नयी दि्ल्ली ६ जुलाई गज़ा मे पिछले लगभग एक माह से जारी भीषण मारकाट के बाद कल से इज़रायल तथा फिलस्तीन के बीच लागू 72 घंटे के युद्धविराम दौरान, गज़ा मे पसरी तूफान पूर्व सी शांति के बीच भारत स्थित फिलस्तीन के राजदूत अदली शबनम हसन सादिक ने उम्मीद जताई है कि इज़रायल अपने पिछले अविश्वसनीय रिकॉर्ड के बावजूद इस बार युद्धविराम का पालन करेगा. साथ ही उन्होने कहा ‘ फिलस्तीन अपने मुद्दे पर भारत के समर्थन की प्रशंसा करता है लेकिन भारत को अधिक मुखर होकर इज़रायल के वहाँ लगातार कब्ज़े तथा हिंसा की निंदा करनी चाहिये.हमारी उम्मीद, भारत से थोड़ी ज़्यादा की है. उन्होने कहा \" भारत एक महान राष्ट्र है उन्हे उ्म्मीद है कि वह विश्व बिरादरी मे अपनी साख के अनूरूप भूमिका निभायेगा\"
इस संवाददाता के साथ यहाँ एक विशेष साक्षात्कार मे श्री सादिक़ ने काहिरा मे मिस्र की मध्यस्थता मे दोनों पक्षों के बीच हो रही मौजूदा वार्ता के सकारात्मक परिणाम निकलने की उ्म्मीद जताई लेकिन साथ ही कुछ आशंका भी जताई कि \"अभी तक शांति के लिये रास्ता खोजने की बजाए इज़रायल तबाही और मारकाट मचाता रहा है इसलिये यह डर है \"| साक्षात्कार मे श्री सादिक़ ने फिलस्तीन मुद्दे पर भारत के साथ रिश्ते, अरब जगत के अनेक देशों द्वारा भारत के साथ दोस्ती के रिश्ते भारत जैसी भावना के साथ पूरी तरह से नही निभाने, इस्लामी संगठन देशों ओ. आई. सी के कश्मीर को लेकर भारत विरोधी तथा पाक समर्थित नज़रिये तथा कश्मीर मसले पर फिलस्तीनी रुख सहित अनेक मुद्दों पर खुल कर विचार व्यक्त किये.
फिलस्तीन और भारत के रिश्तों की चर्चा करते हुए राजदूत ने कहा \"कांग्रेस शासन के साथ साथ वर्ष २००४ मे भाजपा ने राजग के साथ भी उनका अनुभव अच्छा रहा हैं. फिलस्तीन यह बात समझता है कि इज़रायल के साथ भारत के राजनयिक रिश्ते हैं, महात्मा गाँधी के समय से लेकर हमारे भारत के साथ बहुत अच्छे रिश्तें हैं. दुनिया मे भारत की एक बड़ी भूमिका है, लेकिन हमारी उम्मीद उससे थोड़ी ज़्यादा है . हम चाहते हैं कि भारत वहाँ शान्ति क्ए लिये थोड़ा ज़्यादा काम करे, उन्होने कहा \"यह सही है भारत फिलस्तीन मसले का समर्थक रहा है, हिंसा की वह निंदा करता रहा है लेकिन मेरी राय मे हमलावर और आत्मरक्षा मे हमला करने वाले हमलों को एक ही समान समझ कर उनकी निंदा करनी सही नही है उनहोने कहा \"इज़रा्यल अपराधी है, हिंसा के इस मौजूदा दौर मे उसने २००० लोगों की हत्या की है, निहत्थे नागरिक, महिलायें, मासूम बच्चे इज़रायली बर्बरता के शिकार हो रहे हैं,गज़ा वेस्ट बैंक सब जगह तबाही ही तबाही है\"
