परदेस मे फंसी गुरप्रीत आज लौट आई बिटिया के साथ स्वदेश

By Shobhna Jain | Posted on 4th Feb 2016 | VNI स्पेशल
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नयी दिल्ली 4 फरवरी (शोभनाजैन /वीएनआई )परदेस मे शरणार्थी शिविर मे फंसी और देश वापस लौटने की गुहार कर रही गुरप्रीत अपनी सात साल की बेटी के साथ सरकार के प्रयासों से आज सुबह स्वदेश लौट आई । इस पूरे मामले के खुलासे के बाद गुरप्रीत को भारत् लाये जाने के प्रयासो से जुडी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल ट्वीट किया था कि गुरप्रीत और उसकी की बेटी आज सुबह उड़ान संख्या एआई 120 से फ्रेंकफर्ट से नई दिल्ली पहुंचेगी। दोनों मॉ बेटी को जर्मनी के शरणार्थी शिविर से महावाणिज्य दूतावास लाया गया जहा से वे दिल्ली के लिए रवाना हुई । गौरतलब है कि गुरप्रीत ने कुछ दिन पूर्व जर्मनी के शरणार्थी शिविर से भेजे गये एक वीडियो मे अपनी त्रासदी का खुलासा किया और भारत वापस बुलाये जाने की गुहार की.जिसके बाद यह मामला मीडिया मे आया और विदेश मंत्री ने इस मामले मे अपनी पहल पर उसके भारत लाये जाने के प्रयास शुरू करवाये.दो दिन पूर्व गुरप्रीत के माता-पिता ने भी विदेश मंत्री से उनकी बेटी और नातिन को भारत लाने की गुहार लगाई थी। आरोप है कि गुरप्रीत के सास ससुर ने उसे उसके 'लापता'पति की तलाश के लिये जर्मनी भिजवाया जहा से उसे अफगान नागरिक बता कर जर्मनी की शहरणार्थी शिविर पहुंचा दिया गया गुरप्रीत उर्फ माला उर्फ प्रियंका सन् 2010 से पति की तलाश कर रही है। उसने पुलिस से लेकर मानवाधिकार आयोग से शिकायत की थी, लेकिन उसके पति का कुछ पता नहीं चल सका। बाद मे उसके ससुराल वालो ने उसे एक एजेंट के जरिए पति की कथित तलाश में जर्मनी भेज दिया गई। वहां पति तो नहीं मिला, शरणार्थी शिविर में अवश्य पहुंच गई। गुरप्रीत ने पुलिस कमिश्नर को जो शिकायत दी थी, उसमें महिला ने बाताया था कि उसकी शादी सेक्टर-15 के गुरुद्वारे में मनोज कुमार कपूर से 31 जुलाई सन् 2006 को हुई थी। वह सेक्टर-17 के मकान में किराए पर रही थी। बिचौलिया की भूमिका उसकी दो ननदे और ननदोई ने निभाई थीं। शादी से पहले बताया गया था कि पति का तलाक हो चुका है। आठ अगस्त 2008 को महिला ने अपनी बेटी तयांशी को जन्म दिया था। अब तयांशी सात वर्ष की हो चुकी है। 10 नवंबर सन् 2010 को महिला के पति को कथित तौर पर उसकी दोनों ननद और उनके पति महिला के घर पर आए थे। महिला ने पुलिस कमिश्नर को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि उक्त लोग उसके पति को बिजनेस शुरू करने के नाम पर जमीन खरीदवाने को कहकर अपने साथ ले गए थे लेकिन उसके बाद से उसके पति का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। गुरप्रीत का कहना है कि वह भारतीय मूल की है। महिला के ससुरालियों ने एजेंट के जरिए उसे जर्मनी भिजवा दिया था। वहां एजेंट ने गुरप्रीत से उसके आभूषण, पासपोर्ट और मोबाइल अपने पास रख लिया था और जर्मन अधिकारियों से खुद को अफगानिस्तानी बताने को कहा।वी एन आई

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