तिरुपति 21 अप्रैल (वीएनआई) तीन बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे जानकी बल्लभ पटनायक का सोमवार देर रात को आंध्रप्रदेश के तिरुपति में निधन हो गया. वो 89 वर्ष के थे.पटनायक राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए तिरुपति गए थे। देर रात सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांसें ली। वे असम के पूर्व राज्यपाल भी थे, नवीन पटनायक के बाद राज्य में सबसे अधिक समय तक यानी 14 सालों तक वो मुख्यमंत्री रहे.
तीन जनवरी 1927 में जन्मे पटनायक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे , वे वर्ष 1980 में पहली बार मुख्यमंत्री बने और 1989 तक वो लगातार दो बार मुख्यमंत्री रहे.तीसरी बार 1995 में वो प्रदेश के मुख्यमंत्री बने लेकिन ग्राहम स्टेंस की हत्या और अंजना मिश्रा गैंग रेप मामले को लेकर 1999 में उन्हें पद से हटना पड़ा.
वर्ष 2009 में वो असम के राज्यपाल नियुक्त हुए और कुछ महीने पहले ही उनका कार्यकाल पूरा हुआ था और भुवनेश्वर लौट आए थे.
राजनेता होने के अलावा वो साहित्यकार भी थे, वे संस्कृत के विद्वान थे और कई किताबें भी लिखी हैं. पटनायक ने 1947 में उत्कल विश्वविद्यालय से संस्कृत में डिग्री प्राप्त की और 1949 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री हासिल की। एक साल बाद, वह कांग्रेस की युवा शाखा के उड़ीसा राज्य इकाई के अध्यक्ष बन गए।
उनकी पत्नी जयंती पटनायक भी राजनीति में रही हैं. वो कटक संसदीय क्षेत्र से तीन बार लोकसभा की सदस्य रह चुकी हैं.जेबी पटनायक के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां हैं.
ओडिशा के राज्यपाल एस़सी़ जमीर और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पटनायक के निधन पर शोक व्यक्त किया है। राज्य सरकार ने दिवंगत नेता के सम्मान में आज एक दिन के अवकाश की घोषणा की है।