नई दिल्ली, 19 फरवरी(शोभना जैन,वीएनआई) दुर्गम कैलाश मानस्रोवर यात्रा अब सुगम हो गई है.प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी मई माह मे संभावित चीन यात्रा के ठीक बाद, अठारह जून से इस यात्रा के लिये नाथूला दर्रे से कैलाश-मानसरोवर के लिए दूसरा वैकल्पिक मार्ग ,मोटर मार्ग के लिये खुल जायेगा. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज यहा एक संवाददाता सम्मेलन मे इस दूसरे वैकल्पिक मार्ग से यात्रा शुरू किये जाने की घोषणा की. श्रीमति स्वराज ने कहा कि कैलाश मान सरोवर यात्रा के लिये अभी तक इस्तेमाल होने वाला लिपुलेख दर्रा बहुत दुर्गम माना जाता रहा है और केवल युवा और शक्तिशाली लोग ही यह यात्रा कर पाते थे और निर्बल, अशक्त और बुजुर्ग चाह कर भी यह यात्रा नही कर पाते थे लेकिन इस नये वैकल्पिक मार्ग से मोटर के जरिये वे सीधे कैलाश मानसरोवर तक पहुंच सकंगे. श्रीमति स्वराज ने इस अवसर पर पूरी तरह से कैलाश मानसरोवर यात्रा की पूरी जानकारी को समर्पित एक वेबसाईट भी जारी की.
श्रीमति स्वराज ने बताया कि इस वैकल्पिक मार्ग से प्रारंभ मे आगामी अठारह जून से 50-50 यात्रियो के पांच जत्थे जा सकेंगे , जबकि पुराने मार्ग से 60-60 यात्रियो के 18 जत्थे आगामी आठ जून से यह यात्रा करेंगे. उन्होने कहा सबसे बड़ी बात यह है कि अब यात्रियो के पास यह यात्रा करने के दो विकल्प है. विदेश मंत्री ने कहा कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी जब पहली बार गत जून मे भारत आये थे , तभी से इस वैकल्पिक मार्ग के खोले जाने पर चर्चा शुरू हो गयी थी, जिसकि तार्किक परिणति अब मार्ग खुल जाने पर हो रही है. इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पिछले साल सितंबर में भारत की यात्रा के दौरान इस मार्ग को खोले जाने के बारे मे सहमति हुई और इस संबंध मे दोनो देशो के बीच समझौता हुआ.श्रीमति स्वराज ने कहा कि हाल के उनकी चीन यात्रा के दौरान दूसरा मार्ग खोलने की खातिर तौर-तरीकों तय करने संबंधी दस्तावेजों का आदान प्रदान किया ताकि यात्रा संबंधी आगे की व्यवस्थाये की जा सके.गौरतलब है कि चीन के विदेश मंत्री वांग ली ने भी पिछले साल मोदी सरकार के कार्यालय संभालने के बाद भारत का दौरा किया था, उनके निमंत्रण पर गत 31 जनवरी से तीन फरवरी तक विदेश मंत्री स्वराज ने चीन की यात्रा की थी जिस दौरान उन्होने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और आपसी हित के मुद्दो , कैलाश मानसरोवर के वैकल्पिक मार्ग खोले जा्ने पर चर्चा के अलावा प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की मई मे संभावित चीन यात्रा की तैयारियो पर भी चर्चा की. श्रीमति स्वराज ने चीन मे ही घोषणा की थी कि प्रधान मंत्री 26 मई से पहले चीन की यात्रा पर जायेंगे. गौरतलब है कि वर्ष 1981 से शुरू हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिये पिछले वर्ष तक सिर्फ एक ही मार्ग था.
कैलाश-मानसरोवर यात्रा के लिए दूसरे मार्ग को खोलने को लेकर इंतजामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इससे न/न केवल अधिक संख्या में भारतीय नागरिक तीर्थयात्रा पर जा सकेंगे बल्कि बुजुर्ग और अशक्त भी इस यात्रा को ्सुगमता से कर सकेंगे। उत्तराखंड में 2013 में आई बाढ़ के कारण एक मात्र मौजूदा मार्ग व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। विदेश मंत्रालय हर साल 18 जत्थों में करीब एक हजार लोगों को कैलाश मानसरोवर की यात्रा कराता है। यह यात्रा 22-26 दिनों की होती है। इस नये वैकल्पिक मार्ग से यह यात्रा केवल 12 दिनो मे ही समपन्न हो जायेगी.
श्रीमति स्वराज ने बताया कि इस नयी वेबसाईट मे यात्रियो को यात्रा से संबंधी पूरी जानकारी के अलावा यात्रा संबंधी फार्म भी उपलब्ध हो सकेंगे साथ ही वे या्त्रा को और उत्तम बनाने के लिये अपने सुझाव भी दे सकेंगे. वेबसाईट हिंदी और अंग्रेजी दोनो भाशाओ मे उपलब्ध है. कैलाश मानसरोवर , जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 4590 मीटर है , अब वहा जाने के लिये राजधानी दिल्ली से कैलाश मानसरोवर के दर्शन के लिए जाने वाले यात्री विमान से सीधे सिक्किम पहुंचेंगे, फिर सड़क के रास्ते नाथूलॉ दर्रे से होते हुए चीन की सीमा में दाखिल होंगे। नाथू लॉ से कार के जरिए ही यात्री तिब्बत पहुंच जाएंगे। जहां तिब्बत हाईवे से होते हुए यात्री सीधे मानसरोवर झील तक पहुंच सकते हैं।