दिल्ली 18 नवंबर (वीएनआई) दिल्ली में लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन आज (बुधवार) कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही सम्पन्न हो गया। । इस अवसर पर दिल्ली में यमुना के कई घाटों समेत हिंडन नदी पर लाखों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया.इस दौरान लाखों लोगों, विशेषकर महिलाओं ने ठंड की परवाह किए बगैर नदियों में डुबकी लगाई और उगते सूर्य की प्रार्थना की। इससे पूर्व कल मंगलवार व्रतियों ने छठ मैया की पूजा-अर्चना करने के साथ ही अस्ताचलगामी सूर्य (डूबते सूर्य को) को अर्घ्य दिया था।
बच्चों और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए हर साल महिलायें छठ का व्रत रखती हैं.व्रती 36 घंटे से भी अधिक समय तक निर्जला व्रत रखकर छठी मैया का आर्शीवाद के लिए कठिन उपक्रम करती हैं। उनका मानना होता है कि इससे सूर्य देवता का आशीर्वाद मिलता है.इस त्योहार पर सूर्य की पूजा की जाती है और सूर्य देव को फल, घर पर बनाए गए ठेकुआ, पेड़ा, पकवान, चावल के लड्डू, कच्ची सब्जियां और मौसम की पहली फसल चढ़ाई जाती है। सभी मीठे पकवान और फल-सब्जियां बांस की बनी टोकरी और सूप में चढ़ाए जाते हैं। सूर्य ऊर्जा और जीवनी शक्ति के देवता माने जाते हैं और छठ के दौरान इनकी पूजा उन्नति, बेहतरी और प्रगति के लिए की जाती है।
गौरतलब है कि छठ पूजा की शुरुआत रविवार को को 'नहाय खाय' के साथ हुई थी, जिस दौरान व्रतियों ने नदियों में स्नान किया था। इसके अगले दिन ्सोमवार को 'खरना' संपन्न हुआ, इस दिन घरों में मीठे पकवान बना कर रिश्तेदारों और मित्रों में बांटे जाते हैं। कभी यह त्योहार बिहार तक ही सीमित था, लेकिन अन्य राज्यों में यहां के लोगों की बढ़ती तादाद की वजह से यह दूसरे राज्यों में भी तेजी से लोकप्रिय हुआ है। छठ पूजा का आयोजन दिल्ली के अलावा कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में भी होता है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में छठ पूजा को लेकर यमुना और राजधानी के दूसरे इलाकों में व्यवस्था जोरो-शोरो से क्ई गयी थी। यमुना के घाटों की सफाई में दिल्ली सरकार और एमसीडी सहित कई विभागों को लगाया गया । दिल्ली में यमुना के किनारे छोटे बड़े कुल 90 घाटों पर छठ पूजा का आयोजन किया ्गया। इनमें से 75 घाटों का इंतजाम दिल्ली सरकार और एमसीडी ने मिल कर किया।