लखनऊ/नई दिल्ली,२४ अक्टूबर (शोभनाजैन/वीएनआई) समाजवादी पार्टी का महाभारत कुरूक्षेत्र पहुच गया है. पार्टी मे अखिलेश धड़े और शिवपाल यादव धड़े के बीच चल रहे घमासान मे आज पार्टी के रा्ष्ट्रीय अधयक्ष मुलायम सिंह यादव ने आज खुल कर बेटे अखिलेश के खिलाफ भाई शिवपाल यादव और अ्मर सिंह का साथ दे कर पार्टी की आगे की दिशा का संकेत दे दिया.मुलायम सिंह यादव ने आज पार्टी की अहम बैठक में अखिलेश को चाचा शिवपाल यादव से गले मिलने को कहा लेकिन बैठक खतम होते होते अखिलेश और शिव पाल के बीच माईक छीनने को ले कर धक्का मुक्की हुई और अखिलेश अपने समर्ठको के साथ बीच मे ही उठ अपने आवास पर चले गये लेकिन इतना तय है पार्टी का महाभारत अब कुरूक्षेत्र पहुच गया है.वैसे ऐसी भी अटकले थे कि बैठक मे शिव पाल धड़ा मुलायम पर सरकार संभालने का दबाव डाल सकता है, शिव पाल ने बैठक मे कहा भी कि अब नेताजी नेतृत्व संभालें, लेकिन इस बारे मे अंदर की खदबहाट बैठक मे औपचारिक रूप से बाहर नही आयी
इससे पूर्व दोनो पक्षो के समर्थको की नारेबाजी के बीच हुई बैठक मे मुलायम सिंह यादव ने कहा कि शिवपाल यादव बड़े नेता हैं और अमर सिंह उनके भाई है जबकि अखिलेश और उनके समर्थको को लताडते हुए कहा कि सत्ता पाते ही वे हवा मे उड़ने लगे है, पार्टी में टकराव से दूखी हूं. मुलायम सिंह यादव ने कहा कि लोहिया जी के दिखाए मार्ग पर आगे चलें. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो हम जेल जाने से भी पीछे नहीं हटे. पार्टी बनाने के लिए बहुत संघर्ष किया. हम जेल भी गए कोई नहीं जानता. साथ ही उन्होंने पार्टी नेताओं को हिदायत दी की ज्यादा बढ़-चढ़कर बातें नहीं करें. जो उछल रहे हैं, वे एक भी लाठी नहीं झेल सकते.
मुलायम ने आगे कहा कि हमें अपनी कमजोरियां दूर करनी चाहिए. हम कमजोरी दूर करने के बजाय लड़ने लगे. मुलायम सिंह यादव ने कहा कि युवाओं को मैंने टिकट दिया. ऐसा नहीं है कि युवा मेरे साथ नहीं हैं.पिछले चार माह से चला आ रहा पार्टी संग्राम मुलायम सिंह यादव के महाबैठक बुलाते ही सड़क तक आ गया. सपा कार्यालय के बाहर अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के समर्थकों के बीच जमकर नारेबाजी और हाथापाई हुई. पुलिस ने समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग किया.
मुलायम सिंह यादव ने साफ कहा कि पद मिलते ही दिमाग खराब हो गया. अगर आलोचना सही है तो सुधरने की जरूरत है. कुछ नेता केवल चापलूस हैं. नारेबाजी करने वाले बाहर होंगे. उन्होंने कहा कि मैं पीएम बन सकता था, लेकिन समझौता नहीं किया.आज पार्टी कार्यालय में आयोजित बैठक में बोलते हुए पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वे पार्टी में जारी विवाद से दुखी हैं. पिछले कुछ दिनों से जिस तरह की घटनाएं हो रहीं हैं उनसे मैं बहुत ही आहत हूं. उन्होंने कहा कि पार्टी बनाने के लिए हमने काफी लाठियां खाईं हैं काफी संघर्ष किया है. यहां तक की कई बार जेल भी गये हैं. लेकिन जो आज बहुत उछल रहे हैं वे एक लाठी भी नहीं झेल पायेंगे. उन्होंने कहा कि अभी ज्यादा कुछ बोलने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि कमजोरी दूर करने की बजाय हम अापस में लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा जो बड़ा सोच नहीं सकता, वह नेता नहीं बन सकता. आलोचना सहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जो नारे लगा रहे हैं, उन्हें क्या पता कि हमने कैसे पार्टी खड़ी की, कितना संघर्ष किया. उन्होंने अखिलेश का नाम लिये बिना कहा कि क्या पद मिलते ही आपका दिमाग खराब हो गया. क्या आप जुआरियों-शराबियों की मदद करने लगे.
