ग्लास्गो, 26 अगस्त (वीएनआई)| विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में लंदन ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल आज महिला एकल वर्ग के सेमीफाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा से हार गईं। सायना को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा है।
जापानी खिलाड़ी ने सायना को 12-21, 21-17, 21-10 से मात देते हुए फाइनल में प्रवेश किया। रियो ओलम्पिक-2016 में कांस्य हासिल करने वाली ओकुहारा विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाने वाली पहली जापानी खिलाड़ी हैं। अगर सायना मैच जीत जाती तो वह दूसरी बार विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचतीं। इससे पहले 2015 में वह फाइनल में पहुंची थीं, लेकिन उन्हें स्पेन की कैरोलिना मारिन के हाथों हार मिली थी। सायना और ओकुहारा के बीच यह आठवीं भिड़ंत थी। छह बार सायना जीती हैं जबकि दो बार ओकुहारा ने बाजी मारी है। इससे पहले ओकुहारा ने सायना को 2015 दुबई वर्ल्ड सुपर सीरीज फाइनल्स में हराया था।
सायना ने पहला गेम अपने नाम करते हुए जीत की उम्मीद जगाई थी। पहले गेम की शुरुआत में एक समय स्कोर 2-2 से बराबर था। यहां से सायना ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ओकुहारा को 14-6 से पीछे कर दिया। सायना के आक्रामक खेल को देखते हुए विश्व की 12वीं वरीयता प्राप्त ओकुहारा के लिए वापसी करना नामुमकिन साबित हुआ और भारतीय खिलाड़ी 21-12 से गेम जीत ले गईं। लेकिन इसके बाद ओकुहारा ने शानदार वापसी की। दूसरे गेम की शुरुआत में उन्होंने लगातार दो अंक लिए और फिर 8-4 की बढ़त ले ली। हालांकि 16वीं विश्व वरीयता प्राप्त सायना ने वापसी की और स्कोर 9-9 कर लिया। यहां से दोनों खिलाड़ियों के बीच एक-एक अंक की जबरदस्त लड़ाई देखी गई। 16-16 के स्कोर से आगे निकलते ओकुहारा ने आखिर में सायना को 21-17 से हरा दिया। तीसरे गेम में ओकुहारा ने सायना पर एक तरफा दबाव बनाया और यह गेम 21-10 से जीत फाइनल में जगह पक्की की। यह मैच एक घंटे 14 मिनट तक चला।
रविवार को होने वाले फाइनल मुकाबले में ओकुहारा की भिड़ंत चीन की चेन युफेई और भारत की ही पीवी सिंधु के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल की विजेता से होगी। बीते साल रियो ओलम्पिक में रजत पदक जीतने वाली सिंधु ने तीसरी बार विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पक्का किया है। अब देखना है कि क्या वह इस साल अपने पदक का रंग बदल पाती हैं या नहीं। मैच के बाद सायना ने कहा, एक गेम से आगे रहने के बाद हारना काफी निराशाजनक होता है, लेकिन मैं कुल मिलाकर अपने प्रदर्शन से खुश हूं कि मैं हाल ही में चोट से वापसी के बाद सेमीफाइनल में पहुंच सकी। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और मैं इससे खुश हूं। पहला गेम जीतने के बाद लय खोने के बारे में पूछे गए सवाल पर सायना ने कहा, उन्होंने दूसरे गेम में लंबी रैलियों में जीत हासिल की थी और यही उनकी वापसी का मुख्य कारण रहा।"
वहीं पुरुष एकल वर्ग में रियो ओलम्पिक-2016 में खिताब जीतने वाले चीन के चेन लोंग विश्व बैडमिंटन चैम्पियशिप से बाहर हो गए हैं। टूर्नामेंट के आठवें वरीय चेन को शनिवार को सेमीफाइनल में डेनमार्क के स्टार खिलाड़ी विक्टर एक्सेलसन ने मात दी। टूर्नामेंट के तीसरे वरीय खिलाड़ी विक्टर ने चीनी खिलाड़ी को आसानी से 21-16, 21-13 से हराया। यह मुकाबला महज 39 मिनट तक चला। फाइनल में विक्टर का सामना दूसरे सेमीफाइनल में भिड़ने वाले चीन के लिन डैन और दक्षिण कोरिया के सोन वान हू के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने विक्टर के हवाले से लिखा है, "मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैंने इतने आराम से जीतने के बारे में कभी नहीं सोचा था। मैं बेहद खुश हूं। मैंने कुछ गलतियां की। उन्होंने कहा, "ओलम्पिक सेमीफाइनल का बदला लेना मेरे लिए अच्छा रहा। मुझे अपने आप पर गर्व है। वहीं चेन ने कहा कि वह दवाब में आ गए थे, "मैंने पहला अंक हासिल किया और फिर दूसरा हार गया इससे मेरे खेल पर असर पड़ा। दूसरे गेम में मैंने आगे निकलने की कोशिश की लेकिन इसने मेरे ऊपर दबाव बना दिया था। विक्टर काफी अच्छा खेले। उन्होंने कहा, "विक्टर को फाइनल में पहुंचने के लिए बधाई हो। उन्होंने शानदार खेल खेला।
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