मोहाली (पंजाब), 5 नवंबर (वीएनआई)। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) मैदान पर खेला जा रहा है, पहले दिन भारत के 201 रन के जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने 28/2 रन बनाये। भारत के पास अभी भी पहली पारी के आधार पर 173 रन की बढ़त प्राप्त है।
इससे पहले भारतीय कप्तान कोहली ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाज़ी का निर्णय लिया। पहले दिन भारत की पहली पारी 201 रन पर सिमटी, मुरली विजय ने 75 रन, रविन्द्र जडेजा ने 38 और पुजारा ने 31 रन बनाये। जवाब में दिन का खेल ख़त्म होने तक दक्षिण अफ्रीका ने 28/2 रन बना लिए थे। आमला 9 और एल्गर 13 रन बनाकर खेल रहे है।
पहले सत्र लंच तक भारत ने 27 ओवर में 82/3 रन बनाये। भारत के लिए दिन की शुरुआत बेहद ख़राब रही और भारत के स्कोर में बिना रन जुड़े ही सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन को फिलेंडर ने शून्य पर आउट कर पहली सफलता दिलाई। उसके बाद पुजारा और मुरली विजय के बीच दूसरे विकेट के लिए 63 रन लो साझेदारी को एल्गर ने तोडा और पुजारा को 31 रन पर एलबीडबल्यू कर पवेलियन भेज दिया। उसके बाद कप्तान कोहली अपने जन्मदिन पर सिर्फ 1 रन का योगदान देकर रबादा के पदार्पण मैच में पहला शिकार बने।
दिन के दूसरे सत्र चायकाल तक भारत ने 55 ओवर में 168 /7 रन बना लिए थे। लंच के बाद मुरली विजय और रहाणे की साझेदारी को एल्गर ने आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया और पहले रहाणे को 15 के योग पर अपना शिकार बनाया, फिर साहा को बिना खाता खोले ही पवेलियन भेज दिया था। मुरली विजय भी अपना अर्धशतक बनाने के बाद 75 के योग पर हार्मर की गेंद पर एलबीडबल्यू होकर पवेलियन लौटे। भारत का स्कोर 150 के पार पहुंचा ही था कि एल्गर ने एक बार फिर भारत को झटका दिया और मिश्रा को 6 के योग पर आउट कर सातवी सफलता दिलाई।
चायकाल के बाद भारत की टीम अपने स्कोर में ज्यादा कुछ जोड़ न सकी और दक्षिण अफ़्रीकी गेंदबाज़ो ने भारत की पारी को 201 रन पर समेट दिया। फिलैंडर ने जडेजा को 38 पर आउट किया, उमेश को 5 रन पर और वरुण को शून्य पर ताहिर ने अपना शिकार बनाया। दक्षिण अफ्रीका की तरफ से एल्गर ने चार विकेट लिए, फिलेंडर और ताहिर ने दो- दो विकेट लिए।
जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम भी अच्छी शुरुआत नहीं दे सकी और आश्विन ने वान ज़ील को 5 रन पर एलबीडबल्यू आउट कर पहली सफलता दिलाई। जडेजा ने भी डुप्लेसिस को खाता खोलने का मौका नहीं दिया और शून्य पर गिल्लियां उड़ाकर भारत को दूसरी सफलता दिलाई।