नयी दिल्ली 22 अगस्त (वीएनआई ) पडोसी देशो के साथ नजदीकियाँ बढाने की मोदी सरकार की नीति के अगले चरण मे विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आगामी 24 अगस्त को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण वियतनाम की यात्रा पर जा रही हैं.
तीन दिवसीय इस यात्रा के दौरान वह वहां के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय मंत्रणा के साथ साथ देश के शीर्ष नेताओ से भी मुलाकात करेंगी साथ ही वह वहां दक्षिण एशिया तथा दक्षिण पूर्वी एशिया स्थित भारतीय मि्शनों के 19 प्रमुखों के साथ बैठक भी करेंगी . विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने आज यहां श्रीमति की वियतनाम यात्रा की जानकारी देते हुए कहा \" दोनो देशों के बीच शानदार राजनैतिक रिश्ते हैं, हमे उम्मीद है कि विदेश मंत्री की वियतनाम यात्रा से दोनो देशों के बीच और भी उच्चस्तरीय यात्राओ और विचार विमर्श का रास्ता बनेगा \" गौरतलब है कि विदेश मंत्री की वियतनाम यात्रा अगले माह राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की वियतनाम यात्रा से ठीक पहले हो रही है .
प्रवक्ता ने कहा कि दोनो देशो के बीच सुदृढ आर्थिक संबंध है, इस यात्रा के दौरान दोनो पक्ष उभयपक्षीय व्यापार् को बढाने के लिये विशेष रूप से चर्चा करेंगे, सनद रहे कि दोनो देशों के बीच फिलहाल आठ अरब डॉलर का व्यापार होता है जिसमे भारत वियतनाम को 5.8 अरब डॉलर का निर्यात करता है, उन्होने कहा \'हमे उम्मीद है कि कपड़ा ,फार्मास्युटिकल्स तथा कृषि उत्पाद के क्षेत्र मे भी आपसी व्यापार और अधिक बढेगा \'. विदेश नीति के जानकारों के अनुसार श्रीमति स्वराज की वियतनाम यात्रा ऐसे समय हो रही है जबकि हाल ही मे दक्षिण चीन सागर मे वियतनाम ने तेल खनन के लिये भारत को दो ब्लॉक का पट्टा एक और साल के लिये बढा दिया है . विदेशी मामलो के एक जानकार के अनुसार ये यात्रा इस लिये भी अहम है क्योकि दोनो देशों के बीच प्रगाढ सामरिक रिश्ते हैं और इन यात्राओ से आपसी समझ बूझ को और ज़्यादा बढाने मे मदद मिलती है और यह निश्चय ही भारत की \'पूर्वोमुखी नीति\' की भी परिचायक है. वियतनाम यात्रा के दौरान श्रीमति स्वराज भारत-आसिआन विचारको के तीसरे गोल मेज सम्मेलन का भी उद्घाटन करेंगी. वियतनाम यात्रा के फौरन के बाद श्रीमती सुषमा स्वराज 28-29 अगस्त को चीन यात्रा पर जा रही है.