विदेश मंत्रालय का एक अनूठा प्रयोग,एक घंटे मे जनता के 1300 सवाल, सरकार का दो टूक एलान-अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग

By Shobhna Jain | Posted on 12th Mar 2015 | VNI स्पेशल
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नई दिल्ली 24 फरवरी ( शोभनाजैन,वीएनआई) चीन द्वारा हाल ही मे प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर तीखा विरोध व्यक्त किये जाने पर भारत ने आज दृढता से कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है, भारतीय नेता समय समय पर अरुणाचल प्रदेश का दौरा करते रहे है जैसा कि वे देश के अन्य भागो मे करते है. विदेश मंत्रालय द्वारा विदेश नीति को जनता से सीधे तौर पर जोड़ने और पारदर्शी बनाने की एक बड़ी पहल बतौर आज विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पहली बार \'फेसबुक पर जनता से सीधे मुखातिब\' हो कर फेस बुक पर सवाल जबाव के एक लाईव विशेष सत्र मे यह बात कही. प्रधान मंत्री की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर चीन की तीखी प्रतिक्रिया पर एक प्रशनकर्ता के सवाल का जबाव देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने दो टूक शब्दो मे कहा \' सभी जानते है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है. अरुणाचल प्रदेश के लोग भारत के नागरिक है.भारतीय नेता समय समय पर वहा का दौरा करते रहे है ठीक इसी तरह से जैसे कि वे देश के अन्य भागो का करते है.\' गौरतलब है भारत के घोर विरोध के बावजूद अरुणाचल प्रदेश के उत्तरी भाग को चीन तिब्बत स्वायत्तशाली क्षेत्र का हिस्सा बताता है.प्रधान मंत्री मोदी ने हाल् ही मे अरुणाचल प्रदेश के 29 वें स्थापना दिवस के अवसर पर ईटानगर से नई दिल्ली के बीच पहली रेलगाड़ी चलायी जाने का उदघाटन किया था . चीन ने प्रधान मंत्री की इस अरुणाचल यात्रा का विरोध करते हुए कहा था कि चीन ने कभी भी अरुणाचल प्रदेश को भारत का अंग नही माना है, वह इस विवादित क्षेत्र मे भारतीय नेताओ की गतिविधियो के खिलाफ है.भारत का आज का यह दो टूक एलान इसलिये भी मायने रखता है कि प्रधान मंत्री का आगामी मई माह मे चीन यात्रा करने का कार्यक्रम् है. विदेश मंत्रालय की इस अभिनव और अनूठी पहल मे आज सामान्य जन ने बड़ी संख्या मे मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन से सवाल जबाव के विशेष सत्र मे भारत पाक वार्ता फिर से शुरू होने, कश्मीर मसले, विदेश सचिव् की प्रस्तावित सार्क यात्रा, माल्दीव के वर्तमान राजनैतिक संकट मे भारत् की प्रतिक्रिया से लेकर भारत अमरीका सिविल परमाणु करार के संदर्भ मे भारत के सिविल परमाणु दायित्व कानून मे संशोधन,फलस्तीन,इजराएल पर भारत की नीति मे बदलाव, बुलेट रेल परियोजना की स्थति, भारत तथा पड़ोसी देश म्यांमार के बीच बस सेवा की शुरुआत, राजनयिको की संख्या बढाने, कॉऊसलर सेवा की संबंधी सवालो और जि्ज्ञासा से ले कर विदेश मे रहने वाले प्रवासी भारतीयो की पासपोर्ट से ले कर अन्य समस्याओ पर सवालो की झड़ी सी लगाने के साथ ही सरकार के इस तरह से जुड़ कर उनके विचार तथा सरोकार जानने का स्वागत किया. लगभग एक घंटे तक चले इस\' लाईव फेस बुक सवाल जबाव सत्र \' मे लगभग 1300 सवालो की पोस्ट आई, जिसमे प्रवक्ता ने लगभग 20 सवालो के जबाव दिये.इतनी बड़ी तादाद मे सामान्य् जन के इस मंच से जुड़ने पर प्रवक्ता ने कहा कि फेस बुक का यह संवाद आगे भी जारी रहेगा.आज का सत्र का निर्धारित समय 45 मिनट था लेकिन सामान्य जन की सवालो को पू्छने की इतनी उत्सुकता को देखते हुए सत्र को बढा कर तकरीबन एक घंटे का कर दिया गया. यह पहला मौका था जबकि विदेश मंत्रालय ने भारत की विदेश नीति संबंधी सवालो के जबाव पत्रकारो के माध्यम से नही दे कर सीधे जनता को इस माध्यम से दिये. इस संवाद कार्यक्रम मे भारत पाक वार्ता के बारे मे पूछे गये एक सवाल के जबाव् मे प्रवक्ता ने कहा कि प्रधान मंत्री के निर्देश पर विदेश सचिव अगले माह पाकिस्तान सहित दक्षेस देशो की यात्रा पर जायेंगे. उल्लेखनीय है कि विश्व क्रिकेट श्रखंला शुरू होने से पहले प्रधान मंत्री ने इस विश्व कप मे हिस्सा लेने वाली पाकिस्तान सहित सभी चार दक्षेस देशो के शिखर नेताओ को फोन कर उनकी टीमो को विश्व कप के लिये शुभ कामनाये दी थी और यह भी कहा था कि जल्द ही विदेश सचिव डॉ एस जय् शंकर सार्क यात्रा पर जायेंगे.पाकिस्तान के साथ कश्मीर पर बातचीत किये जाने के बारे मे पूछे गये एक सवाल के जबाव् मे प्रवक्ता ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ शिमला समझौते के अनुरूप कशमीर सहित सभी मुद्दो पर् बातचीत के लिये तैयार है.\' निश्चित तौर पर विदेश मंत्रालय की आज की इस तरह की अहम पहल के तहत सोशल मीडिया के इस तरह के प्लेट्फॉर्म को अपनाने से न/न केवल एक सामान्य जन अपने को सरकार के साथ सीधे तौर पर जुड़ा हुआ देखता है बल्कि सरकार को भी जन भावनाये और उनकी संवेदनाये समझने मे मदद मिलती है.निश्चय ही इससे आम आदमी का इस मंत्रालय के साथ रिश्ता और गहरा होता है ,भरोसा और बढता है शायद यही वजह है कि जनता के साथ संवेदन्शील मुद्दो पर उन तक सही बात पहुचाने के लिये ये माध्यम एक पुल सा कायम करते है और इससे विदेशी मामलो संबंधी सतही और हल्की अफवाहो के बाजार पर भी लगाम लगती है क्योकि खबर सीधी सरकार के प्रतिनिधियो के जरिये उन तक पहुंच रही है .गौरतलब है कि मंत्रालयों के सोशल मीडिया चार्ट मे विदेश मंत्रालय अव्वल नंबर पर है. विदेश मंत्रालय के आधिकारिक फेस बुक पेज की 7,91,000 लाईक्स है जबकि प्रवक्ता अकबरूद्दीन के ट्वीटर पर 2,58,000 तथा मंत्रालय की पब्लिक डििप्लोमेसी ट्वीटर के 3,26,000 फॉलोअर्स है . वीएनआई

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