नयी दिल्ली,30 अगस्त (अनुपमाजैन,वीएनआई) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज चर्चित लैंड बिल पर एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि सरकार अब लैंड बिल पर अध्यादेश नहीं लायेगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि िस विधेयक को ले कर सरकार का मन खुला है. किसानों के हित के किसी भी सुझाव को स्वीकार करने के लिए सरकार तैयार है इस बिल पर विरोधियों की तरफ से डर फैलाया गया. किसानों को डराया गया. सरकार इस दिशा में 13 बिंदुओं पर काम कर रही है.गौरतलब है कि इस अध्यादेश की अवधि कल समाप्त हो रही है प्रधान मंत्री ने आज देशवासियो से रेडियो के जरिये मन की बात कार्यक्रम के जरिये यह घोषणा की. कार्यक्रम मे प्रधानमंत्री ने इसके अलावा कई योजनाओं की सफलता के लिए जनता को बधाई दी साथ ही गुजरात की हाल की हिंसा की घटनाओ पर चिंता जताते हुए कहा कि पूरा देश इन घटनाओ से बैचेन है.
सामाजिक सुरक्षा की विभिन्न योजनाओं की चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि ख़ुशी है की बहुत काम समय में जनता ने सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं को स्वीकारा हैं. प्रधान मंत्री ने कहा ' मैंने एक गुज़ारिश की थी, कि, रक्षाबंधन के पर्व पर हम अपनी बहनों को ये सुरक्षा योजना दें 11 करोड़ परिवार इस योजना से जुड़े हैं. मुझे ये भी बताया गया कि, क़रीब-क़रीब आधा लाभ, माताओं-बहनों को मिला है. मैं सभी माताओं-बहनों को रक्षाबंधन के पावन पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनायें भी देता हूँ. जन-धन योजना को लागू करने से संबंधित सरकार की सभी इकाइयों ने, सफ़लता पाई और अब तक 17 करोड़ 74 लाख बैंक खाते खोले गए. ज़ीरो बैलेंस से खाता खोलना था लेकिन गरीबों ने बचत करके, सेविंग करके 22,000 करोड़ की राशि जमा करवाई .आज सवा लाख से भी ज़्यादा बैंक मित्र देशभर में काम कर रहे हैं .'
गुजरत की हाल की हिंसा की घटनाओ पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होने कहा कि पिछले दिनों गुजरात की घटनाओं ने, हिंसा के तांडव ने, सारे देश को बेचैन बना दिया.स्वाभाविक है कि गाँधी और सरदार की भूमि पर कुछ भी हो जाए तो देश को सबसे पहले सदमा पहुँचता है, पीड़ा होती है. उन्होने कहा ' बहुत ही कम समय में गुजरात के मेरे भाइयों- बहनों ने परिस्थिति को संभाल लिया और फिर एक बार शांति के मार्ग पर गुजरात चल पड़ा. शांति, एकता, भाईचारा यही रास्ता सही है...और विकास ही हमारी समस्याओं का समाधान है.'
प्रधान मंत्री ने कहा कि भूमि विधेयक को ले कर सरकार का मन खुला है. किसानों के हित के किसी भी सुझाव को स्वीकार करने के लिए सरकार तैयार ्है.उन्होने कहा ' मुझे, मेरे किसान भाइयों-बहनों को बताना है कि लैंड-एक्विज़ेशन एक्ट में सुधार की बात राज्यों की तरफ से आई. अगर हमें गांवों में विकास करना है तो हमें अफ़सरशाही के चुंगल से, कानून को निकालना पड़ेगा और इसलिए सुधार का प्रस्ताव आया था. मैंने देखा कि इतने भ्रम फैलाए गए, किसान को भयभीत कर दिया गया. मैं ऐसा कोई अवसर किसी को देना नहीं चाहता हूं, जो किसानों को भयभीत करे, किसानों को भ्रमित करे. लैंड-एक्विज़ेशन आर्डिनेंस की सीमा समाप्त हो रही है, मैंने तय किया इसे समाप्त होने दिया जाए. 13 बिंदुओं को, हम नियमों के तहत लाकर के, आज ही लागू कर रहे हैं ताकि किसानों को नुकसान न हो.' प्रधान मंत्री ने कहा ' मेरे किसान भाइयों-बहनों अब न भ्रम का कोई कारण है, और न ही कोई भयभीत करने का प्रयास करें, तो आपको भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है.
कनिष्ठ दर्जे की नौकरियो मे इंटरव्यू नही लि्ये जाने की वकालत करते हुए उन्होने कहा कि इस परम्परा से एक स्तर से नीचे तो मुक्ति होनी चाहिये . क़रीब-क़रीब अब निर्णय अमल भी हो जायेगा कि इंटरव्यू के चक्कर से छोटी-छोटी नौकरियाँ छूट जायेंगी.ग़रीब को सिफ़ारिश के लिए दौड़ना नहीं पड़ेगा, एक्सप्लॉइटेसन नहीं होगा, करप्शन नहीं होगा. माता-मृत्युदर, शिशु-मृत्युदर कम करने की कार्य योजना के लिए ‘कॉल टू एक्शन’, दुनिया के 24 देश मिलकर के भारत की भूमि में चिंतन किया.
यह 11 वीं बार है जब प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के तहत जनता से रु-ब-रु हुए. अपने पिछले कार्यक्रम 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की समस्या, सफ़ाई, बेटी बचाओ अभियान समेत कई अहम मुद्दों को उठा चुके हैं और देश के लोगों को रेडियो के माध्यम से संबोधित कर चुके हैं.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्तूबर में मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की थी. अक्तूबर से लेकर अबतक वह 10 बार लोगों के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा कर चुके हैं. वे लोगों के सवालों के जवाब भी देते हैं. प्रधानमंत्री इसके लिए सरकारी पोर्टल पर लोगों से सुझाव भी मांगते हैं जिसकी चर्चा वे अपने कार्यक्रम के दौरान करते हैं. यह कार्यक्रम आज सुबह 11 बजे ऑल इंडिया रेडियो के साथ दूरदर्शन के चैनलों पर भी प्रसारित होगा.वीएनआई