नई दिल्ली,26 जनवरी (वीएनआई) भारत के 69वें गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर आज राजपथ पर आयोजित भव्य परेड मे आसियान के 10 देशों के राष्ट्राध्यक्षो ने भारत की शानदार सैन्य शक्ति और समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा की झलक देखी, वे इसे ध्यान से देखते नजर आये.
सलामी मंच पर राष्ट्रपति रामनाथ कोवि्द, उप राष्ट्रपति एम वैकय्या नायडू और प्रधानमंत्री मोदी विदेशी मेहमानो के साथ मौजूद रहे. इस बार आसियान में शामिल इन सभी विश्व नेताओं को इस बार भारत सरकार ने मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया है. उनमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं. इस समारोह में इन नेताओं के बुलाने के पीछे सरकार की 'एक्ट ईस्ट नीति' भी है, जो कि साझा विरासत वाले दक्षिण पूर्व एशियायी देशो के साथ संबंध और प्रगाढ बनाने की पहल है.सभी राष्ट्राधयक्षो के साथ भारत आयी उन की पत्नियॉ भी इस मौके पर मौजूद थी.
समारोह मे मौजूद विदेशी राष्ट्राधय्क्षों , उन की पत्नियों और उन के शिष्टमंडल सदस्यों के चेहरे खुशी से चमक उठे जबकि राजधानी के एक स्कूल मॉउंट आबू के बच्चो ने इन सभी देशों की संस्कृति दर्शाने वाले नृत्य पेश किया, इस परेड मे प्रदर्शित सांस्कृतिक झॉकियों मे दो झॉकियॉ आसियान के दस देशों की बहुरंगी संस्कृति के बारे मे भी थी जहा कही महात्मा बुद्ध की प्रतिमा थी तो कही बोद्द्ध भिक्षुओ का बुद्धम शरण्मं गच्छामि का जाप करते हुएनजर आ ये तो कही इंडोनेशिया की राम कथा का मंचन नजर आया. सभी राश्ट्राध्यक्षो ने कल आसियान शिखर सम्मेलन मे हिस्सा लिया जिस मे आपसी सहयोग बढाने की वचनबद्धत्ता व्यक्त करते हुए दिल्ली घोषणापत्र जारी किया गया
थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रायुत चान-ओ-चा पूर्व प्रधानमंत्री पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा के बाद दूसरे पीएम रहे जो कि भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि रहे. इसी तरह म्यांमार की सर्वोच्च नेता और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आंग सान सू की भी मुख्य अतिथि के तौर वहा मौजूद थी, जो काफी ध्यान से समारोह देख रही थी.ब्रुनेई के सुल्तान हसनअल बोल्किया भी समारोह मे मौजूद थे . इससे पहले वो 2012 में भारत आए थे. उस समय आसियान देशों का सम्मेलन था. कंबोडिया के पीएम हुन सेन भी समारोह मे मौजूद थे .इंडोनेशिया के राष्ट्राध्यक्ष को तीसरी बार भारत के गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि बनने का मौका मिला है. उनसे पहले 1950 में राष्ट्रपति सुकर्णो और साल 2011 में राष्ट्रपति सुसीलो बामबांग युधोयोनो आए थे. सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंगौर मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन शुयान फुक भी पहली बार लाओस के किसी प्रधानमंत्री फिलीपींस के राष्ट्रपति ड्रिगो दुतेर्ते भी समारोह मे मौजूद थे.
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