विदेश सचिव \'सार्क यात्रा\' तीन मार्च को पाकिस्तान, पहला पड़ाव भूटान

By Shobhna Jain | Posted on 11th Mar 2015 | VNI स्पेशल
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नई दिल्ली 25 फरवरी( शोभना जैन,वीएनआई) पाकिस्तान के साथ रिशतो मे रह रह कर् जम जाने वाली बर्फ पिघलाने और् पाकिस्तान सहित सभी दक्षेस देशो के साथ रिश्ते मजबूत् करने के लिये भारत की तरफ से एक नई पहल बतौर विदेश सचिव अपनी चर्चित सार्क यात्रा \'के तहत आगामी तीन मार्च को पाकिस्तान जायंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आज यहा सार्क यात्रा के बारे मे पूछे गये एक सवाल के जबाव मे यात्रा के पहले चरण मे चार देशो की यात्रा की तारीखो की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी. प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने बताया कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर हो रही सार्क यात्रा के पहले चरण मे विदेश सचिव क्रमश भूटान, बंगलादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान का दौरा करेंगे. उनकी यात्रा का पहला पड़ाव एक मार्च को भुटान होगा.दो मार्च को वे बंगलादेश तथा तीन मार्च को पाकिस्तान के बाद चार मार्च को अफगानिस्तान की यात्रा करेंगे. उन्होने बताया कि दक्षेस के अन्य सदस्य देशो, श्री लंका, नेपाल तथा माल्दीव की यात्रा की तारीखे राजनयिक तौर पर तय की जा रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इन देशो का दौरा भी अगले माह ही होगा. ऐसे उम्मीद है कि भारत के विदेश सचिव श्री जयशंकर पाकिस्तान के विदेश सचिव ऐजाज चौधरी के साथ दक्षेस को मजबूत करने के अलावा उनके साथ द्विपक्षीय मसलो पर भी चर्चा करेंगे इन सभी देशो की यात्राओ के दौरान विदेश सचिव अपने समकषो से दक्षेस को मजबूत करने के अलावा उभयपक्षीय संबंधो पर भी चर्चा करेगे. गत अगस्त मे दोनो देशो के बीच प्रस्तावित विदेश सचिव स्तर की यात्रा पाकिस्तान के नकारात्मक् रवैये की वजह से अंतिम समय मे रद्द होने के बाद से दोनो देशो के बीच विदेश सचि्व स्तर की यह पहली वार्ता होगी. गौरतलब है कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 13 फरवरी को क्रिकेट विश्व कप के आयोजन से पहले दक्षेस क्षेत्र को क्रिकेट की डोर से जोड़ते हुए क्रिकेट विश्व कप के लिए पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज शरीफ सहित बंगला देश की प्रधान मंत्री शेख हसीना, श्री लंका के राष्ट्रपति श्रीपाला सिरीसेना और अफग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अब्दुल गनी को फोन कर विश्व कप मे हिस्सा ले रही उनकी टीमो के लिये बधाई दी थी. उसी के बाद प्रधान मंत्री ने यह भी घोषणा की थी कि विदेश सचिव डॉ एस जयशंकर दक्षेस देशो के साथ रिशते मजबूत करने के लिये जल्द ही दक्षेस देशो की यात्रा करेंगे. यात्रा मे दक्षेस को आगे बढाने की भारत की प्राथमिकता के प्रयासो पर चर्चा के साथ पाकिस्तान सहित अन्य दक्षेस देशो के साथ द्विपक्षीय मुद्दो पर भी चर्चा की जायेगी.पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने भी तब कहा था कि श्री शरीफ ने ‘साझा हितों के मुद्दों पर चर्चा के लिए’ भारत के विदेश सचिव की प्रस्तावित यात्रा का स्वागत किया है। गौरतलब है कि प्रधान मंत्री मोदी व विदेश मंत्री ने कार्यभार संभालने के बाद पहली विदेश यात्रा के लिये दक्षेस सदस्य देश भूटान को ही चुना था.