ढाका, सात जून ( शोभना जैन,वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने \'ऐतिहासिक\' बंगला देश दौरे मे कल \'आपसी सहयोग के नये अध्याय की शुरूआत\' के बाद आज इस दौरे के दूसरे दिन की शुरूआत राजधानी ढाका के लालबाग स्थित ढाकेश्वरी मंदिर और रामकृष्ण मिशन आश्रम जा कर पूजा अर्चना और मंत्र आराधना से की. बाद मे प्रधान मंत्री ने पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के और से बंगलादेश मुक्ति अभियान मे उनके योगदान के लिये \' लिबेरशन ऑफ वार ऑनर सम्मान ग्रहण किया और कहा कि हर भारतीय का सपना था कि बंगला देश मुक्ति का सपना पूरा हो. श्री मोदी ने आज यहा भारतीय उच्चायोग की नई इमारत का भी उद्घाटन किया। बंगला देश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने यह पुरस्कार प्रदान किया ,श्री वाजपेयी की तरफ् से प्रधान मंत्री ने यह पुरस्कार ग्रहण किया
गौरतलब है कि इस अति प्राचीन ढाकेश्वरी मंदिर को राष्ट्रीय मंदिर का दर्जा प्राप्त है. इस मंदिर में मां दुर्गा के अलावा अन्य देवी देवताओं की भी तस्वीर है. ढाकेश्वरी मंदिर में दर्शन के बाद प्रधानमंत्री रामकृष्ण मिशन आश्रम पहुंचें. यहां भी पी एम मोदी ने पूजा अर्चना की . इन दोनो स्थानो पर बड़ी तादाद मे लोगो ने उनका स्वागत किया. कई लोग प्रधानमंत्री से हाथ मिलाने के लिए खड़े थे. प्रधान मंत्री की पड़ोसी देश बंगला देश की इस पहली यात्रा को ले कर स्थानीय लोगो मे खासा उतसाह है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, \"सुबह सवेरे मंदिर दर्शन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ढाका में श्री श्री ढाकेश्वरी मंदिर में पूजा की।\"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बाग्लादेश दौरा बेहद अहम रहा है, जिसे दोनो ही देश \'ऐतिहासिक\' मान रहे है. इस दौरे में ्कल भारत और बांग्लादेश के बीच 41 सालों से लंबित पडा अति महत्व पूर्ण भूमि सीमा समझौता हुआ, जिसे सीमा प्रबंधन , शांति बनाये रखने के साथ दोनो देशो के ु्हय पक्षीय संबंधो के लियेमील का पत्थर माना जा रहा है . इस समझौते के तहत भारत के 111 गांव अब बांग्लादेश में शामिल हो जाएंगे और इसके बदले बांग्लादेश के 51 गांव भारत में शामिल होंगे और इन क्षेत्रो मे रहने वाले लगभग 50,000 बिना किसी देश की नागरिकता वाले नागरिको को अब नागरिकता मिल गई है.कल दोनो देशो के बीच आर्थिक सहयोग बढाने, निवेश,सुर्क्षा, आधारभूत क्षेत्र के विकास शिक्षा, प्राद्योगिकी, संस्कृति आदि क्षेत्रो मे सहयोग बढाने के लिये २२ अहम समझौते किये गये
गौरतलब है कि 800 साल पुराना श्री ढाकेश्वरी राष्ट्रीय मंदिर सरकार के स्वामित्व के अधीन है और इसे बांग्लादेश के राष्ट्रीय मंदिर का दर्जा प्राप्त है। मंदिर में पूजा करने के बाद मोदी ने मंदिर समिति के सदस्यों और मंदिर के वरिष्ठ सदस्य से मुलाकात की। मंदिर के पुजारियों और अधिकारियों ने मोदी का अभिनंदन किया.उन्हें देवी ढाकेश्वरी की प्रतिकृति दी गई और अन्य स्मृति चिह्नों के अलावा एक शॉल भी भेंट किया गया. स्थानीय लोगो के अनुसार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना हर साल एक बार मंदिर जाती हैं. पिछले साल जून बंगला देश यात्रा पर आयी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी मंदिर में दर्शन किये थे. ढाकेश्वरी मंदिर का निर्माण 12वीं सदी में सेन वंश के राजा बल्लाल सेन ने करवाया था.
