अंताल्या,तुर्की 17 नवंबर (वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की में जी-20मे कहा कि आतंकवाद को धर्म से अलग रखा जाये और इसका समर्थन करने वालों को अलग थलग किया जाये, साथ ही दुनिया भर के दिग्गज नेताओं ने कहा है कि आई एस को हराने के लिए सांझी सोच और एकजुटता की ज़रूरत है.
इन नेतायों ने एक बयान जारी कर कहा कि वो 'आतंकवाद को मिलने वाली आर्थिक मदद से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं' बयान के अनुसार आतंकियों को मिलने वाली आर्थिक मदद को प्रतिबंधों के ज़रिए भी रोका जाएगा.खास तौर पर आतंकवादियों की सम्पत्तियों को जब्त करने और आतंकवादियों की आर्थिक मदद को आपराधिक कार्य घोषित करने के लिए वे सूचनाओं के आदान प्रदान करने में आपसी सहयोग जारी रखेंगे। बयान के अनुसार, ‘हम सख्त से सख्त शब्दों में पेरिस में 13 नवंबर और अंकारा में 10 अक्तूबर को हुए बर्बर आतंकी हमलों की निंदा करते हैं। यह पूरी मानवता के लिए अस्वीकार्य है।’ इसमें कहा गया, ‘हम आतंकी हमलों के शिकार लोगों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं। हम आतंकवाद के सभी स्वरूपों और जहां भी यह घटता है, उसके विरुद्ध एकजुटता और उससे लड़ने के संकल्प को दोहराते हैं।’ समूह के नेताओं ने कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 के रात्रि भोज में 'ग्लोबल चैलेंज-टेरररिज्म एंड रिफ्यूजी क्राइसिस' मे कहा कि कई देश आतंक को ‘राज्य की नीति के उपकरण’ के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हें अलग थलग किए जाने की जरूरत है, उन्होंने कहा, ‘हमारे पास आतंकवाद से निपटने के लिए समग्र वैश्विक रणनीति नहीं है। और हमारे पास जो साधन हैं, उनका हम उपयोग हम केवल चुनिंदा तौर पर ही करते हैं।’
यूं तो दुनिया के सबसे अमीर और शक्तिशाली देशों के समूह जी-20 सम्मेलन विश्व अर्थव्यवस्था पर ही केंद्रित रहता है पर इस बार पेरिस हमलों का मुद्दा छाया रहा.
गौरतलब है कि शुक्रवार को पेरिस में इस्लामिक स्टेट के हमलों में लगभग 130 लोग मारे गए.अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित जी20 के सभी नेताओं ने पेरिस पर हुए बर्बर हमले की निंदा की और इस बात को दोहराया कि आतंकवाद से लड़ने के लिए वे एक रहेंगे।
इसके अलावा अंताल्या घोषणा में वैश्विक पलायन की समस्या का भी उल्लेख किया गया और सभी देशों से इस समस्या का समाधान करने की अपील की गई।