नेपाल मे हिंसा प्रदर्शनो के बीच नया संविधान लागू , हिंसा पर भारत चिंतित

By Shobhna Jain | Posted on 20th Sep 2015 | VNI स्पेशल
altimg
काठमांडू, 20 सितंबर (शोभनाजैन,वीएनआई) पिछले आठ साल तक चले गहन विचार विमर्श के बाद प्रदर्शनो और हिंसक घटनाओ के बीच आज शाम नेपाल अन्ततः संघीय, पूर्णत: लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बन गया,नेपाल मे आज इस आशय का नया संविधान लागू कर लिया गया लेकिन इसके साथ ही देश के कई हिस्सों में नए संविधान को लेकर जारी विरोध के मद्देनजर कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है तथा हिंसा की घटनाओ मे एक व्यक्ति मारा गया . भारत से सटी नेपाल सीमा के अनेक हिस्सो मे अल्पसंख्यक मधेसी समूहों ने सात प्रांतों के संघीय ढांचे को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया. भारत ने नेपाल मे नया संविधान लागू होने के बीच वहा लगातार हो रही हिंसा विशेष तौर पर भारत से सटी नेपाल सीमा के अनेक हिस्सो मे हो रही हिंसा पर चिंता जताई है तथा आग्रह किया है कि जिन भी मुद्दो पर मतभेद है उन्हे हिंसा मुक्त और भय् मुक्त माहौल मे बातचीत के जरिये हल किया जाये, भारत ने कहा है कि यह समाधान ऐसा हो कि इसे व्यापक आधार वाली सहमति और मानयता प्राप्त हो. नेपाल मे सौहार्द, प्रगति तथा विकास का यह आधार बनेगा. नेपाल मे भारत के राजदूत रंजीत रे ने इस घटनाक्रम पर नेपाल के प्रधान मंत्री सुशील कोईराला से मुलाकात की.मधेसी नए संविधान के तहत नेपाल को सात प्रांतों में विभाजित करने के प्रावधान का विरोध कर रहे हैं। हालांकि, अभी प्रांतों के नाम और क्षेत्र निर्धारित नहीं किए गए हैं। दक्षिणी इलाकों के जातीय अल्पसंख्यकों का कहना है कि नए संविधान के तहत वे राजनीतिक रूप से पिछड़ जाएंगे। उनके मुताबिक, नए संविधान में उनके अधिकारों को दरकिनार किया गया है। इससे पहले फेडरल सोशलिस्ट फोरम के एक मधेसी नेता शिवाजी यादव ने आरोप लगाया था कि बड़ी पार्टियों ने न सिर्फ अल्पसंख्यक समूहों को कुचलने का प्रयास किया, बल्कि देश को अराजकता के माहौल में भी धकेला है। हिंसा के ्मद्देनजर राजधानी काठमांडू में भी सुरक्षा के कड़े इंतजामात हैं। गौरतलब है कि आज शाम संसद भवन परिसर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति रामबरन यादव ने नए संविधान की घोषणा की। इसके तहत हिंदू बहुल नेपाल अब एक धर्मनिरपेक्ष देश कहलाएगा।इससे पूर्व संविधान सभा मे नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था इससे पहले नेपाल के बीरगंज शहर में नए संविधान के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने फायरिंग की। जिसमें कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई। नेपाल मे भारत के राजदूत रंजीत रे ने आज इस तमाम घटनाक्रम पर नेपाल ले प्रधान मंत्री से मुलाकात की.गौरतलब है कि विदेश सचिव एस जयशंकर ने इसी सप्ताह इस प्रक्रिया के बीच प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के विशेष दूत के रूप् मे नेपाल यात्रा की तथा इस दौरान कहा था कि भारत नेपाल मे नये संविधान बनने की प्रक्रिया का समर्थक है ्लेकिन साथ ही भारत चाहता है कि नेपाल मे नया संविधान बनने का काम जब पूरा हो तो तो वो अवसर खुशी का हो न/न कि हिंसा और प्रदर्शनो . समाचारो के अनुसार, नए संविधान, 2072 को दो-तिहाई बहुमत से पारित कर दिया गया। नए संविधान में 35 खंड, 308 अनुच्छेद और नौ अनुसूचियां हैं। रपट के अनुसार, संविधान सभा की निर्णायक बैठक में सभा के अध्यक्ष सुबास चंद्र नेमबांग ने नए संविधान के अनुच्छेद 296 के तहत सभा को भंग करने की घोषणा की। सभा को भंग करने से पूर्व नेमबांग ने संविधान की विशेषताओं का जिक्र किया। संविधान के अनुसार, अब संविधान सभा संसद में तब्दील हो गई। इससे पहले नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव ने नेपाल के संविधान, 2072 पर हस्ताक्षर कर दिए और इसके साथ ही संविधान के देश में लागू होने की घोषणा की। इससे पहले संविधान सभा की निर्णायक बैठक शुरू हुई जिसमें सभा के अध्यक्ष सुबास चंद्र नेमबांग को संविधान की प्रमाणित प्रति सौंपी गई। संविधान सभा ने नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाए जाने की मांग को ठुकरा दिया। उसके बाद से ही कई हिंदू संगठन नए संविधान का विरोध कर रहे हैं। दक्षिणी इलाके में रहने वाले थारू और मधेसी (नेपाल में बसे हुए मूल रूप से भारतीय) जातीय समूहों की ओर से आयोजित विरोध प्रदर्शन ने नेपाल के कुछ हिस्सों में माहौल को तनाव से भर दिया है। दक्षिणी इलाके में नए संविधान का विरोध करने को लेकर अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वी एन आई

Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india