नई दिल्ली, 3 अगस्त (शोभनाजैन/वीएनआई) मौजूदा मॉनसून सत्र के पहले दिन से ही संसद में सरकार और विपक्ष के बीच चल रहें गतिरोध के तीसरें हफ्तें में भी खत्म होनें के फौरी आसर नजर नहीं आ रहे हैं. आज तीसरें हफ्तें भी दोनों सदनों में विपक्ष पेगासस निगरानी मामलें और तीनों कृषि कानूनों चर्चा करानें की मॉग पर अड़ा रहा और इस मुद्दें पर दोनों पक्षों के बीच व्याप्त गतिरोध के चलतें सदन को नहीं चल पाई, हालांकि दोनों सदनों में इसी विरोध, नारेंबाजी और, हंगामें के आलम में अनेक बिल भी पारित हुयें.इसी बीच समझा जाता हैं कि राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सरकार और विपक्ष दोनों ही पक्षों से बातचीत कर, मिलकर गतिरोध दूर कर समाधान निकालने के लिए कहा है. लोकसभा में कुछ देर आज सदन की कार्यवाही चली लेकिन राज्यसभा में हंगामा होता रहा. हंगामें के चलतें कई बार राज्य सभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
समझा जाता हैं कि राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सरकार और विपक्ष दोनों ही पक्षों से बातचीत की है और मिलकर गतिरोध दूर कर समाधान निकालने के लिए कहा है, लेकिन सदन में आज भी विपक्ष आपनी मॉगों पर बना रहा.आज सदन में विपक्ष ने पेगासस के विरोध में सदन में बहु भाषायी पट्टियों के साथ विरोध प्रदर्शन किया. विपक्ष हिंदी, अंग्रेजी के अलावा बंगला, पंजाबी में विरोध पट्टियॉ सदन में लहरातें नजर आयें और कई बार तमिल में विरोध नारें और बंगला में खेला होबें जैसे नारें सदन में सुनाई दियें.विपक्ष जब अध्यक्ष के आसन के नीचें वेल में विरोध प्रदर्शन करतें हुयें नारेंबाजी और विरोध पट्टियॉ लहरा रहे थे तो उस स्थान पर पुरूष सुरक्षा कर्मियों के साथ महिला सुरक्षा कर्मी भी खासें सतर्क नजर आयें.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, राज्यसभा सभापति ने कल शाम रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्यसभा में ने नेता सदन पीयूष गोयल से मुलाकात की थी.आज जब अफरातफरी में सदन की कार्यवाही स्थगित हुई तो उस बीच सभापति ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और गतिरोध खत्म करने पर चर्चा की. राज्यसभा की तरह लोकसभा में भी विपक्ष ने अपने तीखे तेवर दिखाए और नारे्बाजी की लेकिन इस सबके बीच दो अहम बिल पारित हो गए.
आज लोकसभा में रक्षा क्षेत्र से जुड़ा एक अहम बिल (अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक, 2021)(अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक, 2021) पेश किया गया, जो बाद में पारित भी हो गया.विपक्ष की तरफ से इस बिल का विरोध किया गया. आर एस पी के लोकसभा सांसद एनके रामचंद्रन ने कहा कि भारत सरकार ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का निजीकरण करना चाहती, उन का कहना था कि सरकार विधेयक के जरियें ्हड़तालें रोकना चाहती हैं. कॉग्रेस के श्री अधीरचन्द्र चौधरी ने भी विधेयक का विरोध किया.बिल पर विपक्ष की आपत्ति और आरोप पर सरकार की तरफ से जवाब भी दिया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में बताया कि यह बिल राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान मे रखकर लाया गया है. हथियार हों या अन्य रक्षा उपकरण, उनकी सप्लाई में किसी भी प्रकार की कोई बाधा न हो उसको ध्यान में रखकर ये बिल लाया गया है.रक्षा मंत्री ने इस विधेयक को राष्ट्र की सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण बताया. राज्य सभा में आज विपक्ष की नारेबाजी के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन 2021 विधेयक चर्चा के लिए रखा, सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया.संसद सत्र 19 जुलाई से प्रारंभ हुआ है लेकिन ज्यादा समय विपक्षी सांसदों के हंगामे और विरोध की ही भेंट चढ़ा है.
हंगामें के आलम में ही राज्य सभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि विपक्ष के एक सदस्य ने सदन में विधेयक पारित करने के तरीके को लेकर एक टिप्पणी की है जो उन्हें नहीं करना चाहिए था. उन्होंने कहा ‘‘ऐसी टिप्पणी सदन की गरिमा पर आघात है. हमारी मांग है कि वह सदस्य सदन से माफी मांगें.' संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि हर दिन सदन की कार्यवाही बाधित करना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा,'सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है लेकिन विधेयक पारित करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने जो कहा है वह सदन का, इस देश के लोगों का अपमान है. उन्हें देश से और सदन से माफी मांगना चाहिए.'सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा ‘‘आसन चर्चा की अनुमति देना चाहता है लेकिन इस तरह के माहौल में चर्चा कैसे होगी. ज्यादातर सदस्य चाहते हैं कि सदन में कामकाज हो. ''उन्होंने कहा ‘‘लोग देख रहे हैं कि हर दिन किस तरह व्यवधान डाला जाता है. आपको यहां हंगामा करने के लिए नहीं भेजा गया है. आप अपना खुद का नुकसान कर रहे हैं. वी एन आई
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