भारतीय राजनयिक ’गुजरात की खुशबू’ दुनिया भर में फैलाने, ‘मेक इन इंडिया’ को सफल बनाने मे जुट जाये- श्रीमती आनंदीबेन पटेल

By Shobhna Jain | Posted on 11th Mar 2015 | VNI स्पेशल
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नयी दिल्ली, 9 फरवरी ( शोभना जैन,वीएनआई) गुजरात की मुख्यमंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने भारतीय राजनयिकों से आग्रह किया है कि वे ’गुजरात की खुशबू’ को दुनिया भर में फैलाने मे सहयोग दे और प्रधान मंत्री के ’मेक इन इंडिया’ विज़न को पूरा करने के लिए राज्यों में निवेश लाने मे जुट जाये। श्रीमती पटेल ने गुजरात को एक आकर्षक निवेश स्थल बताते हुए कहा कि गुजरात अपने श्रम कानूनों में संशोधन की प्रक्रिया में हैं और इंस्पेक्टर राज को कम करने के लिए राज्य की भूमिका सुगमकर्ता की रहेगी न कि नियामक की। अपने मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से गुजरात एक आकर्षक निवेश विकल्प बन चुका है और राज्य ने गुजरात की प्रगति में शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों का एक समान विकास किया है. श्रीमती “पटेल” ने विदेशो मे स्थित भारतीय मिशन प्रमुखो के सम्मेलन ्के दौरान राजनयिको के साथ गुजरात सरकार द्वारा आयोजित ’संवाद कार्यक्रम’ में यह बात कही. राजनयिकों को संबोधित करते हुए उन्होने उम्मीद जताई कि भारतीय राजनयिक निवेशकों, आधुनिक प्रौद्योगिकी व बेहतर बाजारों को भारत लाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। मुख्य मंत्री ने कहा \" हम सभी अपने नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के इच्छुक हैं और भारतीय राजनयिक इस विज़न को हासिल करने में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। इस मामले में बेहतर सम्प्रेषण संभव बनाने के लिए गुजरात भारतीय राजनयिकों के लिए एक विशेष पोर्टल बनाएगा ताकि व्यापार की नई संभावनाओं की खोज की जा सके। मुख्यमंत्री ने राजनयिकों से कहा कि वे ’गुजरात की खुशबू’ को दुनिया भर में फैलाने के लिए सहयोग दें। उन्होने कहा ’आप एक कदम चलिए, हम दस कदम चलेंगे। इस तरह हम एक कदम से 11 कदम की दूरी तय करेंगे।’ केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से हम प्रधानमंत्री के ’मेक इन इंडिया’ विज़न को सच कर सकेंगे. गत 7 फरवरी को शुरू हुए इस चार दिवसीय सम्मेलन का उदघाट्न प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. विदेश मंत्रालय द्वारा चार दिन तक चल्ने वाले इस सम्मेलन मे 110 से अधिक भारतीय राजदूत और उच्चायुक्त हिस्सा ले रहे है . संवाद कार्यक्रम मे विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी हिस्सा लिया. इस मौके पर विदेश सचिव डॉ एस जयशंकर भी मौजूद थे.इस बार सम्मेलन मे \'\'विकास के लिये डिप्लोमेसी \'विचार मंथन के मुख्य बिंदु के साथ पहली बार डिप्लोमेसी और राज्यो के बीच ताल मेल बढाये जाने पर भी व्यापक विचार किया जा रहा है. श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने गुजरात मे निवेश के माहौल को अतयंत आक्रषक बताते हुए कहा \'गुजरात पहला ऐसा राज्य है जिसने इंफ्रास्ट्रक्चर में निजी क्षेत्री की भागीदारी के लिए कानून बनाया। इससे हमें बंदरगाहों के आधुनिकीकरण व उनसे होने वाले विकास को मुमकिन करने में मदद मिली, गुजरात में अब खपत से ज्यादा बिजली है तथा यह एक पैट्रोकैमिकल केन्द्र के रूप में भी विकसित हो रहा है।वैश्विक व्यापार समुदाय ने गुजरात में निवेश करने में गहरी रुचि दिखाई है और हम उसका लाभ उठाना चाहते हैं, उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात अपने व्यापार नियामकीय ढांचों की गुणवत्ता को सुधारने का इच्छुक है ताकि विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सके। गुजरात सरकार विनिर्माण क्षेत्र के लिए नई औद्योगिक नीति ले कर आई है जिसमें ’मेक इन इंडिया’ विज़न को शामिल किया गया है। गुजरात की मुख्यमंत्री ने भारतीय राजनयिकों से आग्रह किया कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश व नई तकनीक को भारत लाने में सहायता करें. उन्होने कहा \' गुजरात हम ना केवल आर्थिक विकास पर फोकस कर रहे हैं बल्कि हमारा लक्ष्य सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन भी है। गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य है जहां शहरी क्षेत्रों के समान ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रगति हुई है।\' मुख्यमंत्री ने भारतीय राजनयिकों से आग्रह किया कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश व नई तकनीक को भारत लाने में सहायता करें, हमारी विनिर्माण इकाईयों के लिए कच्चा माल प्राप्त करें, हस्तशिल्प समेत हमारे उत्पादों के लिए बाजार तलाशें, विदेशों में गठजोड़ कर के युवाओं का कौशल विकास करें तथा लघु व मध्यम उद्योग क्षेत्र को विदेशी उपक्रमों से जोड़ें। इससे रोजगार मिलेगा और नए उद्यमियों का विकास होगा, उन्होंने भारतीय राजनयिकों को विशेष रूप से इसलिए भी धन्यवाद दिया कि उन्होंने वाइब्रेंट गुजरात 2015 को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस अवसर पर कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल है कि सभी भारतीय राजदूतों को राज्यों के करीब लाया जाए ताकि विदेशों से निवेश सुगमता से राज्यों तक प्रवाहित हो। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मंच नए द्वार खोलेंगे जिनसे निवेशकों को आकर्षित किया जाए और देश के समग्र विकास में योगदान हो। इस अव्सर पर गुजरात सरकार के मुख्य सचिव श्री डी जे पांडियन ने गुजरात की विकास यात्रा का विस्तृत वर्णन किया। श्री पांडियन ने बताया कि किस प्रकार गुजरात ने बिजली, कृषि, स्वास्थ्य व शिक्षा समेत विविध क्षेत्रों में उपलब्धियां प्राप्त कीं और भारत का आर्थिक प्रगति का इंजन बना। उन्होने कहा\'हमने संपूर्ण विकास पर ध्यान केन्द्रित किया न कि टुकड़ों में विकास करने पर\'मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री के कैलाशनाथन ने ’गुजरातः द ग्लोबल गेटवे टू इंडिया’ का प्रेजनटेशन दे कर गुजरात की प्रगति का ब्योरा दिया .वी एन आई

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