संघर्षभरे मैच में भारत को इंग्लैंड के हाथों 5 रन से मिली हार, भारत ने सीरीज 2-1 से जीती

By Shobhna Jain | Posted on 22nd Jan 2017 | खेल
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कोलकाता, 22 जनवरी (वीएनआई)| कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में आज खेले गए रोमांचक तीसरे एकदिवसीय मैच में भारतीय टीम को इंग्लैंड के हाथों पांच रन से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि भारत तीन मैचों की श्रृंखला जरूर 2-1 से जीत ली। इस पूरी श्रृंखला ने भारत से लेकर दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों को रोमांच के नए शिखर पर पहुंचाया। महेंद्र सिंह धौनी के अचानक कप्तानी से इस्तीफा देने के बाद भारतीय टीम ने कोहली की कप्तानी में खेल रही थी, लेकिन मार्गदर्शन धौनी का था। तीन एकदिवसीय मैचों की सीरीज में कुल 2090 रन बने, जो तीन या उससे कम मैचों की किसी श्रृंखला में अब तक के इतिहास में सर्वाधिक रन हैं। मैन ऑफ द सीरीज चुने गए भारतीय युवा बल्लेबाज केदार जाधव भारतीय बल्लेबाजी का नया सितारा बनकर उभरे। इंग्लैंड से मिले 321 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम जाधव (90) की जुझारू पारी के बावजूद नौ विकेट खोकर 316 रन ही बना सकी। इंग्लैंड के लिए बल्ले से नाबाद 57 रनों का योगदान देने के बाद सर्वाधिक तीन विकेट चटकाने वाले बेन स्टोक्स को मैन ऑफ द मैच चुना गया। बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। चोटिल शिखर धवन की जगह पारी की शुरुआत करने आए अजिंक्य रहाणे (1) दूसरे ओवर में ही पवेलियन लौट गए। डेविड विली की गेंद पर रहाणे क्लीन बोल्ड हुए। दूसरे सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल (11) भी ज्यादा देर नहीं टिक सके और 37 के स्कोर पर पवेलियन लौटे। उन्हें जैक बॉल ने विकेट के पीछे जोस बटलर के हाथों कैच कराया। इसके बाद कप्तान विराट कोहली (55) ने युवराज सिंह (45) के साथ 65 रनों की साझेदारी कर टीम को स्थिरता प्रदान की। लेकिन दोनों बल्लेबाज रनों की गति तेज नहीं रख पाए। यह साझेदारी 4.75 के औसत से हुई। भारतीय टीम अभी 100 के पार ही पहुंची थी कि कोहली ऊंची उठती गेंद पर बल्ला अड़ाने के चक्कर में विकेट की पीछे बटलर के हाथों लपक लिए गए। कोहली ने 63 गेंदों का सामना किया और आठ चौके लगाए। युवराज सिंह का साथ देने उतरे महेंद्र सिंह धौनी (45) कुल स्कोर में 31 रन ही जोड़ पाए थे कि युवराज सैम बिलिंग्स के हाथों लपक लिए गए। उनका विकेट लियाम प्लंकेट ने लिया। इसके बाद धौनी और जाधव ने रनों की गति तेज करनी शुरू ही की थी कि गेंद ने धौनी के बल्ले का बाहरी किनारा ले लिया। ऊंची उठती गेंद पर धौनी ने तेज शॉट खेलने की कोशिश की लेकिन बटलर को कैच थमा बैठे। भारतीय टीम 173 के कुल योग पर पांच अहम विकेट गंवा चुकी थी और हार की ओर बढ़ती नजर आने लगी थी। लेकिन यहां से जाधव और हार्दिक पांड्या (56) ने 7.51 के तेज औसत से 104 रन जोड़ते हुए फिर से भारतीय क्रिकेट प्रेमियों में जीत की आस जगा दी। पांड्या ने 43 गेंदों में चार चौके और दो छक्के जड़े। तेज शॉट खेलने के प्रयास में पांड्या गेंद की लाइन समझ नहीं पाए और बेन स्टोक्स की गेंद ने उनकी गिल्लियां बिखेर दीं। रवींद्र जडेजा (10) का शॉट तो तेज लगाया था, लेकिन वह सीमारेखा पर खड़े बेयरस्टो को पार नहीं कर सके। रविचंद्रन अश्विन (1) भी ऊंचा शॉट खेलने के