नई दिल्ली 04 मार्च(शोभना जैन,वीएनआई )विदेश सचिव एस जयशंकर ने आज अफगान नेतृत्व के साथ अफगानिस्तान के सुरक्षा मसलो, विकास परियोजनाओ सहित अन्य द्विपक्षीय मुद्दो के साथ सार्क को मजबूत बनाये जाने पर पर् चर्चा की. मूलत विदेश सचिव की यह यात्रा \'सार्क यात्रा\' का हिस्सा है जिसका उद्देशय संगठन के सदस्य देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना और क्षेत्रीय तथा द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करना है. विदेश सचिव अपनी सार्क यात्रा के पहले चरण के समापन के बाद आज रात स्वदेश लौट आये
इससे पूर्व विदेश सचिव आज अपने सार्क यात्रा के अंतिम् पड़ाव् मे पाकिस्तान से अफगानिस्तान पहुंचे .उन्होने बाद मे अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह से मुलाकात की.बाद में उन्होने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई से भी मुलाकात की.उन्होने विदेश सचिव से वार्ता के अलावा विदेश मंत्री रब्बानी से भी मुलाकात की. अफगानिस्तान के अपने समकक्ष के साथ उन्होने क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर वार्ता की .
इस सार्क यात्रा के दौरान उन्होने इन देशो के नेतृत्व के साथ वह दक्षेस उपग्रह और क्षेत्रीय विश्वविद्यालय सहित विभिन्न प्रस्तावो की भी समीक्षा की, जिनका प्रस्ताव पिछले साल नेपाल में दक्षेस सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और भू राजनीतिक संगठन हैं. इसके सदस्य बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और श्रीलंका हैं. विदेश सचिव की \'सार्क़ यात्रा\' इन देशो के साथ रिश्ते मजबूत बनाने के मकसद से हुई, इस दौरान इन देशो के साथ द्विपक्षीय मुद्दो पर भी बातचीत हुई. विदेश सचिव सार्क देशो के साथ रि्श्ते मजबूत करने के लिये सार्क यात्रा के पहले चरण मे एक मार्च को भूटान की राजधानी थिम्पू मे थे.. सार्क यात्रा के दूसरे चारण मे वे इसी माह दक्षेस के अन्य सदस्य देश नेपाल, श्रीलंका तथा मालदीव्स भी जायेंगे,