नयी दिल्ली 29 अक्टुबर (शोभनाजैन,वीएनआई) भारत ने आज अफ्रीका के साथ अपने प्रगाढ रिशते को और गहरा नया रंग देते हुए दोनो के मिल कर एक लय, एककदमताल के साथ चलने का संकल्प लेने का आह्वान किया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी मे चल रहे भारत अफ्रीकी फोरम की अहम शिखर बैठक के मंच से इस संकल्प का आह्वान किया. भारत तथा दक्षिण अफ्रीका की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद स्थाई सदस्यता की प्रबल दावेदारी कई सुर्खियो के बीच प्रधान मंत्री ने इस महत्वपूर्ण मंच से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र सुधारो के लिये दोनो के एक समवेत स्वर से बात रखने का जोर् दार आह्वान किया साथ ही उन्होने भारत के अपने खास अफ्रीकी देशो के चहुंमुखी विकास और प्रगति के लिये साठ करोड़ डॉलर के सहायता और अगले पॉच वर्षो मे दस अरब डॉलर की अतिरिक्त ुदार ऋण सहायता सहित अन्य अनेक सहायता कार्यक्रमो की घोषणा की. इसमें 10 करोड़ डॉलर का भारत-अफ्रीका विकास कोष और एक करोड़ डालर का भारत-अफ्रीका स्वास्थ्य कोष शामिल है। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि पांच सालों में भारत में अफ्रीकी देशों के छात्रों के लिए 50 हजार छात्रवृत्तियां भी दी जाएंगी।
उन्होंने कहा कि भारत 2008 में पहली भारत-अफ्रीका शिखर बैठक में 7.4 अरब डालर के रियायती ऋण और 1.2 अरब डालर की अनुदान राशि की पहले ही प्रतिबद्धतता व्यक्त कर चुका है। उन्होंने कहा कि भारत पूरे अफ्रीका में 100 क्षमता निर्माण संस्थानों को बनाएगा और ढांचागत विकास, सार्वजनिक परिवहन, स्वच्छ उर्जा, सिंचाई, कषि तथा विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने में सहयोग करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा " भारत और अफ्रीकी देशों की यह मुलाकात दुनिया की एक तिहाई मानवजाति को एक छत के नीचे ले आई है। उन्होंने कहा, ‘‘सवा अरब भारतीयों और सवा अरब अफ्रीकियों के दिलों की धड़कन एक है। यह सिर्फ भारत और अफ्रीका की मुलाकात नहीं है। आज एक-तिहाई मानवजाति के सपने एक छत के नीचे इकट्ठा हुए हैं।’’
यहां शिखर सम्मेलन में विभिन्न अफ्रीकी देशों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम दुनिया में एक सुर में बोले हैं और हमने आपस में समृद्धि के लिए साझेदारी की है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अफ्रीका के संबंध सामरिक एवं आर्थिक हितों से ऊपर हैं। मोदी ने यह भी कहा कि भारत अफ्रीका में बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करेगा। मोदी ने कहा, ‘‘हम अफ्रीका को आपस में जोड़ने में मदद करेंगे। हम बुनियादी ढांचे व बिजली के विकास में सहायता करेंगे और आपके संसाधनों को अधिक मूल्यवान बनाने में मदद करेंगे।’’. उन्होने कहा " भारत और अफ्रीका कई मायनों में एक जैसा है. भारत की दो तिहाई आबादी युवाओं को है जो 35 साल से कम के हैं. वहीं अफ्रीका की भी दो तिहाई आबादी 35 साल से कम की है, मतलब युवा है. दोनों विश्व की बड़ी युवा शक्ति हैं. मोदी ने कहा कि आने वाला समय युवाओं का है और हमारी युवा आबादी दुनिया की तकदीर बदलने के काम आयेगी."नये भव्य रूप मे सजे संवरे इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम मे श्री मोदी आज इस शिखर बैठक मे उदघाटन भाषण दे रहे थे,इस कार्यक्रम के लिए सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। सम्मेलन मे इस द्वीप के सभी ५४ अफ्रीकी देशो का प्रतिनिधित्व है जिसमे अकेले 50 से अधिक देशो के राष्ट्रध्यक्षो ्का प्रतिनिधित्व है. आज इस शिखर बैठक को ज़िम्बाब्बे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे, सहित सम्मीलन मे हिस्सा ले आये राष्ट्राध्यक्षो ने संबोधित करते हुए दोनो के बीच संबंधो को और प्रगाढ बनाये जाने की प्रचुर संभावनाये बताते हुए कहा कि दोनो के बीच ऐतिहासिक संबंध है और इन के बीचआपसी समझ बूझ निरंतर बढ रही है
विदेश मंत्री सुषमा ने अपने संबोधन के दौरान कहा, "भारत में अफ्रीकी देशों का यह सम्मेलन एक पारिवारिक पुनर्मिलन की तरह है। सुषमा ने एक अफ्रीकी कहावत को उद्धृत करते हुए कहा, "यदि आप तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं, तो अकेले चलें। लेकिन यदि आप दूर तक जाना चाहते हैं, तो साथ चलें।"
सुषमा ने आगे उन्होंने कहा कि भारत 'सबका साथ, सबका विकास' में यकीन रखता है। विदेश मंत्री ने कहा, "हम अफ्रीका के साथ दीर्घकालिक संबंध चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन भारत और अफ्रीका संघ के राष्ट्रों के बीच व्यापार एवं निवेश बढ़ाने की एक पहल है।
