नई दिल्ली,9 फरवरी (अनुपमाजैन/ वीएनआई )सियाचिन में हुए हिमस्खलन में भारी बर्फ के नीचे छह दिन तक दबे रहने के बाद चमत्कारिक रूप से जीवित निकले लांस नायक हनुमनथप्पा मौत से जुझते हुए अपने बहादुरी वाले से जज्बे से लगातार उसे पीछे धकेल् रहा है रहे है, पूरा देश अपने इस जॉबाज सैनिक के लिये दुआ कर रहा है अस्पताल की ओर से जारी पहले मेडिकल बुलेटिन के अनुसार हनुथप्पा फिलहाल कोमा में हैं और कम रक्तचाप के साथ अब भी सदमे में हैं।
सेना द्वारा इस क्षेत्र मे छह दिन पूर्व बर्फीले तूफान मे बर्फ की मोटी तहो मे समा गये सेना के दस जवानो की खोज के लिये सेना द्वारा चलाये गये एक व्यापक खोज अभियान के दौरान हनुमथप्पा को 25 फुट बर्फ ्की मोटी चादर से निकाला गया. वहा से निकाले जाने के बाद उन्हें सियाचिन हिमनद स्थित सेना के आधार शिविर में लाया गया था और वहां से उन्हें एक विशेष एयर एंबुलेंस में दिल्ली मे सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल लाया गयाभेजा गया। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी भी आज इस बहादुर का हाल चाल जानने और उसका हौसला बढाने इस अस्पताल गये. उन्होने कहा पूरा देश उनके शीघ्र स्वास्थय लाभ की दुआ कर रहा है.प्रधानमंत्री ने कहा, “लांस नायक हनुमनथप्पा के अद्मय साहस और सहनशीलता को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। वे एक शानदार सैनिक हैं।” राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी उसकी अदम्य साहस और संघर्ष भावना की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए उसके शीघ्र स्वास्थय लाभ की कामना की है.
पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19,600 फुट की उंचाई पर स्थित चौकी के हिमस्खलन की चपेट में आ जाने के बाद मूल रूप से कर्नाटक के निवासी था यह बहादुर सैनिक छह दिन तक 25 फुट मोटी बर्फ के नीचे दबे रहे। उन्हें कल बाहर निकाला गया। वहां पर तापमान शून्य से 45 डिग्री नीचे था।
नॉदर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा के मुताबिक, चौकी पर तैनात एक जूनियर कमीशंड अधिकारी और मद्रास रेजिमेंट रैंक के आठ अन्य सहित कुल नौ सैनिकों की मौत हो गई है। उन्होंने बताया, अब तक पांच शव बरामद किए गए हैं और चार शवों की पहचान हो गई है। वी एन आई