नई दिल्ली/वाशिंगटन 22 अक्टुबर (शोभना जैन,वीएनआई) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यक्षता का राग अलापते हुए कहा है कि कश्मीर मसले के समाधान के लिए किसी तीसरे पक्ष को शामिल करना जरूरी है और अमेरिका इसके लिये सबसे उपयुक्त पक्ष रहेगा।
शरीफ ने अमेरिकी सीनेट की विदेश संबंधों की समिति के सदस्यों के साथ बैठक में आज यह बात कही। शरीफ ने सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ्के साथ अपने तथाकथित शांति ्प्रयासो के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष को शामिल करना आवश्यक है और अमेरिका इसके लिए सबसे उपयुक्त विकल्प होगा। गौरतलब है कि भारत सदैव ही कश्मीर मसले पर किसी त्रिपक्षीय मध्यस्थता से इंकार करता रहा है.उसका कहना है कि यह मुद्दा दोनो देशो के बीच का द्विपक्षीय मसला है. दोनो पक्षो के बीच आपसी समति से तय समग्र वार्ता मे चिन्हित आठ सूत्री मुद्दो मे भी कश्मीर एक मुद्दा है.विदेश नीति के जानकारो के अनुसार पाकिस्तान अनेक मर्तबा संयुक्त राष्त्र सहित अंतराष्ट्रीय मंचो से कश्मीर मुद्दा उछालने की कौशिश करता रहा है लेकिन अमरीका सहित विश्व समुदाय के महत्वपूर्ण देश पाकिस्तान के इस रवैये को नजरदांज ही करते रहेहै श्री शरीफ इन दिनो अमरीका की यात्रा पर है. विदेश मंत्री जॉन केरी से मुलाकात के बाद आज उनका रष्ट्रपति बराक ओबामा से वार्ता का कार्यक्रम है.
शरीफ के साथ इस बैठक में विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार, गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान, रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ और राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी मौजूद थे।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने सदस्यों को आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के अभियानों से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों के इन अभियानों के कारण आतंकवादियों का ढांचा नष्ट कर दिया गया और कोई बड़ा आतंकवादी हमला करने या हमले की योजना बनाने के प्रयासों को कम कर दिया गया।
शरीफ ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए अभियान जर्ब-ए-अज्ब ने शुरूआती लक्ष्य हासिल कर लिया है और यह निर्णायक चरण में पहुंच गया है।
शरीफ ने अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने और आतंकवाद की साझा चुनौतियों से निपटने के लिए अफगान नेतृत्व के साथ आपसी समन्वय बढ़ाने की पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराया। वीएनआई