नयी दिल्ली,22 दिसंबर (अनुपमाजैन/वीएनआई)नाबालिगो के बढते अपराधो और इन पर अंकुश लगाने के लिये समाज मे बढते आक्रोश और दबाव के बीच आज सरकार राज्य सभा मे जुवेनाईल जस्टिस बिल में पेश करेगी. लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पेश किया जा चुका है. राज्यसभा में बहुत दिनों से जारी गतिरोध के बावजूद कल बहुत कम समय में तीन बिल पास हो गये. इनमें एससी- एसटी समेत तीन बिल है. जुवेनाइल जस्टिस बिल कल सदन में नहीं रखा गया. संकेत है कि आज इस पर चर्चा होगी.
निर्भया केस में नाबालिग की रिहाई के बाद सांसदों पर जुवेनाइल जस्टिस बिल को लेकर दबाव बढ़ गया है. सूत्रों के अनुसार राज्यसभा में जुवेनाइल बिल पर चर्चा के लिए सभी पार्टियां राजी हो गई है. कल ही कांग्रेस ने इस बिल पर समर्थन के संकेत दिए हैं. दूसरी तरफ बीजेपी ने कांग्रेस पर बिल को लेकर चर्चा में शामिल नहीं होने का आरोप लगाया है.
कल केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा था, ‘‘निर्भया मामले के दोषी किशोर की रिहाई के खिलाफ देश में स्पष्ट नाराजगी है. विधेयक तीन बार सूचीबद्ध किया गया लेकिन कांग्रेस सत्र को चलने नहीं दे रही है और निर्भया को न्याय नहीं मिला.' सपा नेता रामगोपाल यादव ने विधेयक पारित होने में देरी के लिए ‘‘राजनीति' को जिम्मेदार ठहराया. माकपा नेता बृंदा करात ने कहा कि यदि कानून में संशोधन पारित हो भी जाता है तो भी यह इस सामूहिक बलात्कार कांड के किशोर दोषी के खिलाफ पिछली तारीख से लागू नहीं हो पायेगा.
गौरतलब है कि नए जुवेनाइल जस्टिस बिल में कहा गया है कि रेप, मर्डर और एसिड अटैक जैसे खतरनाक अपराधों में शामिल नाबालिगों को बालिग मानकर उसपर कार्रवाई की जाए. गंभीर अपराध करने वाले नाबालिगों पर केस आम अदालतों में और बालिगों के लिए कानून के अनुसार चलेगा. वर्तमान कानून के मुताबिक नाबालिग को ज्यादा से ज्यादा तीन साल तक के लिए सुधार गृह में रखा जा सकता है.