मिलिये,भारत की उम्मीद जूनियर विबंलडन चैम्पियन सुमित नागल से

By Shobhna Jain | Posted on 13th Jul 2015 | VNI स्पेशल
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नई दिल्ली,13 जुलाई (अनुपमा जैन,वीएनआई} हरियाणा के छोटे से कस्बे झज्जर मे जन्मे भारत के 17 वर्षीय सुमित नागल ने कल वियतनाम के हुआंग ली के साथ विंबलडन के फाइनल मैच मे जूनियर युगल वर्ग का खिताब जीत कर कल सनसनी मचा दी.बरसो से टेनिस अभ्यास मे दिन रात जुटे ,सुमित को टेनिस प्रेमी जानते है, वे अनेक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय टेनिस मुकाबले जीत चुके है लेकिन जन साधारण की नजरो मे यह किशोर अब आया है, जब उसने विबंलडन मे जीत दर्ज करा कर भारत को गौरवान्वित किया. हरियाणा के एक साधारण परिवार के बेटे सुमित नागल ने दस साल की उम्र मे टेनिस खेलना शुरू किया और टेनिस के जाने माने खिलाड़ी महेश भुपति ने उन्हे अपनी टेनिस अकादमी मे लिया. एक टेलीविजन चैनल से बातचीत मे इस जीत से आह्लादित सुमित के पिता सुरेश नागल ने इस जीत और सुमित के कैरियर का पूरा श्रेय महेश भूपति को दिया. सुमित का जन्म 16 अगस्त 1997 हरियाणा के झज्जर मे हुआ. सुमित के पिता का कहना है\' सुमित ने जो भी हासिल किया उसका पूरा श्रेय महेश को जाता है महेश हमारे लिये इश्वर के समान है. सुरेश नागल का कहना है \'सात बरस की उम्र मे सुमित ने टेनिस खेलना शुरू किया, तब उसके स्थानीय को्च ने कहा कि सुमित मे टेनिस मे कुछ कर गुजरने की बेजोड़ प्रतिभा है, उसे बाकायदा टेनिस की कोचिंग मिलनी चाहिये.इसी दौर मे एक दिन महेश भूपति ने उसका खेल देखा और उसे अपनी टेनिस अकादमी मे ले आये\' सुरेश नागल् ने कहा \'और यहा से शुरू हुई इस टेनिस स्टार के चैम्पियन बनने की यात्रा. सुमित के पिता बताते है \'हम बहुत साधारण परिवार के लोग है टेनिस जैसा खेल खिलाना और उसका खर्च उठाना हमारे बूते से बाहर था. महेश ने उसकी पूरी जिम्मेवारी उठाई,प्रशिक्षण दिया वह कैसे खेले, कैसे आगे बढे, कौन सा टूर्नामेंट कब खेलना उसके लिये सही रहेगा. सभी महेश ने उसके लिये सोचा,किया. तो आखिर सुमित का इस खेल मे आदर्श कौन है, सुमित के पिता का जबाव है \'विबंलडन चेम्पियन नोवाक ज़ोकोविक.. उसका खेल सुमित की प्रेरणा है\' गौरतलब है कि कल भारत के 17 वर्षीय सुमित नागल ने वियतनाम के हुआंग ली के साथ कोर्ट-1 पर हुए विंबलडन के फाइनल मैच मे बालक युगल वर्ग का खिताब जी्ता था। आठवीं वरीय जोड़ी नागल- हुआंग ली ने चौथी वरीयता हासिल अमरीका के राइली ओपेल्का और जापान के अकीरा सांतीलान की जोड़ी को एक घंटा तीन मिनट में सीधे सेटो में 7-6, 6-4 से मात दी.पहला सेट ज़रूर टाई ब्रेकर में समाप्त हुआ लेकिन दूसरे सेट में उन्होंने अपनी विरोधी जोड़ी पर दबाव बनाते हुए 6-4 से सेट और खिताब अपने नाम किया.नागल-हुआंग ली ने अनुशासित खेल खेला और पहली सर्विस पर 41 में से 34 अंक अपनी झोली में डालने में सफल रहे तथा दो बार विपक्षी जोड़ी की सर्विस ब्रेक की। इससे पहले सेमीफ़ाइनल में ओपेल्का-अकीरा की जोड़ी ने शीर्ष वरीयता हासिल अमरीका के टेलर हैरी फ्रिंट्ज़ और माइकल ममोथ को 6-3, 6-4 से हराया था. लेकिन फ़ाइनल में भारत के सुमित नागाल और वियतनाम के हुआंग ली ने बेहतर तालमेल दिखा्ते हुए खिताब अपने नाम कर लिया. सुमित नागल, युकी भांबरी के बाद जूनियर ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाले पहले और कुल छठे भारतीय हैं, जिसमे पहले रामनथकृष्णन (1954) उसके पश्चात उनके बेटे रमेश कृष्णन (फ्रेंच ओपन और बिंबलडन 1979), लिएंडर पेस (बिंबलडन 1990,यू एस ओपन 1991) जूनियर ग्रैंड स्लैम पाने वाले भारतीय थे. वी एन आई

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