\'भूमि बिल\' के विरोध मे एकजुट विपक्ष ने सोनिया की अगुवाई में संसद से निकल कर सड़क पर खोला मोर्चा, राष्ट्रपति से की हस्तक्षेप की पुकार

By Shobhna Jain | Posted on 17th Mar 2015 | VNI स्पेशल
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नई दिल्ली 17मार्च (शोभना जैन,वीएनआई) एक असाधारण घटनाक्रम मे आज एकजुट विपक्ष ने केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च निकाल कर इस बिल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विपक्ष ने कहा कि अब वे एक जुट हो कर इस मुद्दे पर आर पार की लड़ाई लड़ेगे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में 14 दलों के लगभग 200 सांसदो ने संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च किया और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर इस बिल के खिलाफ ज्ञापन सौंपा.राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हम 14 दलों के नेता आज भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में राष्ट्रपति से मिले. इन दलों में कांग्रेस के अलावा जदयू, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, सीपीआइएम, डीएमके, सीपीआइ, राजद, आइएनएलडी सहित अन्य पार्टियां शामिल हैं. श्रीमति सोनिया गांधी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन देकर उनसे भूमि अधिग्रहण विधेयक के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह बिल किसान विरोधी है, जिसमें पारदर्शिता का अभाव है और सामाजिक सदभाव को बिगाड़ने वाला है. वहीं, जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि 31 प्रतिशत वोट के साथ बनी नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ हम 69 प्रतिशत लोग खड़े हो गये हैं.गौररतलब है कि मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण बिल में कुछ संशोधन किए हैं, जिनका विपक्ष संसद में कड़ा विरोध कर रहा है. इस मार्च का समन्वय जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने किया. इसी बीच वित्त मंत्री अरूण जेतली ने विपक्ष के इस मोर्चे पर कहा कि बिल पर विरोध करना \'विकास विरोधी \'है क्योंकि यह खास तौर पर ग्रामीण विकास के लिये है. श्री यादव ने कहा कि अब बिखरा विपक्ष एकजुट हो चुका है और हमने आज जो लड़ाई शुरू की है, उसे गांव, खेत, खलिहान व युवाओं तक फैलायेंगे, अब यह लड़ाई आर पार की होगी उन्होंने कहा कि हम अपने किसानों की बदौलत ही खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर हो सके हैं, जबकि किसी दूसरे क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसान, जन विरोधी है और हम इसके लिए जबतक जरूरत होगी लड़ेंगे. आज संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक का माहौल कुछ अजीब सा था, जन प्रतिनिधि सड़क पर विरोध जता रहे थे. पुलिस कर्मी उन्हे सुरक्षा देने के किये उनके साथ साथ भाग रहे थे और उनके साथ भाग रहे थे मीडिया कर्मी हर पल उन क्षणो को केमरे मे कैद करने और अपनी नोट बुक पर नोट करने के लिये. ये नेता संसद भवन से निकलने के बाद विजय चौक पहुंचे. वहां से वे राष्ट्रपति भवन की ओर निकले. ये सांसद \'हम होंगे कामयाब व मोदी सरकार किसान विरोधी \'का नारा लगा रहे हैं. इससे पूर्व सोनिया गांधी ने पैदल मार्च के लिए संसद से निकलने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि किसानों के हित में वे विपक्ष के साथ सड़क पर उतरी हैं. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति हमारी बात सुनेंगे. वहीं, कांग्रेस महासचिव मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि यह सरकार जैसे करना चाहती है, वैसा नहीं चलेगा. हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति हमारी बात सुनेंगे और इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगे. इस प्रदर्शन में पूर्व प्रधानमंत्री मन मोहन सिंह, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, राजीव शुक्ला, कमलनाथ, अंबिका सोनी, राज बब्बर, ज्योतिरादित्य सिंधिंया, जयराम रमेश आदि शामिल हैं. मार्क्सवादी सीताराम यचुरी, कम्युनिस्ट पार्टी के डी. राजा , सपा के नरेश अग्रवाल , भी इस प्रदर्शन में दिख रहे हैं. सांसद आज पूरे जोश मे थे वे \'हम होंगे कामयाब एक दिन\' गीत गुनगुना रहे थे,और किसान विरोधी भूमि बिल का नारा भी लगा रहे थे. वाम सांसद सीताराम येचुरी ने कहा कि हम चाहते हैं कि राष्ट्रपति इस मुद्दे पर अपनी राय दें, क्योंकि किसी विधेयक को कानून बनाने के लिए उनके हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पहले भी विपक्ष में ऐसी एकजुटता दिखी है, लेकिन हाल के वर्षो में यह पहली बार दिखा है. वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि राज्यसभा में यह विधेयक पास नहीं हो सकेगा. उन्होंने कहा कि डेढ़ साल पहले भाजपा के समर्थन से ही हमने इस बिल के पारित किया था, अब वह इसमें संशोधन कर इसकी आत्मा को मार रही है.इस मार्च में कांग्रेस के अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, जेडीएस चीफ एचडी देवेगौड़ा, लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी, डी. राजा, टीएमसी के दिनेश त्रिवेदी, सपा के रामगोपाल यादव, डीएमके की कनिमोई, आईएनएलडी के दुष्यंत चौटाला भी शामिल रहे. डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा, \'हम इस बिल के खिलाफ हैं. बिल को कानून बनने के खिलाफ अपनी मजबूत लड़ाई की प्रक्रिया में हम रैली में हिस्सा लेंगे और राष्ट्रपति को ज्ञापन देंगे इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ कई दलों के प्रस्तावित संसद मार्च की अनुमति दिल्ली पुलिस कुछ अनिश्चितता की स्थति के बाद दे दी थी. पहले सरकार ने यह संकेत दिया था कि वह इसकी अनुमति नहीं देगी, लेकिन जानकारो का कहना है कि सरकार अनुमति देकर विपक्ष के आक्रोश को कम करना चाहती थे. गृह सचिव एलसी गोयल ने इस आशय का आदेश दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएल बस्सी को दे दिया था . सोनिया गांधी ने भी कांग्रेस नेताओं को हिदायत दी है कि वे इस मार्च के दौरान अपने वाहनों का प्रयोग नहीं करें और पैदल ही चलें. सोनिया गांधी की अगुवाई में हुए इस प्रदर्शन में सुश्री मायावती की बसपा व शरद पवार की राकपा ने इससे किनारा कर दिया. कांग्रेस सहित कुछ प्रमुख विपक्षी पार्टियां 2013 वाले भूमि अधिग्रहण कानून को ही लागू कराने की मांग पर अड़ी है, जबकि सरकार इसे नये स्वरूप में लागू कराने की बात कर रही है. बजट के शीत सत्र के बाद सरकार ने इस संबंध में अध्यादेश भी जारी किया था. विपक्ष इस विधेयक को किसान विरोधी बता रहा है, राज्य सभा मे सत्तारूढ दल के बहुमत नही होने की वजह से उसके लिये इसे वहा पास कराना मुश्किल है.वी एन आई

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