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि शिवपाल जनता के नेता हैं. उन्होंने कहा कि मैं अभी कमजोर नहीं हुआ हूं. उन्होंने अपने संबोधन में मुख्तार अंसारी का भी बचाव किया और कहा कि मुख्तार अंसारी का परिवार ईमानदार है. उन्होंने अखिलेश को फटकार लगाते हुए कहा कि आप यह ना समझें कि नौजवान मेरे साथ नहीं हैं.
बैठक में बोलते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों का जवाब दिया. वे काफी भावुक नजर आये और उन्होंने कहा कि नेताजी मेरे पिता हैं, राजनीतिक गुरू हैं. मैं उनके आशीर्वाद से ही प्रदेश का मुख्यमंत्री बना हूं. उन्होंने यह कहा कि मैं नयी पार्टी क्यों बनाऊंगा? पार्टी के 25 साल पूरे हो रहे हैं. नेताजी मेरे राजनीतिक गुरू हैं और सबकुछ हैं, मैंने उनसे से राजनीति सीखी है. मैं पार्टी के वर्षगांठ समारोह में भी शामिल हो रहा हूं. कुछ लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं. मैंने हमेशा पार्टी और जनता के हित में काम किया.
उन्होंने कहा यह पार्टी नेताजी की है और हमेशा रहेगी. इस पार्टी में मेरा कुछ भी नहीं है. यह बोलते-बोलते अखिलेश भावुक हो गये. अखिलेश ने कहा कि साजिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि अगर नेताजी कहते तो मैं इस्तीफा दे देता, मैं हर काम उनके आदेश से करता हूं. उनके कहने पर ही दीपक सिंघल को हटाया, जिसे बर्खास्त किया उस मंत्री गायत्री प्रजापति को नेताजी के कहने पर वापस मंत्रिमंडल में लिया. उन्होंने कहा कि अमर सिंह का बयान आहत करने वाला है. उससे मुझे दुख हुआ.
उन्होंने अपने भाषण में कहा कि चुनाव आने वाले हैं और चुनाव में टिकट मैं ही बांटूंगा. उन्होंने कहा कि यह पार्टी नेताजी की है और जो वे कहेंगे मैं वही करूंगा. अखिलेश ने कहा कि आपकी पार्टी को आगे लेकर मैं ही जाऊंगा. अखिलेश यादव ने अपने भाषण में शिवपाल यादव के बारे में कुछ नहीं कहा.
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने भावुक होकर कहा कि मैं नई पार्टी क्यों बनाऊंगा? मैं भी किधर जाऊंगा, नेताजी मेरे लिए गुरु हैं, वह चाहें तो मुझे पार्टी से बाहर निकाल सकते हैं. वह कहते तो मैं इस्तीफा दे देता.
वहीं शिवपाल यादव ने समर्थकों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि अखिलेश ने अलग पार्टी बनाकर दूसरे दल के साथ चुनाव लड़ने की बात कही है. मैं कसम खाकर कहता हूं कि अखिलेश ने यह बात कही थी. क्या मैंने सीएम अखिलेश से कम काम किया है. मेरे विभाग छीने गए मेरा कसूर क्या था. मैंने सीएम और नेताजी के हर आदेश को माना. पार्टी में कुछ लोग सत्ता की मलाई चाट रहे हैं. हमने पार्टी बनाने के लिए संघर्ष किया. क्या सरकार में मेरा योगदान नहीं है. अब नेताजी नेतृत्व संभालें.वी एन आई