जा रहा है और कहा जा रहा है दोनो के बीच बढती नजदीकिया ध्यान देने लायक है.उल्लेखनीय है पिछले ही महीने ओली भारत यात्रा पर आये थे तो उन्होंने कहा था कि मैं भारत से गलतफहमियां दूर करने आया हूं. पिछले साल अक्तूबर में सत्ता संभालने वाले ओली ने हालांकि तमाम कयासो के विपरीत पहली विदेश यात्रा के लिये चीन की बजाय भारत को चुना
ओली की यह उच्च स्तरीय यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब नेपाल हाल की छह माह की नाकेबंदी की पुनरावृति के भय के बीच चीन से और आपूर्ति मांगों की मांग कर रहा है हालांकि तमाम आशाओ के विपरीत आज चीन द्वारा नेपाल् को पेट्रोलियम दिये जाने का समझौता नही हो सका, जिसका नेपाल को बहुत इंतजार था. गौरतलब है कि भारतीय मूल के मधेसियों ने नेपाल के नये संविधान को अपने हितो के खिलाफ पाते हुए भारत से आने वाले नेपाल के व्यापारिक मार्गों को करीब छह माह तक बंद कर दिया था, जिससे नेपाल का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया था.
नेपाल के विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘दोनों पक्षों ने परस्पर विश्वास और आपसी समझ मजबूत बनाने तथा विविध क्षेत्रों में परस्पर लाभकारी सहयोग को बढावा देने पर विचार विमर्श किया.' विज्ञप्ति के अनुसार वार्ता के दौरान व्यापार में विविधता, सीमापार कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचा विकास, उर्जा, पर्यटन, वित्त, शिक्षा और संस्कृति पर सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. ली के साथ अपनी बातचीत के दौरान ओली ने तिब्बत के रास्ते चीन के रणनीतिक रेल लिंक को नेपाल तक बढाने का विचार रखा.वार्ता के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों की समग्र समीक्षा की और दोनों देशों के बीच निरंतर बढ रहे संबंधों पर संतोष व्यक्त किया.
ली-ओली वार्ता के बाद मीडिया को ब्रीफ करते हुए चीन विदेश मंत्रालय की उपप्रमुख हाउ यांकी ने कहा, ‘नेपाल के प्रधानमंत्री अपने देश मे रेल लाइनों की संभावनाओ को तलाशना चाहते थे.' हाउ ने कहा कि सरकार चीनी कंपनियों को आतंरिक रेल योजना पर गौर करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और यह भी कि चीन पहले से ही रेलवे को तिब्बती शहर शिगात्से से नेपाल सीमा पार गायरोंग तक बढाने की योजना बना रहा है. उन्होंने कहा, हमारा विश्वास है कि निकट भविष्य में दोनों देश रेल से जुड जायेंगे.'वी एन आई