प्रयास में स्टोक्स के हाथों कैच कर लिए गए। भारत को आखिरी के तीन ओवरों में 27 रनों की दरकार थी, लेकिन 48वें ओवर में भारतीय टीम सिर्फ चार रन जोड़ सकी। अब सारी उम्मीदें जाधव पर टिकी हुई थीं। आखिरी ओवर में भारत को 16 रनों की दरकार थी और जाधव ने पहली गेंद पर छक्का और दूसरी गेंद पर चौका लगाकर लक्ष्य भारत की जद में ला दिया। लेकिन अगली लगातार दो गेंदों पर रन बना पाने का दबाव उन पर नजर आने लगा। इस बीच उन्होंने बल्ला बदला और अगली गेंद पर तेज शॉट भी लगाया, लेकिन गेंद सीमारेखा को पार नहीं कर सकी और बिलिंग्स ने कैच थामने में कोई गलती नहीं। जाधव ने 74 गेंदों की तेज तर्रार पारी में 12 चौके और एक छक्का लगाया। अब भारत को आखिरी गेंद पर छह रन चाहिए थे और सामने थे भुवनेश्वर कुमार। भुवनेश्वर हालांकि गेंद को छू भी नहीं सके और इंग्लैंड ने मैच पांच रन से अपने नाम कर लिया। इंग्लैंड के लिए स्टोक्स ने तीन और जैक बॉल तथा क्रिस वोक्स ने दो-दो विकेट लिए। विली और प्लंकेट को एक-एक विकेट मिला। इससे पहले, इंग्लैंड ने जेसन रॉय (65), बेयरस्टो (56), कप्तान इयान मोर्ग (43) और स्टोक्स (नाबाद 57) के संयुक्त प्रयास से आठ विकेट पर 320 रनों का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया था। टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की शुरुआत अच्छी रही। जेसन रॉय (65) और सैम बिलिंग्स (35) की सलामी जोड़ी ने बेहद सहजता के साथ खेलते हुए 98 रनों की साझेदारी की। 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर रवींद्र जडेजा ने भारत को पहली सफलता दिलाई। जडेजा की गेंद पर बिलिंग्स जसप्रीत बुमराह के हाथों लपके गए। जडेजा ने अपने अगले ही ओवर में रॉय के संघर्ष पर भी विराम लगाया। 56 गेंदों में 10 चौके और एक छक्का लगाकर आक्रामक अंदाज में खेल रहे रॉय क्लीन बोल्ड होकर पवेलियन लौटे। हालांकि लगातार दो झटकों का इंग्लैंड पर कोई असर नहीं हुआ। कप्तान इयान मोर्गन (43) ने जॉनी बेयरस्टो (56) के साथ तीसरे विकेट के लिए छह की औसत से 84 रन जोड़े। 44 गेंद पर दो चौका और तीन छक्का लगाने के बाद मोर्गन 34वें ओवर की चौथी गेंद पर 194 के कुल योग पर पवेलियन लौटे। मोर्गन को हार्दिक पांड्या ने बुमराह के हाथों कैच कराया। पांड्या ने जल्द ही भारत को एक और सफलता दिला दी। बेयरस्टो का साथ निभाने आए जोस बटलर (11) खास योगदान नहीं दे सके और 38वें ओवर की आखिरी गेंद पर जडेजा के हाथों लपके गए। इसके बाद इंग्लैंड ने रनों की गति तेज करनी शुरू की, हालांकि इस प्रयास में बेयरस्टो और मोइन अली (2) जल्दी-जल्दी अपने विकेट गंवा बैठे। 43 ओवरों में इंग्लैंड 246 के स्कोर पर छह विकेट गंवा चुका था। यहां से इंग्लैंड 300 के आस-पास पहुंचता दिख रहा था। लेकिन बेन स्टोक्स (नाबाद 57) और क्रिस वोक्स (34) ने सातवें विकेट के लिए करीब 11 की औसत की तेज गति से 73 रन बटोरते हुए इंग्लैंड को 320 रनों के चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचाया। आखिरी ओवर में इंग्लैंड के दो बल्लेबाज रन आउट हो पवेलियन लौटे। 40 ओवरों में चार विकेट पर 225 रन बना चुकी इंग्लैंड टीम ने आखिरी के 10 ओवरों में 95 रन जोड़े। भारत के लिए हार्दिक पांड्या ने तीन रवींद्र जडेजा ने दो और बुमराह ने एक विकेट के लिया। तीन मैचों की श्रृंखला में भारत पहले 2-0 से अजेय बढ़त हासिल कर चुका है।

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