मुम्बई, 10 नवंबर (वीएनआई)| इंडियन सुपर लीग के तीसरे सीजन में एफसी पुणे सिटी ने आज मुम्बई फुटबाल एरेना में खेले गए नौवें मुकाबले में मेजबान मुम्बई सिटी एफसी को 1-0 से हरा दिया।
इयुजेनसन लिंगदोह द्वारा 89वें मिनट में किए गए गोल की मदद से गोल के कारण मुम्बई को अधिक नुकसान हुआ क्योंकि वह इस मैच से हासिल तीन अंकों के साथ आठ टीमों की तालिका में फिर से शीर्ष पर पहुंच सकता था। दिल्ली डायनामोज ने बुधवार को अपने घर में चेन्नयन एफसी को 4-1 से हराते हुए उसे शीर्ष से बेदखल किया था। मुम्बई के 10 मैचों से 15 अंक हैं। दिल्ली के 16 अंक हैं। दूसरी ओर, पुणे 12 अंकों के साथ शीर्ष-4 में पहुंचने में सफल रहा। एटलेटिको दे कोलकाता और केरला ब्लास्टर्स के भी 12-12 अंक हैं लेकिन गोल अंतर के लिहाज से पुणे अब केरला से बेहतर स्थिति में है। इसके साथ पुणे ने तीन अक्टूबर को मुम्बई के हाथों अपने घर में मिली हार का हिसाब भी बराबर कर लिया है।
मैच का एकमात्र गोल लिंगदोह ने नारायण दास के क्रास पास पर किया। नारायण का क्रास गोलपोस्ट की ओर आता देख मुम्बई के गोलकीपर एल्बीनो गोम्स उसे रोकने के लिए आगे बढ़े लेकिन वह उसे रोकने में पूरी तरह सफल नहीं हुए। लिंगदोह वहीं मौजूद थे और उन्होंने गेंद को अपने कब्जे में लेकर गोलपोस्ट में डाल दिया। पूरे मैच में हावी होने के बाद भी मुम्बई को हार का सामना करना पड़ा। घर में उसकी किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। मुम्बई ने इस मैच में कई अच्छे प्रयास किए लेकिन उसे सफलता नहीं मिली और दूसरी ओर, अंतिम पलों में किस्मत ने पुणे का साथ दिया और उसने गोल करते हुए इस सीजन की अपनी तीसरी जीत दर्ज की।
मैच का पहला हाफ आक्रमण के लिहाज से लगभग सूखा रहा लेकिन डिफेंस के लिहाज से यह काफी रोचक रहा। इस हाफ में गोल करने का सिर्फ एक मौका बना और वह मुम्बई के पक्ष में गया लेकिन मुम्बई की टीम इसे भुना नहीं सकी। मथायस डेफेड्रिको 35वें मिनट में गोल करने के करीब थे लेकिन पुणे के गोलकीपर एडेल बेटे ने करीब से लिया गया उनका प्रयास बेकार कर दिया। दूसरे हाफ में मुम्बई के कप्तान डिएगो फोर्लान के नेतृत्व में उसकी आक्रमणपंक्ति ने 56वें, 63वें, 75वें और 85वें मिनट में जोरदार हमले किए लेकिन एडेल बेटे तथा रक्षापंक्ति ने अपने संयुक्त प्रयासों से उन्हें नाकाम कर दिया। इस मैच में खेल के हर विभाग में मुम्बई हावी रहा लेकिन भारतीय कप्तान सुनील छेत्री की वापसी के बावजूद किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया।