मानवीय त्रासदी-यूरोप पर निरंतर बढते शरणार्थी संकट का दबाव

By Shobhna Jain | Posted on 6th Sep 2015 | VNI स्पेशल
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वियना, 6 सितंबर (शोभना जैन,वीएनआई) सीरिया जैसे अनेक देशो मे आतंकी और अतिवादी हिंसा की वजह से बड़ी तादाद मे शरण की तलाश मे यूरोप का रूख करने की वजह से योरोपीय देशो मे उपजे शरणार्थी संकट के बीच ऑस्ट्रिया के चांसलर वर्नेर फेमन ने आज कहा कि ऑस्ट्रिया और जर्मनी कुछ समय में हंगरी की सीमा पर पहुंचने वाले हजारों प्रवासियों को शरण देने के लिए तैयार हो गए हैं। ऑस्ट्रिया के चांसलर वर्नेर फेमन ने ऑस्ट्रिया की समाचार एजेंसी एपीए से कहा कि उन्होंने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के साथ ‘विचार विमर्श कर’ हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबन को फैसले से अवगत कराया। गौरतलब है कि इराक अफगानिस्तान, नाईजीरिया जैसे अनेक देशो से विशेष तौर पर सीरिया की अशांत स्थति के मद्देनजर बड़ी तादाद् मे शरणार्थी सुरक्षित भविष्य की तलाश मे जान बचा कर वहा से यूरोप की तरफ भाग रहे है, लेकिन शरणार्थियो की लगातार बढती तादाद देखते हुए हंगरी ने कुछ समय के बाद उन्हे अपनी सीमा पर रोक दिया था .गौरतलब है कि इन्ही हालात के बीच तीन् दिन पूर्व सीरिया से रात के अंधेरे मे अवैध रूप से एक नौका से यूनान की और पहुंचने की तडप मे जान गंवा देने वाले दुधमुहे तीन साल के आयलान कुर्दी के तुर्की की समुद्र तट पर पड़े शव ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रखा दिया ,जिसके बाद शरणार्थियो को शरण देने को लेकर यूपीय देशो पर इन्हे शरण देने के लिये दबाव निरंतर बढ रहा है , योरोपीय यूनियन देशो पर निरंतर दबाव है कि किस तरह से इन शरणार्थियो को शरण दी जाये,लेकिन साथ ही यूरोपियन यूनियन के देशों में लगातार बढ़ रही प्रवासियों की संख्या चिंता का कारण बनी हुई है.अपुष्ट ऑकड़ो के अनुसार अकेले जर्मनी में 1992 से लेकर अबतक प्रवासियों की संख्या में 61 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. बढ़ते प्रवासियों की संख्या से सिर्फ जर्मनी ही नहीं बल्कि लगभग पूरे यूरोपियन यूनियन के देश प्रभावित हुए हैं. ग्रीस में मौजूदा आर्थिक संकट और रूस -यूक्रेन के बीच पैदा तनाव से जर्मनी की मुश्किलें बढ़ रही है. इसके साथ सीरिया में फैले आंतकी संगठन इस्लामिक स्टेट की वजह से शरणार्थियों की संख्या लगातार वृद्धि हो रही है. पहले से ही आर्थिक मंदी की शिकार यूरोपियन यूनियन की दूसरी सबसे बड़ी समस्या शरणार्थियों और प्रवासियों का आगमन है. दरअसल सीरिया, इराक और नाइजिरिया जैसे देशों में लगातार आतंक के माहौल की वजह से लोग पलायन कर रहे है. इन लोगों के पास न तो रहने का घर है और न ही नागरिकता . कुछ दिन पूर्व हंगरी के राजधानी बुड़ापेस्ट में पुलिस और शरणार्थियों के बीच झड़प होने की खबरे काफी सुर्खियो मे रही. शरणार्थी ट्रेन चढ़ना चाह रहे थे. उस दौरान सुरक्षा कर्मियों के साथ झड़प हो गयी. यूरोपियन यूनियन के राष्ट्राध्यक्ष इस बात पर विचार कर रहे है कि किस तरह से इस समस्या को निपटा जाये. अकेले हंगरी में इस साल 150,000 शरणार्थी पहुंच चुके है. ज्यदातर शरणार्थी सर्बिया के दक्षिणी सीमा से आ रहे है. हंगरी ने कल था कि उसने शरणार्थियों से भरी बसों को आगे बढ़ने से रोक दिया। ये शरणार्थी बुडापेस्ट के मुख्य रेलवे स्टेशन पर कई दिनों तक फंसे होने के बाद ऑस्ट्रिया की सीमा पर पहुंचे थे। लेकिन ऑस्ट्रिया और जर्मनी के प्रवासियों को शरण देने के फैसले के बाद आज तड़के बस आगे के लिए रवाना हो गए। शरणार्थी संकट से निपटने को लेकर यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में बढ़ते तनाव के साथ हंगरी के अधिकारियों द्वारा रोकी गयी बसें केलेटी रेलवे स्टेशन से रवाना हो गयीं। बस में अस्थायी शिविरों में कई दिनों तक रह रहे लोग सवार थे| इ्सी बीच समुद्र में डूबने से मारे गए सीरियाई बच्चे आयलान के पिता ने कल वापस सीरिया लौटकर अपने पूरे परिवार को सुपुर्दे खाक कर दिया। नन्हें आयलान, उसका छोटा भाई गालिब और मां की सीरिया से भागते वक्त् समुद्र मे डूबने से मौत हो गयी थी। खबरो के अनुसार उसने कनाडा मे उसे शरण दिये जाने की पेशकश ठुकरा दी है जिसकी वह अपने परिवार की खातमे से पहले शिद्दत से कौशिश कर रहा था. उसने अब कहा कि वह सीरिया मे ही रहेगा जहा उसके बच्चो और बीबी की कब्रे है.वी एन आई

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