मोदी ने गोपीबाग में रामकृष्ण मिशन का भी दौरा किया और मंदिर के मठवासियों ने उनका अभिवादन किया। उन्होंने वरिष्ठ भिक्षुओ से बातचीत की और उनकेसाथ मंत्रोच्चार पाठ किया। ढाका रामकृष्ण मिशन मठ बेलुर मठ की शाखा है, जिसका दौरा पिछले महीने मोदी ने कोलकाता यात्रा पर की थी।
प्रवक्ता स्वरूप ने आज इस दौरे के बारे मे एक अन्य ट्वीट किया, \"पिछले महीने कोलकाता में थे। इस महीने ढाका में है। प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश में रामकृष्ण मिशन का दौरा किया।\" बाद मे श्री मोदी बरीधारा स्थित भारतीय उच्चायुक्त के नए कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कार्यालय का उद्घाटन किया और लोगों से मुलाकात की। उन्होंने कार्यालय परिसर में बाकुल का पौधा रोपा।
प्रधान मंत्री मोदी आज बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया व अन्य प्रतिपक्षी नेता बेगम इरशादसे भी मुलाकात करेंगे। राष्ट्रपति हामिद आज प्रधान मंत्री मोदी के सम्मान मे दोपहर का भोज दे रहे है
बांग्लादेश में 12वीं सदी का यह चर्चित मंदिर हिंदू समुदाय के लोगों के लिए सर्वाधिक पूजनीय स्थल है.बंगला देश के इस सर्वाधिक पूजनीय हिंदू स्थल को आधिकारिक मान्यता की मांग को लेकर 1996 में हिंदू समूहों के एक प्रमुख अभियान के बाद ढाकेश्वरी मंदिर को राष्ट्रीय मंदिर का दर्जा मिला था प्रधानमंत्री मंदिर में करीब 15 मिनट तक रहे.इस मंदिर को ढाका के सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और यह क्षेत्र के प्रमुख ‘शक्तिपीठों’ में से एक है. ‘‘ढाकेश्वरी’’ का अर्थ ‘‘ढाका की देवी’’ है और विशेषज्ञों ने बताया कि बांग्लादेश की राजधानी का नाम ढाकेश्वरी के नाम पर ही पडा.
1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना के रमना काली मंदिर को नष्ट किए जाने के बाद ढाकेश्वरी मंदिर को बांग्लादेश में सबसे महत्वपूर्ण हिंदू स्थल का दर्जा मिला है. मंदिर प्रशासन के सदस्यों ने महसूस किया कि ढाकेश्वरी मंदिर में मोदी की यात्रा ने हिंदू समुदाय के लोगों में भाईचारा का संदेश दिया है.
मंदिर के पुजारियों और अधिकारियों ने मोदी का अभिनंदन किया.उन्हें देवी ढाकेश्वरी की प्रतिकृति दी गई और अन्य स्मृति चिह्नों के अलावा एक शॉल भी भेंट किया गया. कई लोगों ने बताया कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना हर साल एक बार मंदिर जाती हैं. पिछले साल जून में यहां आईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी मंदिर में दर्शन किया था. ढाकेश्वरी मंदिर का निर्माण 12वीं सदी में सेन वंश के राजा बल्लाल सेन ने करवाया था.
मंदिर में हर रोज हजारों लोगों का जमावडा रहता है, बहरहाल आज मोदी की यात्रा को देखते हुए इसे करीब एक घंटा के लिए आम लागों के लिए बंद रखा गया था. इस सर्वाधिक पूजनीय हिंदू स्थल को आधिकारिक मान्यता की मांग को लेकर 1996 में हिंदू समूहों के एक प्रमुख अभियान के बाद ढाकेश्वरी मंदिर को राष्ट्रीय मंदिर का दर्जा मिला था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बाग्लादेश दौरा बेहद अहम रहा है. इस दौरे में भारत और बांग्लादेश के बीच 41 सालों से लंबित पडा भूमि सीमा समझौता आज धरातल पर उतर आया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे में आज दोनो देशों के बीच भूमि सीमा समझौता हो गया. इस समझौते के तहत भारत के 111 गांव अब बांग्लादेश में शामिल हो जाएंगे और इसके बदले बांग्लादेश के 51 गांव भारत में शामिल होंगे. इस मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थीं.
इस समझौते के बाद से भारत का 17000 एकड क्षेत्र बांग्लादेश में शामिल हो गया है जबकि बांग्लादेश का 7000 एकड क्षेत्र भारत में शामिल हुआ है. इस समझौते से दोनों देशों के लोगों का 41 सालों से सीमा को लेकर चल रहा विवाद समाप्त हो गया है. दोनों देशों के आम नागरिकों को इसको लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पडता था.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के दो दिन के दौरे पर ढाका ्मे हैं. कल दोनो देशो की जनता के बीच आपसे संपर्क बढाने के लिये भारत बंगला देश बस सेवाये शुरू की गयी कल प्रधानमंत्री ने बाग्लादेश दौरे की शुरुआत ढाका से 35 किलोमीटर दूर शहीद स्मारक से शहीदों को श्रद्धांजलि देकर की. इसके बाद प्रधानमंत्री बंग बंधु मेमोरियल पहुंचे. उन्होंने ट्वीटर पर बंग बंधु की कुछ तस्वीरें साझा की. उनके साथ ममता बनर्जी भी हैं. ्प्रधान मंत्री दो दिन की बंगला देश यात्रा के बाद आज देर रात स्वदेश लौट रहे है. वी एन आई