नयी दिल्ली, 7 जनवरी(शोभनाजैन / वीएनआई) जम्मू -कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद ऐसी संभावना है उनकी राजनैतिक विरासत सम्भावने वाली उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती राज्य की अगली मुख्यमंत्री बनेगी मुख्यमंत्री बनती हैं तो वह कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री होंगी। समझा जाता है की राज्य में पीडीपी और भाजपा के गठबंधन का मुख्य घटक भाजपा भी उनके मुख्य मंत्री बनाये जाने पर सहमत है. सूत्रों के अनुसार कुछ समय पूर्व बीमारी के दौरान श्री सईद ने भाजपा नेतृत्व से मुख्यमंत्री पद की कमान सुश्री महबूबा को सौपे जाने की इच्छा जाहिर की थी , जिसे भाजपा नेतृत्व ने सम्मान करतेहुए स्वीकार करलिया था .
प्रेक्षकों का मानना है की महबूबा सम्भावनो वाली नेता है जिस की राजनीतिक ग्राफ पर सब की निगाहें रहेगी विशेष तौर पर अगर वह राज्य की मुख्य मंत्री बनती है तो उनकी भाजपा गठबंधन सरकार के साथ रिश्ते कैसे रहेंगे इस पर सब की निगाहें रहेगी
फिलहाल वह अनंतनाग लोकसभा सीट से लोकसभा सांसद हैं। इससे पहले 15वीं लोकसभा में वह हार गई थीं। जबकि 14वीं लोकसभा में भी वह अनंतनाग से सांसद थीं। वह अभी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पी दी पी की अध्यक्ष भी हैं। अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद की लंबी बीमारी के बाद वह कार्यकारी मुख्यमंत्री के तौर पर भी वर्तमान में काम कर रही हैं।महबूबा मुफ्ती घाटी की उन चर्चित महिला नेताओं में से एक हैं, जिन्हें पूरे देश में जाना जाता है. 1999 में जब मुफ्ती मोहम्मद ने कांग्रेस से अलग होकर पीडीपी बनायी, तो महबूबा पार्टी की उपाध्यक्ष बनी
पिछली साल विधान सभा चुनाव के बाद राज्य में बहुमत को लेकर अस्थिरता की स्थति के बाद मार्च में करीब 49 दिन के राष्ट्रपति शासन के बाद कश्मीर में पीडीपी और भाजपा के गठबंधन की सरकार बनी थी। विधानसभा चुनाव में पीडीपी को 28 और भाजपा को 25 सीटें मिली थीं। उस दौरान दोनों ही पार्टी में समझौता हुआ मुफ्ती मोहम्मद सईद को पूरे छह साल के लिए मुख्यमंत्री चुना गया जबकि निर्मल सिंह भाजपा से बतौर उपमुख्यमंत्री चुने गए। शपथ ग्रहण के दौरान मुफ्ती और प्रधानमंत्री मोदी दोनों ने ही इस गठबंधन को' ऐतिहासिक और कश्मीर को नई ऊंचाइयों 'पर ले जाने वाला बताया था।
हालांकि राज्य में पी दी पी और भाजपा के गठबंधन सरकार है लेकिन माना जाता है कि महबूबा भाजपा से कम कांग्रेस के विचारों से ज्यादा नजदीक हैं। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि अब गठबंधन में नई शर्त लागू हो सकती है। वह है महबूबा का तीन साल तक ही बतौर मुख्यमंत्री रहना बाकी अगले तीन साल इस पद पर भाजपा का प्रतिनिधि होगा।
महबूबा का जन्म अनंतनाग में ही अखरान नाउपोरा में २२ मई 1959 को हुआ था। उन्होंने कश्मीर यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री भी ली। इसके बाद उन्होंने शादी की. महबूबा मुफ्ती की दो बेटिया हैं इल्तिजा एवं इर्तिका. जब महबूबा सार्वजनिक जीवन में आयीं, तो उनका अपने पति से तलाक हो गयाऔर मुफ्ती घाटी की उन चर्चित महिला नेताओं में से एक हैं, जिन्हें पूरे देश में जाना जाता है. 1999 में जब मुफ्ती मोहम्मद ने कांग्रेस से अलग होकर पीडीपी बनायी, तो महबूबा पार्टी की उपाध्यक्ष बनी
इनका राजनीतिक कॅरियर 1996 से चमका जब वह कांग्रेस के टिकट पर बिजबेहरा से विधायक चुनकर गईं। इसी के बाद इनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद की कांग्रेस में वापसी हुई थी जिन्होंने नेशनल कांफ्रेंस से गठबंधन से आहत होकर पार्टी छोड़ दी थी। महबूबा की पहचान और महबूत हुई फारुख अब्दुल्ला के शासन काल में बतौर विपक्ष के नेता के तौर पर पीडीपी के नेता रफीक मीर ने मुफ्ती मोहम्मद के निधन पर शोक जताते हुए कहा है कि अब उनकी जगह उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती लेंगी, जिन्होंने पार्टी के लिए काफी काम किया है और हर विपरीत परिस्थितियों को झेला है.वहीं एक अन्य पीडीपी नेता महबूब अली बेग ने भी मुफ्ती मोहम्मद के बाद महबूबा को मुख्यमंत्री बनाये जाने की वकालत की है. वी एन आई