प्रधान मंत्री अब तक क़ाम काज संभालने के बाद से भूटान के बाद नेपाल की यात्रा कर चुके है. अगले माह उनका दो अन्य दक्षेस देश श्री लंका व माल्दीव जाने का भी कार्यक्रम है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी अब तक भूटान के अलावा बंगलादेश, नेपाल व माल्दीव की द्विपक्षीय यात्रा कर चुकी है. श्री अकबरूद्दीन ने गत 13 फरवरी को विदेश सचिव की सार्क यात्रा के दौरान पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मुद्दो पर भी बातचीत किये जा्ने की बाबत पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा था, ‘जाहिर है, को कोई हाथ से जाने नही देता ।’ उन्होंने कहा, ‘सभी दक्षेस देशों के साथ हमारा द्विपक्षीय एजेंडा है और हम इन सभी देशों की संक्षिप्त यात्राओं के दायरे में ही द्विपक्षीय एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे। हर नेता और राजनयिक द्विपक्षीय एजेंडा को आगे बढ़ाने के हर अवसर का इस्तेमाल करता है, इन अवसरो को खोना नही चाहता ह हालांकि प्रवक्ता ने इस बात पर जोर दिया था कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर विदेश सचिव की यात्रा मुख्यत: दक्षेस एजेंडा पर केन्द्रित होगी जो कि प्रधान मंत्री मोदी ने पिछले नवंबर में काठमांडो में आयोजित दक्षेस शिखर सम्मेलन में रेखांकित किया था। उन्होने कहा कि यह यात्रा मुख्यत भारत की दक्षेस नीति को आगे बढाने के प्रयासो का अंग है. इसमें दक्षेस देशो के लिये समर्पित उपग्रह, दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय और मेडिकल वीजा को आसान बनाना आदि मसले शामिल है। गौरतलब है कि गत वर्ष 26 माई को प्रधान मंत्री ने अपनी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिये पड़ोसी देशो के साथ रिश्ते मजबूत करने की नई पहल के तहत मॉरीशस तथा अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बंगलादेश, नेपाल, श्री लंका, भूटान तथा माल्दीव , सभी दक्षेस देशो के राष्ट्राध्यक्षो को निमंत्रित किया था, जिसमे पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज शरीफ सहित सभी के राष्ट्राध्यक्षो ने हिस्सा लिया था . उसके बाद काठमांडो दक्षेस शिखर बैठक मे फिर दक्षेस शिखर नेताओ की मुलाकात हुई जिसमे प्रधान मंत्री मोदी व श्री शरीफ के बीच कुछ हिचकिचाहट के साथ हाथ तो मिले लेकिन दक्षेस दायरे से हट अलग से कोई द्विपक्षीय बातचीत नही हो पाई,उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के साथ संबंध सामान्य बनाने की भारत समय समय पर पहल् करता रहा है लेकिन उसकी परिणति पाकिस्तान की तरफ से नकारात्मक रहती आई है. भारत को पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तरीय वार्ता अंतिम समय में इसलिए रद्द कर ्देनी पड़ी थी क्योंकि पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने भारत की चिंताओ को दरकिनार कर नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग मे अपने यहां कश्मीरी अलगववादियों से विचार विमर्श ्के लिये बुलाया था। उसके बाद पाकिस्तान द्वारा भारत पाक सीमा पर लगातर संघर्ष विराम ्का उल्लघंन करने और भारत विरोधी गतिविधिया जारी रखने से तल्खिया बढती गयी. अब भारत ने एक नयी उम्मीद के साथ दक्षेस क्षेत्र मे साझा तौर पर् मिल कर प्रगति करने के साथ साथ द्विपक्षीय संबंधो को प्रगाढ करने की फिर से एक नयी पहल की है. वी एन आई

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