सवालों के जवाब मे राजदूत ने कहा कि \"काहिरा मे मिस्र की मध्यस्थता मे दोनो पक्षों के बीच इस समय चल रही बातचीत मे अगर इज़रायल शांति से आगे बढने के लिये सहमत होता है तो दोनों पक्ष आगे बातचीत कर सकते हैं “| उन्होने कहा \" मै भी उम्मीद कर रहा हूँ कि बातचीत का नतीजा सकारात्मक हो लेकिन अभी तक यही होता आया है कि इज़रायल ने शांति का रास्ता खोलने की बजाये मारकाट की है शान्ति प्रक्रिया के प्रयासों को नकारा है,’
गौरतलब है कि इस बातचीत मे फिलस्तीन जहाँ इज़रा्यल से गज़ा की पिछले आठ वर्ष से चली आ रही नाकेबंदी खत्म करने, बॉर्डर क्रॉसिंग खत्म करने पर ज़ोर दे रहा है वहीं इज़रायल गाज़ा को पूरी तरह से विसैन्यीकरण करने पर अड़ा है. उनके इस कथन की बाबत पूछे जाने पर कि अगर इज़राईल येरूशलम को फलिस्तीन की राजधानी के रूप मे स्वीकार करता है और उसके साथ शान्ति पूर्ण सह अस्तित्व की भावना के साथ रहने को तैयार है ,राजदूत ने कहा \"इज़रायल की मौजूदा उग्र सरकार के शासन मे उन्हे ऐसी उम्मीद नही है लेकिन अगर वहाँ उदारवादी, जिम्मेवार सरकार कभी बने और येरुशलम हमारी राजधानी बनती है तो ऐसा हो सकता है, यह इज़राईली जनता के भी हित मे होगा , इज़रायल के कई वर्गों मे हमारे मित्र हैं वे भी दोनों के बीच शान्ति चाहते हैं लेकिन इज़रायल की मौजूदा सरकार के साथ तो ऐसा संभव प्रतीत नही होता है. ‘
सवालों के जवाब मे उनहोने कहा ‘ इज़रायल का यह कथन सरासर झूठ का पुलिन्दा है कि हमास आतंवादी संगठन है और यह कहना भी पूरी तरह से गलत है कि सऊदी अरब तथा संयुक्त अरब अमीरात कथित तौर पर हमास के सफाये के लिये इज़राईल को पैसा दे रहे हैं उन्होने कहा \"हमास ने फलिस्तीनी राज्य की स्थापना तथा इज़राईल के साथ शांति से रहने का प्रस्ताव स्वीकार किया था लेकिन इज़राईल हमे वहाँ से खदेड़ना चाहता है और उसने पूरे अरब जगत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, दरअसल उग्रवाद तो इज़राईल का है और हमास शांति प्रक्रिया का पक्षधर है’ आतंकी संगठन तो अलकायदा है जो मुम्बई अफगानिस्तान जैसी कितनी ही जगहों मे हमले के दो्षी हैं हमारे समाज ने आतंक को कभी स्वीकार नही किया और हमे उसकी भर्त्सना करने मे कोई हिचकिचाहट नही रही ‘
गौरतलब है कि गज़ा मे पिछले 29 दिनों से चले आ रही भीषण लड़ाई के बाद कल युद्धविराम का पहला दिन और पहली रात मोर्टार के हमलों, गोलियों और तोपो की गड़गड़ाहट के बिना गुज़री .इज़रा्यल ने कल इस क्षेत्र से अपनी फौजें हटा ले थीं पिछले चार दिन मे दूसरी बार दोनों पक्ष कल मानवीय आधार पर 72 घंटे के युद्धविराम पर सहमत हुए .गत एक अगस्त को भी अमरीका तथा संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता मे भी युद्धविराम पर सहमती हुई थी लेकिन लागू होने के 90 मिनट के भीतर ही वह टूट गया, हमास और इज़रायल दोनो ने ही इसके लिये एक दूसरे को दोषी ठहराया था.
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