नई दिल्ली 27 जनवरी शोभना जैन (वीएनआई) चीन के प्रख्यात हिंदी विद्वान डाॅ. झियांन शी को साहित्य अकादेमी द्वारा डाॅ. आनंद कुमारस्वामी फेलोशिप प्रदान की गयी है । डाॅ. शी एक प्रतिष्ठित हिंदी विद्वान, प्रख्यात लेखक तथा बीजिंग विश्वविद्यालय, चीन में हिंदी के प्रध्यापक हैं। वे चीन के उन शुरूआती हिंदी विद्वानो में से है जिनका भारत प्रेम सर्व विदित है ,अकादमी के अनुसार उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन हिंदी भाषा तथा साहित्य के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया है। उन्हें यह फेलोशिप अकादेमी के पूर्व सचिव एवं प्रख्यात लेखक डाॅ. इंद्रनाथ चैधरी ने प्रदान की।
कार्यक्रम के आरंभ में अकादेमी के सचिव डाॅ.के.श्रीनिवासराव ने कहा कि डाॅ. आनंद कुमारस्वामी फैलोशिप एशिया देशों के उन विद्वानों को दी जाती है, जो एशियाई साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे है। उन्होंने डाॅ. शी को चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि एक हिंदी प्रेमी, भारत प्रेमी को यह फेलोशिप प्रदान करते हुए साहित्य अकादेमी अत्यंत गौरव का अनुभव कर रही है।
डाॅ. शी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से भारत-चीन मित्राता तथा दोनों देशों के मध्य आपसी समझ को बढ़ावा दिया है। डा शी का विचार है की कि भाषा और संस्कृति में सांस्कृतिक सेतु के रूप में कार्य करने तथा परिवर्तनों को प्रेरित करने की क्षमता है। भाषाएँ संस्कृतियों और देशों के मध्य पुल का काम करती हैं।
उनकी शोध परियोजनाओं में चीनी-हिंदी शब्दकोश, रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाओं का अध्ययन, भारतीय नाट्य अध्ययन, भारतीय धार्मिक साहित्य, भारतीय साहित्य का आधुनिक इतिहास, सूरसागर-अनुवाद एवं अध्ययन तथा चीन-भारत सांस्कृतिक संबंध विश्वकोष खासे चर्चित हैं।
वे विभिन्न पुरस्कारों/सम्मानों से विभूषित हैं, जिनमें मध्ययुगीन भारतीय धार्मिक साहित्य पुस्तक के लिए सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी के क्षेत्र में बीजिंग का सर्वश्रेष्ठ शोध पुरस्कार, रवींद्रनाथ टैगोर पर प्रांतीय पुरस्कार और 8वें विश्व हिंदी सम्मेलन के अंतर्गत हिंदी में प्रख्यात योगदानकर्ता पुरस्कार तथा अन्य कई पुरस्कार सम्मिलित हैं।
डाॅ. शी का जन्म 1967 में हुआइआन चीन में हुआ। उन्होंने बीजिंग विश्वविद्यालय के प्राच्य अध्ययन विभाग से भारतीय साहित्य एवं संस्कृति में स्नातक, स्नातकोत्तर तथा 1996 में पी-एच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त की हैं।
उन्होंने चीन तथा भारत.दोनों देशों में हिंदी का अध्ययन किया है। फिलहाल वे बीजिंग विश्वविद्यालय के दक्षिण एशियाई केंद्र के निदेशक भी हैं। इसके पूर्व वे बीजिंग विश्वविद्यालय के भारतीय अध्ययन केंद्र के उप-निदेशक एवं बीजिंग विश्वविद्यालय के दक्षिण एशियाई अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष तथा अन्य कई शैक्षिक पदों पर कार्यरत रहे हैं।
श्री शी 50 से अधिक शोध-लेख, 4 पुस्तकें, 1 अनुवाद तथा 10 से अधिक संपादित पुस्तकें प्रकाशित हैं। वी एन आई