शिखर सम्मेलन मे प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में काफी समानता है. हमारे देश की 90 प्रतिशत आबादी तक मोबाइल फोन पहुंच गया है. आने वाला समय टेक्नोलॉजी का है. टेक्नोलॉजी को ग्रहण करने में दोनों देश एक दूसरे का साथ देंगे. आपसी संबंध को और मजबूत करेंगे. भारत अफ्रीका का डेवलपमेंट पार्टनर बनने के लिए तैयार है. अगर आने वाली शताब्दी में युवाओं की भागिदारी महत्वपूर्ण है तो आने वाली शताब्दी हमारी है. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हम मिलकर लड़ेंगे. नरेंद्र मोदी ने कहा कि सौर ऊर्जा पर विशेष जोर देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि भारत हर प्रकार के बीमारियों से लड़ने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि भारत परिवर्तन की वकालत करता है. युवाओं को मौका दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि तकनीक का सांझेदारी में अहम रोल है और सरकार इस पल को सफल बनाने के लिये कोई कसर बाकी नही रखना चाहती।
इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम का स्वरूप इस सम्मेलन के लिये पूरी तरह से बदल दिया गया है औऱ राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के बैठने की विशेष व्यवस्था की गयी है।सम्मेलन की जगह इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडिय की भव्यता औऱ विशालता का अंदाजा इसी बात से लगया जा सकता है कि करीब 102 एकड़ मे फैला ये भारत का विशालतम और एशिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टेडियम है। उदघाटन सत्र मे भारत अफ्रीकी संस्कृति को दर्शाने वाली मनोहारी रंगारंग सांकृतिक कार्यक्रम् पेश किया गया इससे पूर्व शिखर बैठक के लिये अफ्रीकी नेताओं के स्वागत के लिये खासतौर पर ऊंटों और शाही बग्घी का खास इंतज़ाम किया गया इस अवसर पर सम्मेलन के सह उपाध्यक्ष ज़िम्बाब्बे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे ने कहा कि दोनो देशो के बीच समृद्ध ऐतिहासिक बुनियाद पर शुरू हुई आपसी साझीदारी और मजबूत होती जा रही है.प्रत्येक राष्ट्रप्रमुख इस सम्मेलन को आज संबोधित करेंगे।
बाद मे सभी नेता औऱ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रुप फोटोग्राफ के लिये भी ्हुआ। दुनिया के एक तिहाई लोगों के प्रतिनिधित्व वाले इस सम्मेलन पर समूचे र्विश्व समुदाय की नजरे टिकी है.
गत 26 अक़्टुबर को शुरू हुए सम्मेलन के दूसरे दिन विदेश मंत्रियों की मुलाकाते और विदेश मंत्री स्तरीय सम्मेलन हुया जबकि कल द्विपक्षीय वार्ताओ के तहत प्रधानमंत्री ने 19 से भी अधिक द्विपक्षीय वार्ताओं में हिस्सा लिया.ख़ास बात यह रही कि ानेक अफ़्रीकी नेता प्रधान मंत्री द्वारा उनके सम्मान मे दिये गये कल के रात्रि भोज मे मोदी कट कुर्ते और जेकेट केभारतीय परिधान में नज़र आए। द्विपक्षीय बैठकों में कल अफ़्रीकी नेताओं से व्यापार,ऊर्जा स्वास्थ्य और शिक्षा व आतंकवास से संबधित चर्चा के अलावा मंत्रणा का एक अहम मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री ने अफ़्रीकी देशों के प्रमुखों से कहा कि संयुक्त राष्ट्र में बदलाव के लिए उनका समर्थन चाहिए। साथ ही अफ़्रीका के आतंकवाद से पीड़ित देशों को भारत ने आश्वासन दिया है कि आतंकवाद के ख़ात्मे के लिए भारत उनकी हर संभव मदद करेगा। जबकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 12 द्विपक्षीय वार्ताओं में शरीक हुयीं। दोनो देशो के बीच बढते आर्थिक रिशतो और अनेक क्षेत्रो मे इन संबंधो को बढने की व्यापक संभावनाओ के बीच कल भारत अफ्रीक व्यापार परिषाद की बैठक का उदघाटन करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत औऱ अफ्रीका की मित्रता पारंपरिक रुप से रही है औऱ इसकी जड़े प्राचीन काल की सभ्यता के व्यापारों और समुद्री यात्रियों मे ढूंढ़ी जा सकती है।विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अफ्रीकी विदेश मंत्रियों के साथ हुई बैठकों के दौरान तेल एवं गैस की खोज और स्वास्थ्य के अहम क्षेत्रों में भारत ने हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया,इसके साथ ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अफ्रीकी विदेश मंत्रियों के साथ हुई बैठकों के दौरान तेल एवं गैस की खोज और स्वास्थ्य के अहम क्षेत्रों में भारत ने हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया, जबकि उनमें से कुछ मंत्रियों ने बोको हराम जैसे आतंकवादी संगठनों से लड़ने में मदद मांगी इससे पूर्वआपसी समझ बूझ बढाते हुए भारत और अफ्रीकी देशों ने शिखर वार्ता में विकास के संभावित मुद्दों पर चर्चा की। इस वार्ता का मकसद विशेष रूप से व्यापार, सुरक्षा और विकास संबंधी सहयोग के क्षेत्रों में समग्र संबंधों को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना रहा। चार दिवसीय भारत अफ्रीका शिखर वार्ता के पहले दिन भारत और कई अफ्रीकी देशों के अधिकारियों ने संबंध मजबूत करने के लिए स्पष्ट ढांचे पर चर्चा के साथ एक 'राजनीतिक दस्तावेज' पर भी बात की।वी एन आई